गणपति बप्पा का पसंदीदा व्यंजन मोदक का नाम तो सुना ही होगा।

मोदक (Steamed Dessert Dumplings)

मोदक महाराष्ट्र में खाया जाने वाला, गणेश जी का प्रिय व्यंजन है. महाराष्ट्र में, गणेश पूजा के अवसर पर मोदक (Rice modak) घर घर में बनाया जाता है। मोदक बनाने में घी तो लगता ही नही इसलिये आप इसे जितना चाहें उतना खा सकते हैं। 


सामग्रीयाँ - Ingredients :
चावल का आटा - 2 कप
कच्चे नारियल - 2 कप ( बारीक कद्दूकस किया हुआ )
काजू - 4 टेबल स्पून ( छोटे छोटे टुकड़ों में काट लीजिये )
किशमिश - 2-3 टेबल स्पून
खसखस - 1 टेबल स्पून ( गरम कढ़ाई में डालकर हल्का सा रोस्ट कर लीजिये)
इलाइची - 5 -6( छील कर कूट लीजिये )
गुड़ - 1.5 कप (बारीक तोड़ा हुआ)
घी - 1 टेबल स्पून
नमक - आधा छोटी चम्मच

बनाने की विधि - How to make Modak :
गुड़ और नारियल को कढ़ई में डाल कर गरम करने के लिये रखें। चमचे से चलाते रहें। गुड़ पिघलने लगेगा चमचे से लगातार चला कर भूने, जब तक गुड़ और नारियल का गाढ़ा मिश्रण न बन जाय। इस मिश्रण में काजू, किशमिश, खसखस और इलाइची मिला दें. यह मोदक में भरने के लिये पिठ्ठी तैयार है। 
 
2 कप पानी में 1छोटी चम्मच घी डाल कर गरम करने रखिये। जैसे ही पानी में उबाल आ जाय, गैस बन्द कर दीजिये और चावल का आटा और नमक पानी में डाल कर चमचे से चला कर अच्छी तरह मिला दीजिये और इस मिश्रण को 5 मिनिट के ढक कर रख दीजिये।

अब चावल के आटे को बड़े बर्तन में निकाल कर हाथ से नरम आटा गूथ कर तैयार कर लीजिये। यदि आटा सख्त लग रहा हो तो 1 - 2 टेबल स्पून पानी और डाल सकते हैं, एक प्याली में थोड़ा घी रख लीजिये। घी हाथों में लगाकर आटे को मसलें, जब तक कि आटा नरम न हो जाय। इस आटे को साफ कपड़े से ढक कर रखें।

हाथ को घी से चिकना करें और गूथे हुये चावल के आटे से एक नीबू के बराबर आटा निकाल कर हथेली पर रखें, दूसरे हाथ के अँगूठे और उंगलियों से उसे किनारे पतला करते हुये बढ़ा लीजिये, उंगलियों से थोड़ा गड्डा करें और इसमें 1 छोटी चम्मच पिठ्ठी रखें। अँगूठे और अँगुलियों की सहायता मोड़ डालते हुये ऊपर की तरफ चोटी का आकार देते हुये बन्द कर दीजिये। सारे मोदक इसी तरह तैयार कर लीजिये।

किसी चौड़े बर्तन में 2 छोटे गिलास पानी डाल कर गरम करने रखें। जाली स्टैन्ड लगाकर चलनी में मोदक रख कर भाप में 10 - 12 मिनिट पकने दीजिये. आप देखेंगे कि मोदक स्टीम में पककर काफी चमक दार लग रहे हैं।
मोदक तैयार हैं।

मोदक (Modak) को प्लेट में निकाल कर लगायें और गरमा गरम परोसिये और खाइये।

फगुआ में मालपुआ मज़ा दोगुना हो जाता है।

मालपुआ (Malpua) 

होली में मालपुआ (Malpua) उत्तर भारत में बनायी जाने वाली रैसिपी है। ये बहुत ही स्वादिष्ट होते है और इन्हैं बनाने का तरीका बहुत आसान है। 

मालपुआ को रबड़ी या खीर के साथ भी खाते है। इन्हैं खीरपूआ भी कहा जाता है। राजस्थान में मालपुआ में मावा मिलाकर, मावा मालपुआ (Mawa Malpua) भी बनाते हैं। आईये आज हम मालपुआ (Malpua) बनायें।

 

सामग्रीयाँ - Ingredients :
गेहूं का आटा - 1कप (125 ग्राम)
चीनी — 1/4 कप (50 ग्राम)
दूध -- 1/4 कप (50 ग्राम)
देशी घी - तलने के लिये
बनाने की विधि - How to make Malpua :
चीनी को किसी प्याले में डाल लीजिये और दूध डालकर चीनी घुलने तक घोलिये। दूध और चीनी के घोल में आटे को डालिये और गुठलियां खतम होने तक घोल लीजिये। अब इतना पानी डालिये कि घोल पकोड़े के घोल के जैसा गाढ़ा हो जाय। घोल को अच्छी तरह से 4-5 मिनिट तक मिक्स करते हुये फैट लीजिये। घोल को एकदम चिकना होने तक फैटते रहिये। 

चौड़े तले की कढ़ाई (जो कम गहरी हो) में घी डाल कर गरम कीजिये। अब चमचे में घोल भर कर कढ़ाई में गोल-गोल फैला कर डालिये। धीमी और मीडियम आंच पर माल पुये तलिये। हल्के गुलाबी होने पर मालपूआ निकाल कर प्लेट में रखिये। इतने घोल में करीब 8-10 माल पुये बन जायेंगे। सारे मालपूये इसी तरह तैयार कर लीजिये।

मालपुये (Malpua) तैयार है। इन्हें गरमा-गरम या ठंडे कैसे भी खीर या हरी धनिये की चटनी, टमाटर की चटनी या खट्टा नीबू के अचार के साथ परोसिये और खाइये।

ध्यान देने योग्य बातें :
मालपूआ के मिश्रण में डालने के लिये दूध की जगह दही भी लिया जा सकता है। दही और दूध दोनों को मिक्स करके भी ले सकते हैं।

चाय के साथ अगर गुजराती मसाला खाखरा हो तो बात ही कुछ और हो।

मसाला खाखरा (Masala Khakhra Recipe) 

गुजराती मसाला खाखरा दिखने में पापड़ या पतले परांठे जैसी एकदम कुरकुरा होता है। चाय के साथ कुरकुरे मसाला खाखरा खाने का मज़ा ही कुछ और है। यह अनेक तरह से जैसे मसाला, जीरा, मेथी, अजवायन और अन्य फ्लेवर में बनाया जाता है। सबसे बड़ी बात कि इसे बनाना बहुत ही ज्यादा आसान है। 


इसकी शेल्फ लाइफ भी बहुत अधिक होती है। अगर आप कहीं सफर में जा रहे हैं तब थेपला और खाखरा ले जाना मत भूलियेगा। 

10 खाखरा बनाने के लिये

सामग्रीयाँ - Ingredients :
गेहूं का आटा - 1 कप (150 ग्राम)
बेसन - 2 टेबल स्पून (20 ग्राम)
दूध - ½ कप
कसूरी मेथी - 1 टेबल स्पून
अजवायन - ¼ छोटी चम्मच
तेल - 2-3 टेबल स्पून
हींग - 1 चुटकी
हल्दी पाउडर - ¼ चम्मच
जीरा - ¼ चम्मच
लाल मिर्च पाउडर - ¼ छोटी चम्मच
हरी मिर्च - 1 (बारीक कटी हुई)
नमक - स्वदानुसार
बनाने की विधि - How to make :
एक बड़े बर्तन में गेहूँ का आटा निकाल लीजिए। इसमें बेसन, कसुरी मेथी, अजवायन, हींग, हल्दी पाउडर, जीरा, लाल मिर्च पाउडर, बारीक कटी हरी मिर्च, नमक और 2 छोटे चम्मच तेल डालकर सभी चिजों को अच्छी तरह मिला लीजिए। थोड़ा-थोड़ा दूध डालते हुए चपाती के आटे से थोड़ा सख्त आटा गूंथ कर तैयार कर लीजिए। आवश्यकता हो तो 1-2 चम्मच पानी डाल दीजिये। अन्यथा छोड़ दीजिये। 

आटे को ढक कर 15 से 20 मिनिट के लिए रख दीजिए। जैसा सेट होने के लिए करते हैं।

अब आटा तैयार है। हाथ पर थोड़ा सा तेल लगाकर आटे को मसल लीजिए। आटे से छोटी छोटी लोईयां तोड़ लीजिए। अब एक लोई उठाएं और इसे अच्छे से मसलते हुए गोल बना कर वापस बर्तन में रख लें और सारी लोइयां इसी तरह से बनाकर तैयार कर लें। अब एक लोई चकले पर रख कर बेलें। जैसे ही ये चकले से चिपके, उठाकर सूखे आटे में लपेटें और एकदम पतला पापड़ के जैसा बेल कर तैयार कर लीजिए।

तवा गरम कीजिए और पतले बेले हुए खाखरा को तवे पर डाल दीजिए। निचली सतह थोड़ी ही सिकने पर खाखरा के ऊपर की सतह का कलर कुछ गहरा हो जाता है। अब इसे पलटिये। दूसरी सतह पर भी ऎसी ही सिक जाने पर इसे फिर से पलट दीजिए। किसी साफ सूती कपड़े से खाखरा को चारों ओर से हल्का दबाव देते हुए मीडियम आंच पर, पलट पलट कर, खाखरा के दोंनो ओर ब्राउन चित्ती आने तक सेक लीजिये।

सिके हुये खाखरा को प्लेट में रख लीजिए। अब इसी प्रकार सारे खाखरा बना कर तैयार कर लीजिए।

खाखरा को तेल लगाकर भी बना सकते हैं। 
खाखरा को बेल कर तवे पर डालें और दोनों ओर तेल लगाकर, इसी तरह दोंनो ओर हल्की चित्ती आने तक सेक लीजिए। तेल वाले खाखरा को सेकने के लिये कपड़े या कटोरी से दबा दबा कर सेंके।
खाखरा को पूरी तरह से ठंडा होने पर इन्हें कंटेनर में भर कर रख दीजिए और 6-7 दिनों तक खाते रहें।

ध्यान देने योग्य बातें :
1. खाखरा को एकदम पतला बेलें तभी वो अच्छा क्रिस्प होकर बनेगा।
2. खाखरा को धीमी और मीडियम आंच पर ही सेकें।

आलू बाकरवड़ी

आलू बाकरवड़ी (Aloo Bhakarwadi Recipe)

महाराष्ट्र हो या गुजरात यहाँ की परम्परागत व्यंजन आलू बाकरवड़ी को हम नाश्ते के रूप में बना सकते हैं। साथ ही किसी भी पार्टी के लिये बनाकर स्टारटर के रूप में भी परोस सकते हैं। 





35 से 40 बाकरवड़ी बनाने के लिये

सामग्रीयाँ - Ingredients :

आटा लगाने के लिये
मैदा - 1 कप
मैदा - 2 टेबल स्पून (घोल बनाने के लिये)
नमक - ¼ छोटी चम्मच
अजवायन - ¼ छोटी चम्मच

स्टफिंग के लिए 
आलू - 4 (300 ग्राम) उबले हुए
धनिया पाउडर - 1 छोटी चम्मच
अदरक - 1/2 छोटी चम्मच (पेस्ट)
हरी मिर्च - 1 छोटी चम्मच (पेस्ट)
लाल मिर्च पाउडर - 1/4 छोटी चम्मच
अमचूर पाउडर - 1/2 छोटी चम्मच
हरा धनिया - 2-3 टेबल स्पून (बारीक कतरा हुआ)
नमक - स्वादानुसार


बनाने की विधि - How to make :
एक बड़े प्याले में मैदा ले लीजिए। 1/4 छोटी चम्मच नमक, 1/4 छोटी चम्मच अजवायन, 2 टेबल स्पून तेल डालकर सभी चीजों को अच्छे से मिला दीजिए और थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए, थोड़ा सख्त पूरी के जैसा आटा गूंथ कर तैयार कर लीजिए।

गुंथे आटे को ढक कर 15 से 20 मिनिट के लिये रख दीजिये, ताकि आटा सैट हो जाय। जब तक आटा सैट होता है तब तक आलू की स्टफिंग बनाकर तैयार कर लीजिये।

आलू को छील कर, बारीक तोड़ लीजिये। अब इसमें धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, अमचूर पाउडर, नमक, अदरक का पेस्ट, हरी मिर्च का पेस्ट और बारीक कटा हरा धनिया डालकर अच्छी तरह से मिला लीजिए। स्टफिंग तैयार है। 

गुंथे आटे को 2 भागों में बांट लीजिये। एक भाग को उठाइये, मसल कर चपटा करके लोई बना लीजिये। लोई को चकले पर रखिये और पूरी जैसा पतला बेल लीजिये। बेले हुई पूरी के ऊपर आलू की आधी स्टफिंग रख कर दीजिए और चम्मच से पिठ्ठी को दबाते हुये चारों तरफ पतला एक जैसा बिछा दीजिये।

पूरी के ऊपर पिठ्ठी लगाने के बाद पूरी को एक तरफ से उठाते हुये मोड़िये और रोल बना लीजिये।

अब 2 टेबल स्पून मैदा में थोड़ा सा पानी डालकर मैदे का घोल तैयार कर लीजिए। अब किनारे में घोल लगाते हुए पूरा मोड़ दीजिए। जिससे यह अच्छे से चिपक जाता है। दोनों ओर के खुले किनारे हाथ से दबाकर बन्द कर दीजिये।

रोल को आधा - पौना सेमी चौड़ाई के टुकड़े करते हुये। काट कर तैयार कर लीजिये। सारे टुकड़े काटने के बाद, दूसरी लोई को भी बेलकर इसी तरह स्टफिंग भरते हुए तैयार कर लीजिए और टुकड़ों में काट लीजिए।

बाकरवड़ी तलने के लिये कढ़ाई में तेल डालकर गरम कीजिये। तेल अच्छी तरह गरम होने पर बाकरवड़ी को मैदा के घोल में डुबाकर निकाल लीजिए और गरम तेल में डाल दीजिए। इसी तरह से सभी बाकरवड़ी को मैदा के घोल में डुबोते हुए गरम तेल में डालें। जितनी बाकरवड़ी एक बार तेल में डाली जा सकें डाल दीजिये। मध्यम आग पर बाकरवड़ी को सब तरफ से ब्राउन होने तक तल कर निकाल लीजिये। सारी बाकरवड़ी इसी तरह तल कर निकाल लीजिये।

स्वादिष्ट खस्ता आलू बाकरवड़ी तैयार है। इतने आटे में लगभग 35 से 40 बाकरवड़ी बनकर के तैयार हो जाती हैं। गरमा-गरम बाकरवड़ी हरी चटनी या मीठी चटनी या अपनी मनपसंद चटनी के साथ परोसिये।

ध्यान देने योग्य बातें :
आलू को अच्छी तरह से दबाते हुये पूरी के ऊपर बिछा कर रोल बनायें। मैदा का घोल पतला बनायें।

स्पंजी ढोकला बेकिंग सोडा के साथ

स्पंजी ढोकला बेकिंग सोडा के साथ (Khaman Dhokla using Baking Soda)

एकदम कम तेल में बना हुआ बेसन का स्पंजी, खट्टा मीठा और बहुत ही सोफ्ट ढोकला खाने को मिले तो हम सब उसे बड़े ही प्यार से खाना पसन्द करेंगे. ढोकला हम ईनो साल्टमिला कर भी बनाते हैं और बेकिंग सोडा मिला कर भी. आज हम बेकिंग सोडा मिलाकर ढोकला बना रहे हैं। 





सामग्रीयाँ - Ingredients :
बेसन - 1.5 कप (150 ग्राम )
टाटरी पाउडर (टार्टरिक एसिड) - 1 छोटी चम्मच
तेल - 2 छोटी चम्मच
चीनी - 4 छोटी चम्मच
बेकिग सोडा - 1/3 छोटी चम्मच
पानी - 3/4 कप

नमक - स्वादानुसार

तड़के के लिये
राई - आधा छोटी चम्मच
करी पत्ता - 10-12
हरी मिर्च - 3-4 ( 2 भागों में लम्बाई में काटी हुई)
चीनी - 2 छोटी चम्मच
ताजा नारियल कद्दूकस किया हुआ - 2-3 टेबल स्पून
हरा धनियां - 1-2 टेबल स्पून
तेल - 1-2 छोटी चम्मच
पानी - 1 कप


बनाने की विधि - How to make :
प्याले में टाटरी पाउडर और चीनी डालिये। आधा कप पानी डालिये। टाटरी और चीनी को अच्छी तरह घुलने तक घोल लीजिये। बेसन डालिये और गुठलियां खतम होने तक, चिकना, गाढ़ा घोल बनाकर तैयार कर लीजिये। बैटर को ढककर 10 मिनिट के लिये रख दीजिये। तब तक ढोकला पकाने की तैयारी की जा सकती है। 

ढोकला पकाने के लिये एसा बर्तन जिसमें, थाली आसानी से रखी जा सके और वह अच्छी तरह ढका जा सके। उसमें 2 कप पानी डालिये और गरम करने के लिये रख दीजिये।

थाली जिसमें ढोकला पकाना है, उसमें तेल डालकर अच्छी तरह चिकना कर लीजिये।

बेसन के घोल में नमक, 2 टेबल स्पून तेल डालकर अच्छी तरह मिलाइये। बेकिंग सोडा डालिये और सोडा के मिलने तक मिला दीजिये। घोल को थाली में डालिए, खटखटा कर एक जैसा फैला दीजिये।

पानी में उबाल आने पर बर्तन के अन्दर जाली स्टेन्ड डालिये और थाली को स्टेन्ड के ऊपर रखिये। बर्तन जिसमें पानी उबल रहा है, उसे ढक दीजिये और मीडियम आंच या इतनी आग जलाते हुये कि ढोकला में अच्छी भाप बनती रहे, पानी उछल उछल कर बाहर न आये। ढोकला को 20 मिनिट तक पकने दीजिये।

ढोकला को चैक करने के लिये, बर्तन को खोलिये, चाकू को ढोकला के अन्दर डालकर देखिये। चाकू की नोक पर ढोकला का बैटर चिपक कर नहीं आना चाहिये। चाकू साफ निकले तो ढोकला पक कर तैयार है। 

ढोकला को बर्तन से निकाल कर बाहर रख लीजिये। ठंडा होने पर चाकू की सहायता से पहले थाली के किनारे से ढोकला को अलग कीजिये। अब कोई भी दूसरी थाली ढोकला की थाली पर रखिये। ढोकला की थाली को उल्टा कीजिये और थपथपा दीजिये। ढोकला दूसरी थाली में निकल आता है। ढोकला को टुकड़ों में काट लीजिये। यदि आप चाहें तो ढोकला को ठंडा होने पर उसी थाली में अपने मन पसन्द टुकड़ों में काट सकते हैं। 

तड़का लगाइये:
पैन में 2 छोटे चम्मच तेल डालकर गरम कीजिये। राई डालिये, राई तड़कने पर करी पत्ता डालिये। हरी मिर्च डालकर हल्का सा भून लीजिये। 1 कप पानी डालिये, 2 छोटी चम्मच चीनी डालिये। पानी में उबाल आने तक पका लीजिये। 
तड़के के पानी को चम्मच से ढोकला के चारों ओर ऊपर से डालिये। हरी मिर्च, हरा धनिया और नारियल डालकर ढोकला की गार्निस कीजिये।

बहुत ही अच्छा, स्पंजी और एकदम सॉफ्ट ढोकला बनकर तैयार है। ढोकला को हरे धनिये की चटनी, नारियल की चटनी के साथ सर्व कीजिये और खाइये। 

ध्यान देने योग्य बातें :
1. ढोकला का बैटर पतला और बहुत गाढ़ा होने पर ढोकला अच्छा नहीं फूलता, स्पंजी नहीं बनता। 

2. बेकिंग सोडा डालने के बाद, घोल को ज्यादा फेंटा जाय तो सोडा के रियेक्सन से बनी गैस बाहर निकल जाती हैं और ढोकला अच्छा स्पंजी नहीं बनता है। 

3. ढोकला का बैटर बनाने में टाटरी की जगह 2 टेबल स्पून नीबू का रस डाला जा सकता है। 

आप माइक्रोवेव में भी खांडवी बना सकते हैं।

माइक्रोवेव में बनी खांडवी (Khandvi, Gujarati Street Food in  Microwave)

बच्चों और बड़ों दोनों को पसन्द आने वाली गुजराती खान्डवी को माइक्रोवेव में और भी आसानी ने बनाया जा सकता है क्योंकि माइक्रोवेव में न तो खान्डवी के घोल को चलाते रहना पड़ता और इसमें गुठले पड़ने का डर भी नहीं रहता है। 


3 से 4 लोगों के लिये

सामग्री - Ingredients :
बेसन - 1 कप (100 ग्राम)
दही- 1 कप (200 ग्राम)
हरा धनियाँ - 2 से 3 टेबल स्पून (बारीक कटा हुआ)
तेल- 2 से 3 टेबल स्पून
हल्दी पाउडर - 1/4 छोटी चम्मच से आधी
हरी मिर्च - 2 (बारीक काटी हुई)
करी पत्ता - 8 - 10 पीस
राई - आधा छोटी चम्मच
तिल - 1 छोटी चम्मच
हींग - 1 चुटकी
नमक - स्वादानुसार

बनाने की विधि - How to Make :
मिक्सर के जार में दही, बेसन और 2 कप पानी डालकर एकदम चिकना घोल तैयार कर लीजिए। (घोल को प्याले में फैट कर भी तैयार कर सकते हैं)। घोल को माइक्रोवेव सेफ प्याले में डालिये। नमक, हल्दी, हींग और 1 टेबल स्पून तेल डाल कर मिक्स कीजिए।

प्याले को माइक्रोवेव में रख कर 2 मिनिट के लिए माइक्रोवेव कर लीजिए। प्याला बाहर निकालें और अच्छे से चला दें। प्याले को फिर से माइक्रोवेव में रख दें और 2 मिनट के लिये माइक्रोवेव कर लें। बाहर निकालें और अच्छी तरह से चलाएं। फिर से 2 मिनिट माइक्रोवेव कर लें फिर से बाहर निकालें और अच्छे से चलाएं। 

फिर से 1 मिनिट के लिए माइक्रोवेव कर लीजिए (घोल को 7 मिनट माइक्रोवेव किया है) प्याले को बाहर निकालें और घोल को अच्छे से चलाएं। खांडवी बनाने के लिए घोल तैयार है। 

घोल फैलाने के लिए थाली या ट्रे ले लीजिये। थाली में तेल लगाने की आवश्यकता नहीं है। खांडवी के घोल को थाली या ट्रे में पतला-पतला फैला दीजिये। घोल को पतला फैला दीजिये।

10 से 15 मिनिट में यह मिश्रण ठंडा हो कर जम जाता है। इस जमी हुई परत को चाकू की सहायता से 6 इंच लम्बी 2 इंच चौड़ी पट्टियाँ में काट लीजिये और इन पट्टियों का रोल बना लीजिये। सारे रोल को थाली में लगा दीजिये। 

अब छोटी कढ़ाई में तेल डाल कर गरम कीजिये। हरी मिर्च को लम्बाई में काट लीजिए। गरम तेल में राई डाल दीजिये और राई भूनने पर इसमें तिल, करी पत्ता और हरी मिर्च डालिये और हल्का सा भून लीजिये। इस मसाले मिले तेल को चम्मच की सहायता से खांडवी के ऊपर डाल दीजिये। हरे धनिये और नारियल से सजाइये।

माइक्रोवेव में बनी बहुत ही अच्छी खान्डवी तैयार है। खान्डवी को अपनी मनपसन्द चटनी के साथ खाइये और परोसिये।

ध्यान देने योग्य बातें :
बेसन के घोल को बिलकुल चिकना होने तक घोलें। गुठलियां बिलकुल नहीं रहनी चाहिये।

स्वादिष्ट बेसन मेथी का थेपला

बेसन मेथी का थेपला (Missa Methi Thepla)

गुजराती थेपला अनेक तरह से बनाये जाते हैं। बेसन और गैंहू का आटे को मेंथी और देशी मसाले मिलाकर बने मेंथी के मिस्से थेपला बनायें। आप इन्हें टिफिन में तो रख ही सकते हैं, कहीं घूमने जायें तो थेपला बनाकर ले जायें। ये 3 - 4 दिन तक खराब नहीं होते।


12 थेपला के लिये

सामग्रीयाँ - Ingredients :
गेहूं का आटा - 1 कप (150 ग्राम)
बेसन - 1/4 कप (25-30 ग्राम)
मेंथी - 1/2 कप (बारीक कटी हुई)
दही - 1/4 कप
धनियां - 1/2 छोटी चम्मच
तेल - 1/4 कप (आटे में डालकर गूथने के लिये और थेपला सेकने के लिये)
नमक - स्वादानुसार
लाल मिर्च - 1/4 छोटी चम्मच
हल्दी पाउडर - 1/4 छोटी चम्मच
अजवायन - 1/4 छोटी चम्मच

बनाने की विधि - How to make :

गेहूं के आटे को किसी बर्तन में निकाल लीजिये। बेसन, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, नमक, अजवायन, कटी हुई मेथी, दही और 2 छोटे चम्मच तेल डालकर अच्छी तरह मिला लीजिये। पानी की सहायता से नरम आटा गूथ लीजिये। आटे को 20 मिनिट के लिये ढककर रख दीजिये। आटा सैट होकर तैयार हो जायेगा।

हाथ पर थोड़ा सा तेल लगाकर आटे को मसल कर चिकना कर लीजिये।

तवा गरम कीजिये, आटे से थोड़ा सा एक छोटे नीबू के बराबर आटा तोड़िये और गोल लोई बनाकर तैयार कर लीजिये। अब सूखे आटे में लोई को लपेट कर चकले पर रखिये और रोटीनुमा बेल लीजिये।

गरम तवे पर थोड़ा सा तेल डालकर चारो ओर फैलाएं। अब बेले गये थेपला को तवे पर डाल दीजिए। जब थेपला का कलर ऊपर से थोड़ा डार्क हो जाय तब थेपला को पलट दीजिये। ऊपर की ओर 1 छोटी चम्मच तेल डालकर चारों ओर फैलाइये। थेपला को पलटिये और दूसरी ओर भी थोड़ा सा तेल डालकर फैलाइये। मीडियम आंच पर थेपला को दोनो ओर पलट पलट कर अच्छी ब्राउन चित्ती आने तक सेकिये। सेके हुये थेपला को किसी प्लेट पर रखी प्याली पर रख लीजिये। सारे थेपला इसी प्रकार सेक कर तैयार कर लीजिये और इतने आटे में लगभग 11 -12 थेपला बनकर तैयार हो जाते हैं। 

स्वादिष्ट बेसन मेंथी थेपला बन कर तैयार है। इन्हें आप अचार, दही, चटनी या अपनी मन पसन्द सब्जी के साथ परोसिये और खाइये। 

ब्रेड से बने गुलाब जामुन, जिसका स्वाद मावे के गुलाब जामुन जैसा।

सफ़ेद ब्रेड का बना गुलाब जामुन

ब्रेड और दूध को मिलाकर बनाये गये गुलाब जामुन भी इतने ही स्वादिष्ट होते हैं, जितने छेना का। जब तक आपको बताया न जाय कि ये ब्रेड के गुलाब जामुन है तब तक खाने वाले को वह मावा के ही गुलाब जामुन लगते हैं। स्वाद में भी और देखने में भी।



24 गुलाब जामुन के लिये

आवश्यक सामग्री - Ingredients:
ब्रेड स्लाइस (व्हाइट)- 12 पीस
चीनी - 1.5 कप
फुल क्रीम दूध (गाढ़ा किया हुआ) - 1 कप
घी - 1 चम्मच
बादाम - 7 से 8 पीस
काजू - 7 से 8 पीस
इलायची पाउडर - 1/4 चम्मच
घी - तलने के लिए अलग से

बनाने की विधि - How to make

ब्रेड गुलाब जामुन बनाने के लिए सबसे पहले चाशनी बना लीजिए।
चाशनी बनाने के लिए एक बर्तन ले लीजिए इसमें चीनी और डेढ़ कप पानी डालकर गैस पर रखिये। चाशनी को तब तक पकने दीजिये जब तक की चीनी घुल न जाए।

तब तक ब्रेड के किनारे वाला गहरे रंग का हिस्सा चाकू से काट कर हटा दीजिये।

पानी में उबाल आने और चीनी पानी में घुलने के बाद चम्मच की सहायता से 2 बूंद चाशनी को किसी प्याली में निकाल कर, ठंडा होने के बाद, उंगली और अंगूठे के बीच चिपकाते हुए देखिये, चाशनी में 1 तार बन रही हो तो, चाशनी बन कर तैयार है। अगर चाशनी में तार बिलकुल नहीं बन रहा है, तब उसे और 1-2 मिनिट के लिए पकाइये और फिर से इसी तरह जांच लीजिये। जैसे ही आपको 1 तार वाली विधा दिख जाय तो गैस बन्द कर दीजिये।

ब्रेड को तोड़ कर मिक्सर के जार में डाल दीजिए और इसे क्रम्बल (टुकड़े-टुकड़े) कर लिजिए।

ब्रेड के चूर को एक बर्तन में निकाल लीजिए, इसमें घी और गाढा़ किया हुआ दूध थोडा़-थोडा़ डालते हुए, नरम आटा जैसा गूंथ लीजिए। गूंथ जाने पर इसे 10 मिनिट के लिए ढँक कर रख दीजिए ताकि ये सैट हो जाए।

काजू और बादाम को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट कर तैयार कर लीजिए।

काजू-बादाम और इलायची को एक साथ मिला कर, 1 चम्मच चाशनी डाल कर अच्छे से मिला दीजिए गुलाब जामुन की स्टफिंग तैयार है।

हाथ पर थोडा़ सा घी लगाकर, ब्रेड से बने आटे को मसल लीजिए। ब्रेड के आटे में से थोडा़ सा आटा तोड़ लीजिए और इसे चपटा करके इसमें थोडी़ सी स्टफिंग डालकर चारों ओर से उठाते हुए बंद कर दीजिए और गुलाब जामुन के जैसा गोल आकार दीजिए। इसी तरह से सारे आटे से गोले बनाकर तैयर कर लीजिए।

अब गैस के ऊपर कढ़ाई में घी डाल कर गरम कीजिये। 3-4 गोले, कढ़ाई में डालें, और ब्राउन होने के बाद हल्के से हिला हिला कर तलें, गुलाब जामुन के चारों तरफ ब्राउन होने तक तलते रहिये। तले गुलाब जामुन कढ़ाई से निकाल कर प्लेट में रखिये। थोड़ा ठंडा होने के 2 मिनिट बाद चाशनी में डुबा दीजिये। इसी तरह सारे गुलाब जामुन बनाकर, तल कर चाशनी में डाल कर डुबा दीजिये।

2- 3 घंटे में गुलाब जामुन मीठा रस सोखकर मीठे और स्वादिष्ट हो जायेंगें, और खाने के लिये गुलाब जामुन तैयार हो जायेंगे। ब्रेड गुलाब जामुन को फ्रिज में रख कर 4 -5 दिन तक खाया जा सकता है।

कुछ ध्यान देने योग्य बातें:
1. गुलाब जामुन के लिये दूध गाढ़ा करने के लिये, 2 कप दूध कढ़ाई में डालें और 1 कप रहने तक उसे गाढ़ा कर लीजिये। इस दूध को एक बार मिक्सर में डाल कर फैंट भी लीजिये, इसकी गुठलियां खतम हो जायेंगी। ब्रेड का आटा गूथने में आसानी होगी।
2. अगर गोले बनाते समय उसमें दरार दिख रही हों तो आटे में दूध डालकर और मलें और मुलायम करें, गोलों में दरार न पड़े।
3. गुलाब जामुन के लिये घी पहले ठीक से गरम कीजिये, इसके बाद गैस मीडियम करके घी के तापमान को हल्का ठंडा यानी कि मीडियम रहने दीजिये, और पहले 1 गुलाब जामुन डाल कर उसे ब्राउन होने तक तलें, इसके बाद 4 से 5 जितने कढ़ाई में आ जाय, उतने गुलाब जामुन डाल कर तलें, बहुत अच्छे गुलाब जामुन बनेंगे।

Palak Dhokla Recipe पालक ढोकला अगर बनाना नहीं आता हो तो यहाँ सीखिये।

पालक ढोकला (Steamed Spinach Lentil Cakes)

पालक ढोकला बहुत ही पौष्टिक और स्वादिष्ट ढोकला है। पालक ढोकला को सुबह या शाम के नाश्ते में खाया जा सकता है। 







सामग्रीयाँ - Ingredients :
सूजी - 3 से 4 कप (150 ग्राम)
बेसन - 3 से 4 कप (100 ग्राम)
पालक (प्यूरी किया हुआ) - 3 से 4 कप
करी पत्ता - 10 से 12 पत्ते
दही - 1.5 कप (300 ग्राम)
तेल - 4 टेबल स्पून
नीबू का रस - 2 छोटे चम्मच
ईनो फ्रूट साल्ट - 1.5 छोटी चम्मच 
राई - आधा छोटा चम्मच
हरी मिर्च - 2 (बारीक कटी हुयी)
अदरक - 1 इंच का टुकड़ा (कद्दूकस किया हुआ) या 1 चमच्च पेस्ट
हरी मिर्च - 2 से 3 (लम्बाई में कटे हुये)
तिल - 2 चम्मच
नमक - स्वादानुसार

बनाने की विधि - How to make :
सबसे पहले पालक प्यूरी बना ले। पालक प्यूरी बनाने के लिये 250 ग्राम पालक ले। उनमे से मोटी डंडियां हटा कर, 2 बार अच्छी तरह से धोकर, छलनी में रख लीजिये। जब पानी सुख जाए तो सूखने के बाद पालक को मिक्सर से पीस कर पेस्ट बना लीजिये।

पालक प्यूरी को 1 कप दही में डालकर मिला दीजिये। सूजी को इसी मिश्रण में डालिये। कटे हरे मिर्च और अदरक में से थोड़ा थोड़ा दूसरे मिश्रण के लिये बचाकर डाल दीजिये। 3 से 4 छोटी चम्मच नमक और 2 छोटे चम्मच तेल डाल कर मिला दीजिये। ताजा दही होने पर 1 - 2 छोटी चम्मच नीबू का रस डाल कर मिला दीजिये। इस मिश्रण को 15 मिनिट के लिये ढककर रख दीजिये। सूजी फूल कर तैयार हो जायेगी।
 
दूसरे प्याले में बचा हुआ आधा कप दही ले लीजिये, दही में बेसन डालकर अच्छी तरह चिकना घोल होने तक उसे घोलिये। हरी मिर्च, अदरक और आधा छोटी चम्मच नमक, 1 छोटी चम्मच तेल और 1 छोटी चम्मच नीबू का रस डालकर मिला दीजिये। मिश्रण अगर गाढ़ा हो तो थोड़ा 1 से 2 टेबल स्पून पानी मिला दीजिये। पकोड़े के घोल जैसा घोल बना लीजिये और इस मिश्रण को 15 मिनिट के लिये ढक कर रख दीजिये।

ढोकला पकाने के लिये ऐसा बर्तन लीजिये जो किसी दूसरे बड़े बर्तन में आसानी से आ जाय। बर्तन में थोड़ा तेल डालकर उसके चारों ओर तेल लगाकर चिकना कर लीजिये।

पालक वाले मिश्रण में 1 छोटी चम्मच ईनो फ्रूट साल्ट डालिये और मिला दीजिये। मिश्रण हल्का सा फूलने लगता है। मिश्रण को चिकने किये गये बर्तन में डालिये और एक जैसा फैला दीजिये।

बेसन वाले मिश्रण में बचा हुआ ईनो फ्रूट साल्ट डाल कर मिला दीजिये। मिश्रण हल्का सा फूलने लगता है। इस मिश्रण को पालक वाले मिश्रण पर एक जैसा फैला दीजिये।

अब बड़े बर्तन में 2 से 2.5 कप पानी डालकर गरम कीजिये। पानी में उबाल आ जाने पर एक जाली स्टेन्ड बर्तन के अन्दर रखिये और उसके ऊपर ढोकला मिश्रण भरे बर्तन को रख दीजिये और बड़े बर्तन को किसी एसे बर्तन से ढक दीजिये जो उसे अच्छी तरह ढक कर रखे। तेज और मीडियम आंच पर ढोकला को 20 मिनिट तक पकने दीजिये।

ढोकला को चैक करने के लिये चाकू ढोकला के अन्दर गड़ा कर देखिये। अगर चाकू साफ निकल रहा हो तो ढोकला बन कर तैयार है। यदि चाकू के ऊपर गीला मिश्रण चिपक कर आ रहा है तब ढोकला को और पकाने की आवश्यकता है। 

ढोकला के पक जाने के बाद बर्तन को बड़े बर्तन से निकाल लीजिये और 10 मिनिट तक ठंडा होने के बाद चाकू की सहायता से बर्तन के किनारों से ढोकला को अलग कर लीजिये। बर्तन के ऊपर एक प्लेट रख कर बर्तन को उलट दीजिये और बर्तन को ऊपर से हलके हलके ठोकिए। ढोकला बर्तन से प्लेट में निकल आयेगा।

ढोकला को चाकू से अपने मनपसन्द आकार के टुकड़ों में काट लीजिये। 

तड़के के लिये छोटे पैन में तेल डालकर गरम कर लीजिये। तेल में राई के दाने डालिये। राई तड़कने पर करी पत्ता डाल दीजिये। हरी मिर्च और तिल भी डाल दीजिये। थोड़ा सा भूनिये और चम्मच से ढोकला के ऊपर थोड़ा थोड़ा चारों ओर डालिये।

आपका पालक ढोकला बन कर तैयार है। पालक ढोकला को हरे धनिये की चटनी, टमाटर सास या अपनी मनपसन्द चटनी के साथ परोसिये और खाइये।

ध्यान देने योग्य बाते :
1. ढोकला का मिश्रण अधिक पतला या बहुत अधिक गाढ़ा नहीं होना चाहिये।
2. मिश्रण में ईनो फ्रूट साल्ट, सारी तैयारी के बाद ही डालिये और ईनो फ्रूट साल्ट डालने के बाद मिश्रण को ज्यादा न फैटें।
3. ढोकला को इसी तरह कुकर में बर्तन रखकर पकाया जा सकता है। कुकर में ढोकला पका रहे हैं तो कुकर के ढक्कन पर सीटी नहीं लगायें।

क्या आपने खजूर के गुड़ का खीर का स्वाद लिया है?

खजूर के गुड़ का खीर बनाना सीखें।

खजूर का गुड़ आपको सर्दी के मौसम में आसानी से मिल जाता है।ये व्यंजन आमतौर पर बंगाल में ज्यादा 






4 से 5 लोगों के लिए

सामग्रियाँ - Ingrediants :
दूध - 2 लीटर
कतरनी चावल - 1 कप (आधे घंटे के लिए फुलाना है)
चीनी - आधा कप (100 ग्राम)
खजूर का गुड़ - आधा कप (100 ग्राम)
(आप मीठा ज्यादा खाते हैं तो  आप एक कप  गुड ले सकते हैं )

ड्राई फ्रूट्स:
काजू - 10 पीस (छोटे टुकड़ों में किया हुआ)
बादाम 10 पीस (छोटे टुकड़ों में किया हुआ)
किसमिस - 20 पीस

बनाने की विधि - How to make:
सबसे पहले हम दूध को अच्छी तरह से ख़ौला लेंगे और इसमें चावल (पहले से आधे घंटे फुलाया हुआ) डाल देंगे। चावल के साथ ही हम टुकड़े किये हुए काजू और बादाम भी डाल देंगे। किसमिस को अभी नहीं डालना है, क्योंकि किसमिस को अगर गर्म दूध में डाला जाए तो दूध के फटने का डर रहता है। दूध को अच्छी तरह से चलाते हुए चावल को पकाना है। हाँ ! यहाँ पर ध्यान रहे की दूध नीचे ना सटे। चावल के पक जाने के बाद, अब हम इसमें चीनी और गुड डाल देंगे। जब चावल अच्छी तरह से पक जाए, तब हमें गैस को बंद कर लेना है। गैस बंद करने के बाद हम इसमें किसमिस मिलाएंगे। आप चाहे तो गरम का भी स्वाद ले सकते हैं अन्यथा आप ठंडा होने तक छोड़ दें। इसे फ्रीज में भी रख कर छोड़ सकते हैं और जब आपकी मर्जी हो, आप इसे गरम करके खा सकते हैं।

आप पूरी प्रक्रिया विडियो द्वारा  भी देख सकते हैं। 



ध्यान देने योग्य बातें:
दूध को गाढ़े होने तक और चावल के पक जाने के बाद ही मीठा डालें।

मोबाइल हैकाथॉन में मिला डिलीवरी स्टार्टअप का आईडिया

मोबाइल हैकाथॉन में मिला डिलीवरी स्टार्टअप का आईडिया

फ्लिपकार्ट में नौकरी के दौरान दिखी समस्या ने मोहित और अर्पित को स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रेरित किया। शुरुआत के एक ही साल में दोनों ने अपनी मेहनत के बल पर कंपनी को सफलता के ऐसे मुकाम पर पहुंचाया, जहां पहुंचने की इच्छा सभी आंत्रप्रेन्योर रखते हैं। 





कंपनी : रोडरनर बदला हुआ नाम runnr
संस्थापक : मोहित कुमार, अर्पित दवे
औचित्य : लॉजिस्टिक्स की समस्या को हल करने के लिए बनाई हाइपरलोकल ऑन डिमांड डिलीवरी सर्विस। 

मोहित और अर्पित की मुलाकात फ्लिपकार्ट में नौकरी करते हुए हुई। मोहित ने 2010 में बेंगलुरु के पीईएस इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन की थी। इसके बाद कुछ समय उन्होंने हॉलिडे आईक्यू और ओलाकैब्स में काम का अनुभव लिया। अब वे सीनियर प्रोडक्ट मैनेजर के तौर पर फ्लिपकार्ट में काम कर रहे थे। वही अर्पित आईआईटी खड़गपुर से ग्रेजुएट थे और फ्लिपकार्ट में एनालिस्ट के पद पर काम कर रहे थे। दोनों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनकी यह मुलाकात उन्हें भविष्य का रास्ता दिखाएगी और आगे चलकर बिजनेस पार्टनर्स बन जाएंगे। दरअसल इसकी शुरुआत फ्लिपकार्ट में दिसंबर, 2014 में आयोजित एक मोबाइल हैकाथान में हुई जहां उन दोनों को एक ही टीम का हिस्सा बन कर साथ काम करने का मौका मिला। दोस्ती बढ़ने के साथ बातों ही बातों में उन्हें महसूस हुआ कि देश में ई-कॉमर्स कई गुना तेजी से बढ़ रहा है। न केवल स्थापित कंपनियां तरक्की की ओर अग्रसर हैं, बल्कि नए स्टार्टअप भी खूब फल-फूल रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही इस बात को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि इस ग्रुप को सपोर्ट करने के लिए जरूरी लॉजिस्टिक्स मौजूद नहीं था, जो इस बिजनेस के लिए एक बड़ी खामी साबित हो रहा था। ऐसे में दोनों दोस्त अब इस बात पर विचार करने लगे कि आखिर कंपनी के लिए लॉजिस्टिक्स मँहगा सौदा क्यों साबित हो रहा है। 

बिजनेस के लिए नौकरी से इस्तीफा
इसी सोच विचार के बीच उन्होंने पाया कि ओला और उबर जैसी कंपनियों के आने से पहले ट्रांसपोर्टेशन भी महंगी सुविधाओं में शामिल था, लेकिन इनके आने के बाद बिचौलियों की समाप्ति के साथ यह समस्या हल हो गई। इसी के मद्देनजर उन्हें समझ आ गया कि लॉजिस्टिक्स की समस्या को हल करने के लिए भी ऐसा ही मॉडल कारगर साबित होगा। मार्केट की गहरी खोजबीन करने के बाद दोनों ने देखा कि इंटरसिटी मॉडल के लिए मार्केट में मौजूद ज्यादातर बिजनेस इंटरसिटी लॉजिस्टिक्स प्रक्रिया का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो कि उनके अनुसार पुराना हो चुका था। काफी सोचने समझने के बाद समस्या का समाधान मिला तो मोहित और अर्पित को इसमें बिजनेस की मजबूत संभावनाएं नजर आने लगी। इसे गंभीरता से लेते हुए दोनों ने खुद की कंपनी शुरू करने का फैसला किया और फ्लिपकार्ट की नौकरी से इस्तीफा दे दिया। आगे नए लक्ष्य की तैयारी में जुट गए। 

घर पर दी डिलीवरी वॉइस को ट्रेनिंग
कुछ महीनों तक गंभीरता से सोच विचार, बाजार का विश्लेषण और अन्य जरूरी तैयारी के बाद दोनों ने फरवरी, 2015 में अपनी कंपनी रोडरनर की शुरुआत की। इसी दिशा में अपना पहला कदम उठाते हुए मोहित ने अलग-अलग रेस्टोरेंट्स और स्टोर से खाना और अन्य सामान ऑर्डर करना शुरु किया। इसके पीछे मकसद यही था कि इस माध्यम से वह कुछ डिलीवरी बॉयज के साथ संपर्क कर सके और उन्हें अपनी टीम में शामिल होने के लिए राजी कर सके। टीम में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को मोहित अपने घर पर ही ट्रेनिंग दिया करते थे और उन्हें रोकने के लिए हर हफ्ते सैलरी देते थे। लगभग 1 सप्ताह के अंदर उन्होंने अपना यूआरएल लिंक तैयार कर लिया। जिसकी मदद से क्लाइंट्स अपना पसंदीदा खाना तलाश सकते थे। इसी के साथ कुछ व्यापारियों से इसे परखने का अनुरोध भी किया। रोडरनर का पहला कस्टमर कोरामंगला स्थित एक बिरयानी जॉइंट था। इसके मालिक को व्यस्त रुटीन के बीच डिलीवरी की मुश्किलों से बचने और कर्मचारियों पर ज्यादा खर्च से बचने वाला यह आईडिया काफ़ी पसंद आया और देर ना करते हुए उन्होंने इसे अपने बिजनेस के लिए चुना। 

मुश्किल समय में खुदसे की डिलीवरी
हालांकि क्लाइंट को जोड़ने में मोहित और अर्पित की को मुश्किलें आई शुरुआत के कुछ क्लाइंट ने इस आईडिया को संशय की नजरों से भी देखा और पूछा कि वाकई ऐसी किसी सेवा का अस्तित्व हो सकता है। शुरुआती दिनों के संघर्ष को याद करते हुए मोहित बताते हैं कि पहले दो तीन महीनों में डिलीवरी का ज्यादातर काम वह खुद ही किया करते थे। इसके अलावा और भी चुनौतियां थी। वे कहते हैं, जब मैं रोडरनर की शुरुआत कर रहा था तो मेरे बैंक अकाउंट में ₹25 लाख रुपए थे। हालांकि लॉजिस्टिक्स का बिजनेस शुरू करने के लिए यह रकम पर्याप्त नहीं थी लेकिन मैंने इसके दम पर रोडरनर की स्थापना का फैसला कर लिया। इसी बीच एक वक्त ऐसा भी आया जब मेरी जेब में सिर्फ ₹120 रूपये रह गए। वही कंपनी के खाते में पहले महीने के अंत तक 800 ट्रांजैक्शन प्रतिदिन दर्ज होने लगे थे। कंपनी की इस तरक्की को देखकर इंवेस्टर्स भी आकर्षित होने लगे और इस तरह कंपनी को सिक्योइया कैपिटल, ब्लूम वेंचर्स और नेक्सस वेंचर पार्टनर्स के माध्यम से फंडिंग प्राप्त हुई। 

बड़े क्लाइंट्स के साथ 11 शहरों में मौजूदगी
कंपनी की शुरुआत में उपयुक्त कर्मचारियों की तलाश, अपनी सर्विस की आजमाइश के लिए क्लाइंट्स को राजी करने और वित्तीय सुरक्षा को बनाए रखने जैसी तमाम चुनौतियों के बावजूद, दोनों ने धैर्य रखते हुए अपना पूरा ध्यान बिजनेस के निर्माण पर दिया। इसी धैर्य का परिणाम है कि आज कंपनी के पास 6500 से ज्यादा क्लाइंट्स है, जिनमें फासोस, मैकडोनाल्ड, केऍफ़सी, मिंत्रा और स्नैपडील जैसे दिग्गज शामिल है। यही नहीं 200 कर्मचारियों के साथ कंपनी अपनी सेवाएं देश के 11 शहरों में दे रही है और 20 फिसदी की साप्ताहिक दर से बढ़ते हुए तकरीबन 40000 डिलीवरी एक दिन में पूरी कर रही है। भविष्य में कंपनी के विस्तार की योजना के बारे में बताते हुए मोहित कहते हैं कि हम इंटरसिटी डिलीवरी में उतरने के साथ 2,00,000 डिलीवरी प्रतिदिन के आंकड़े को छूने और 2016 के अंत तक देश के 16 शहरों में अपनी पहुंच बनाने की तैयारी कर रहे हैं।

चोराफली फाफड़ा गुजराती व्यंजन है इसका लुत्फ़ जरूर उठायें।

चोराफली फाफड़ा

बहुत ही कुरकुरी गुजराती नमकीन है चोराफली फाफड़ा (Choraphali Fafda)। ज्यादातर चोराफली को त्योहार पर बनाया जाता है, लेकिन यह इतने कुरकुरे और स्वादिष्ट होते हैं कि आप इन्हे चाय या काफी के साथ कभी भी खा कर आनंद ले सकते हैं। 




सामग्रीयाँ  - Ingredients :
बेसन (Gram Floor) - 1 कप (100 ग्राम)
उरद दाल का आटा  - 1/2 कप ( 50 ग्राम)
नमक - स्वादानुसार
मीठा सोडा (Baking Soda) - 1/2 चम्मच
काला नमक - 1/2 चम्मच
लाल मिर्च (पाउडर) - 1/2 चम्मच
चोरा फली के ऊपर छिड़कने के लिये मसाला
तेल - आटे में डालने के लिये और तलने के लिये

बनाने की विधि - How to make :
बेसन को किसी एक बर्तन में निकाल लीजिये और उड़द के दाल का आटा भी उसी में डाल लीजिये। दो टेबल स्पून तेल और नमक स्वादानुसार डालकर मिक्स कर दीजिये। थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर तैयार कर लीजिये। आटे को इस प्रकार तैयार कीजिये जैसा पूरी से भी थोड़ा अधिक सख्त। आटे को ढककर 1 घंटे के लिये रख दीजिये ताकि आटा फूल कर सैट हो जाये।

एक घंटे बाद आटे को 7-8 मिनट तक अच्छी तरह से मल-मल कर सॉफ्ट कर लीजिये या चकले पर रखकर बेलन से कूट-कूट कर फोल्ड करते जाइये। थोड़ी देर मसलने पर आटा एकदम चिकना और सॉफ्ट हो जायेगा। अब आटे को लम्बाई में 1से डेढ़ इंच मोटा रोल बना लीजिये। इस रोल से आधा इंच मोटी लोइयां काट कर तैयार कर लीजिये। इतने आटे में लगभग 14 लोइयां बनकर तैयार हो जायेंगी। लोइयां ढककर प्याले में रख लीजिये।

एक लोई उठाइये और चकले पर पतला बेलकर तैयार कर लीजिये और अब इस पूरी को 1 से 1. 5 सेमी. की चौड़ाई में लम्बी-लम्बी पट्टियों में काट लीजिये। काटी गई पट्टियां किसी प्लेट में रख लीजिये। सारी लोइयों को इसी तरह बेलकर, काट कर तैयार कर लीजिये।

कढ़ाई में तेल डालकर गरम कीजिये। जब तेल अच्छी तरह गरम हो जाए तो ये कटी हुई पट्टियां जितनी भी कढ़ाई में आसानी से आ जाय, उतनी चोराफली तलने के लिये डाल दीजिये। चोरा फली तैरकर ऊपर आ जाय उन्हें पलट दीजिये और हल्की ब्राउन होने तक तल कर, नैपकिन बिछी प्लेट के ऊपर निकाल कर रख लीजिये। इसी तरह सारी चोराफली को तल कर तैयार कर लीजिये।

गरमा-गरम चोराफली पर ही काला नमक और लालमिर्च पाउडर छिड़क कर मिक्स कर दीजिये। बहुत ही स्वादिष्ट कुरकुरी चोराफली बन कर तैयार है। अभी खाइये और ठंडा होने के बाद एयर टाइट कन्टेनर में भर कर रख लीजिये। आप इसे 1 महीने तक खा सकते हैं।

कैसा लगा चोरफली फाफड़ा ? बस अब मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और स्वादिष्ट व्यंजनों की जानकारी लें।

बिना ओवन का बेसन की नानखताई खाई आपने ? नहीं ? तो सीखिये यहाँ पर।


बिना ओवन का बेसन की नानखताई

अमूमन नानखताई हम ओवन में बनाते हैं और बहुत अच्छी बनती भी है, लेकिन यह नानखताई को गैस पर किसी भारी तले के बर्तन या कुकर में भी बना सकते हैं। ओवन का इस्तेमाल भी नहीं करेंगे और यह नानखताई उतनी ही अच्छी बनती है, जितनी ओवन में। तो हम आइये जानते है ये कैसे बनता है। 



सामग्रीयाँ - Ingredients :
बेसन (Gram Flour) - 1 कप (125 ग्राम)
चीनी पाउडर (Sugar Powder) - आधा कप (125 ग्राम)
शुद्ध घी (Ghee) - आधा कप ( 125 ग्राम )
बेकिंग पाउडर (Baking Powder) - आधा छोटी चम्मच
छोटी इलाइची (Cardamom) - 4 से 5
पिस्ता (Pistachios) - 4 से 5

बनाने की विधि - How to make :
छोटी इलाइची को छील कर कूट कर पाउडर बना लीजिये। पिस्ते को पतले पतले बारीक काट लीजिये। घी को गर्म कर पिघला लीजिये।

बेसन और चीनी को मिक्स कर लीजिये और बेकिंग पाउडर और छोटी इलाइची पाउडर डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लीजिये। पिघला हुआ घी सामान्य तापमान पर हो और उसमे से 2-3 चम्मच अलग कर निकल ले और बांकी बचे घी को मिक्स किया हुआ बेसन में डालिये और हाथ से अच्छी तरह मिलाते हुये नरम गुथा हुआ आटा जैसा बना कर तैयार कर लीजिये। आटा अच्छी तरह गुथ गया है तो उसमें बचा हुआ घी मत मिलाइये। अगर नहीं गूथ पाए हों तो थोड़ा थोड़ा कर मिक्स कीजिये।

भारी और समतल तल का बर्तन लीजिये और उसे गैस पर रखिये। 250 ग्राम से 500 ग्राम अपने सुविधा अनुसार नमक डाल कर बर्तन में एक जैसा पूरी तरह फैला लीजिये। बीच में एक जाली स्टेन्ड रख दीजिये, जिसके ऊपर नानखताई की प्लेट रखेंगे और धीमी गैस पर बर्तन को ढककर गरम होने दीजिये। जब तक बर्तन गर्म होता है, तब तक कच्चे नानखताई बनाकर प्लेट में लागा लीजिये।

प्लेट में घी डालकर चारों ओर चिकना कीजिये। डोह से थोड़ा सा डोह निकाल कर दोनों हाथों से गोल कीजिये। गोले को एक हथेली पर रखकर दूसरी हथेली से हल्का सा दबा कर पेड़ेनुमा चपटा कर दीजिये और ट्रे में रखिये। इसी तरह से सारी नानखताई बना कर ट्रे में थोड़ी थोड़ी दूर पर लगा लीजिये। ट्रे के भर जाने पर जो बर्तन गैस पर अब गरम हो चुका है उसमें जाली स्टैंड के ऊपर रख दीजिये। बर्तन को ऊपर से अच्छी तरह ढक दीजिये।

धीमी गैस पर नानखताई को 15 मिनिट तक बेक होने दीजिये। 15 मिनिट बाद नानखताई को चेक कीजिये। नानखताई अच्छी तरह फूल गई हो और नीचे की ओर से हल्की सी ब्राउन हो गई हो, तब वह बेक हो गई है। अगर वह बिलकुल भी नीचे की ओर से ब्राउन नहीं हुई है, तो उसे 3 - 4 मिनिट के लिये धीमी गैस पर और बेक होने दीजिये। अब नानखताई को चेक कीजिये। नानखताई बेक होकर तैयार हो गई है। नानखताई को बेक होने में 15 से 20 मिनिट तो लग ही जाते हैं।
नानखताई ठंडी होने के बाद ट्रे से निकाल कर किसी दूसरी प्लेट में रख लीजिये। नानखताई पूरी तरह ठंडी होने के बाद, एअर टाइट कन्टेनर में भर कर रख लीजिये और 2 माह से भी अधिक दिनों तक रख कर खाते रहिये।

कुछ ध्यान देने योग्य बातें :
नानखताई को कई प्रकार से भी बनाया जा सकता है जैसे - बेसन से, बेसन-मैदा मिलाकर, बेसन-सूजी मिलाकर, बेसन-मैदा-सूजी मिलाकर, केवल मैदा से, मैदा-सूजी मिलाकर। अपने पसन्द के अनुसार किसी भी तरीके से बनाया जा सकता है।

गुंथे हुये आटे में अगर थोड़ा घी अधिक है तो नानखताई, फूलने के वजाय चपती पतली सी बनेगी। थोड़ा बेसन मिलाकर गुंथे हुये आटे को सही कर सकते हैं।
अगर गुंथे हुये आटे में घी मात्रा थोड़ी कम है तब नानखताई में क्रेक आ जाते हैं, तो थोड़ा सा घी मिलाकर गुंथे हुये आटे को ठीक किया जा सकता है।

ढोकला तो बहुत खाया होगा आपने कभी खट्टा ढोकला खाया है ?

गुजराती व्यंजन खट्टा ढोकला

गुजराती व्यंजन खट्टा ढोकला उरद की दाल और चावल के मिश्रण से बनता है। ये नाश्ते के लिए उत्तम है। सुबह हो या शाम हो किसी भी वक़्त खाया जा सकता है। आजकल बाज़ार में इडली बैटर तैयार मिल जाता है इसलिये इसे बनाना पहले की अपेक्षा और भी अधिक आसान है। 




सामग्रीयाँ - Ingredients
उरद की दाल और चावल का मिश्रण को फरमेन्ट किया हुआ (इडली बैटर) - 3 कप
हरा धनियां - 2 से 3 टेबल स्पून
करी पत्ता - 10 -12
खट्टा दही - आधा कप
हरी मिर्च - 1-2
अदरक पेस्ट - 1 चम्मच
तेल - 3 टेबल स्पून
नमक - स्वादानुसार
सरसों दाना  - 1/2 चम्मच
ईनो फ्रूट साल्ट - 3/4 चम्मच

बनाने की विधि - How to make :
एक थाली मध्यम अकार का ले लीजिये और थोड़ा सा तेल डालकर थाली को चिकना कर लीजिये। एक ऐसा बर्तन और ले लीजिये जो कि ढोकला वाली थाली उस बर्तन में आसानी से आ जाय। बर्तन मे 2 कप पानी डालकर गरम होने के लिए रख दीजिये।

इडली बैटर को किसी बड़े प्याले में निकाल लीजिए। बैटर में अदरक का पेस्ट, हरीमिर्च, नमक, 2 छोटे चम्मच तेल और दही डालकर मिला दीजिये। अब ईनो फ्रूट साल्ट डाल कर मिक्स कर दीजिये। ढोकला मिश्रण को चिकनी की गई थाली में डाल दीजिये और एक जैसा फैला दीजिये।

बर्तन में पानी गर्म हो गया हो तो, बर्तन मे एक जाली स्टेन्ड रख दीजिए उसके ऊपर ढोकला मिश्रण की थाली रख दिजिये और ढोकला को 18 से 20 मिनिट तक मध्यम आंच पर पकने दीजिये। 20 मिनिट बाद ढोकला फूला हुआ दिखने लगेगा। इसे गैस से उतार लीजिये और चाकू की सहायता से ढोकला को टुकड़ों में काट लीजिये।

ढोकला में तड़का लगा दीजिये।
छोटे पैन में तेल डालकर गरम कीजिये। तेल गरम होने पर सरसों दाना डाल दीजिये। सरसों दाना तड़कने पर करी पत्ता डाल कर भून लीजिये। तड़के को ढोकला के ऊपर चम्मच से थोड़ा थोड़ा करके चारों ओर डाल दीजिये। ऊपर से हरा धनिया डालकर कर सजा दीजिये। ढोकला को हरे धनिये की चटनी, नारियल की चटनी या चिली सॉस के साथ में परोसिये और खाइये।

ध्यान देने योग्य बातें :
1. अगर ढोकला में आप तड़का नहीं लगाना चाहते, यानि कि और अधिक तेल खाना नहीं चाहते तो ढोकला को जिस वक़्त पकाने के लिए रखते हैं उस वक़्त ही उसके ऊपर थोड़ा ताजा क्रस्ड काली मिर्च और लाल मिर्च डाल कर छिड़क दीजिये और ढोकला ऐसे ही काट कर खाइये।

2. ढोकला में जो दही मिला रहे हैं वह अगर ताजा हो खट्टा न हो तो ढोकला में 1 नीबू का रस निकाल कर डाला जा सकता है। 

3. इडली बैटर से बना ढोकला बिना कुछ डाले भी स्पंजी बनता है, लेकिन और अधिक स्पंजी बनाने के लिये ईनो फ्रूट साल्ट का यूज किया जाता है। 

गुजराती व्यंजन 'बाजरा लौकी थेपला' सर्दियों के लिए मस्त नाश्ता है - Bajara Lauki Thepla Recipe

'बाजरा लौकी थेपला'

ये व्यंजन गुजरात का है। सुबह का नाश्ता हो या शाम का, मसालेदार थेपला सभी को पसंद आता है। कनकनी वाले मौसम में बाजरा का थेपला का कोई जबाब नहीं। तो आइए बनाते हैं बाजरे का लौकी थेपला।



सामग्रीयाँ - Ingredients :
बाजरा का आटा - 1 कप
गेहूं का आटा - 1 कप
लौकी - 1 कप (कद्दूकस किया हुआ)
दही - 1/3 कप
तेल - 1/2 कप (आटे में डालने और थेपले सेकने के लिये)
हरा धनियां - 2 टेबल स्पून (बारीक कटा हुआ)
हरी मिर्च - 1-2 (बारीक कटी हुई)
अदरक का पेस्ट - 1 चम्मच
हींग - 1 चुटकी
जीरा - आधा चम्मच
लाल मिर्च पाउडर - 1/4 चम्मच
ह्ल्दी पाउडर - 1/4 चम्मच
तिल - 1 चम्मच (यदि आप चाहें)
नमक - स्वादानुसार

बनाने की विधि - How to make:
बाजरा का आटा और गेहूं का आटा किसी बड़े बर्तन में ले लीजिये और मिक्स करके मिलाइये। आटे में लौकी, अदरक, हरी मिर्च, हरा धनियां, हींग, जीरा, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, तिल, नमक, 1 टेबल स्पून तेल और दही डालकर मिक्स कीजिये, और 1-2 टेबल स्पून पानी, जीतनी आवश्यकता हो डालकर नरम आटा गूंथ कर तैयार कर लीजिये। आटे को 10 - 15 मिनिट के लिये ढककर रख दीजिये, आटा सैट होकर तैयार हो जायेगा।

हाथ पर थोड़ा सा तेल लगाकर आटे को मसल कर चिकना कर लीजिये। तवा गरम कीजिये। आटे से थोड़ा सा एक नीबू के बराबर आटा तोड़िये और गोल लोई बनाकर तैयार कर लीजिये, इतने आटे से 8 लोई बनाकर तैयार कर लीजिये। एक लोई उठाइये, गेहूं के सूखे आटे में लपेट कर चकले पर रखिये, और हल्का दबाव देते हुये 6-7 इंच के व्यास में पतला बेल लीजिये।

बेले गये थेपला को गरम तवे पर डालिये और जब थेपला का कलर थोड़ा ऊपर से डार्क हो जाय, तब थेपला को पलट दीजिये। ऊपर की ओर 1 चम्मच तेल डालकर चारों ओर फैलाइये। थेपला को पलटिये और इस ओर भी थोड़ा सा तेल डालकर फैलाइये। मीडियम आग पर थेपला को दोंनो ओर पलट पलट कर अच्छी ब्राउन चित्ती आने तक सेकिये। सेके हुये थेपला को किसी प्लेट पर रखी प्याली पर रख लीजिये। सारे थेपला इसी प्रकार सेक कर तैयार कर लीजिये।

स्वादिष्ट बाजरा लौकी थेपला बन कर तैयार है, बाजरा लौकी थेपला को दही, चटनी या अचार या अपनी मन पसन्द सब्जी के साथ परोसिये और खाइये.

ध्यान देने योग्य बातें:
इसी प्रकार आप आटे में बारीक कटा पालक डालकर बाजरा पालक थेपला (Bajra Palak Thepla) और बारीक कटी मैथी मिलाकर बाजरा मेथी थेपला (Bajra Methi Thepla) बना सकते हैं।

निमकी यानि नमकपारे जैसे कुरकुरे और स्वाद को समेटे रेसिपी - Nimki

निमकी

नमकपारे जैसे कुरकुरे लेकिन कई परतों वाले और कलोंजी का खास स्वाद समेटे निमकी दिखने में बोम्बे काजा जैसे होते हैं, लेकिन स्वाद में नमकीन मसालेदार। इन्हें चाहें तो मसाला की तरह खायें चाहे तो कसूंदी या धनिया चटनी के साथ खायें, दोनों तरह खाने से इसका अद्भुत स्वाद आपको बेहद पसंद आयेगा।



सामग्रीयाँ - Ingredients :
मैदा - 1 कप
नमक - 1/4 चम्मच
चाट मसाला - 1/4 चम्मच
कलोंजी - 1/4 चम्मच
तेल (मैदा में डालने के लिये) - 2 टेबल स्पून
तेल - निमकी तलने के लिये

साटा बनाने के लिये
मैदा - 1 टेबल स्पून
देशी घी - 1 टेबल स्पून

बनाने की विधि - How to make :
मैदा को किसी बर्तन में निकाल लीजिये, तेल, नमक और कलोंजी मैदा में डालकर अच्छी तरह मिला दीजिये, थोड़ा थोड़ा पानी डालते हुये पूरी के आटे से भी सख्त आटा गूंथ कर तैयार कीजिये। आटे को ढककर 15-20 मिनिट के लिये रख दीजिये, आटा फूल कर सैट हो जायेगा। 

घी और 1 टेबल स्पून मैदा को मिला कर, फैट कर साटा तैयार कर लीजिये।

तैयार आटे को मसल मसल कर गोल लोई बना लीजिये. लोई को 10-12 इंच के व्यास में परांठे की तरह पतला बेल लीजिये। बेले हुये परांठे के ऊपर साटा डालकर, परांठे के ऊपर सरफेस पर चारों ओर फैलाइये, और ऊपर से चाट मसाला छिड़क दीजिये।

अब साटा लगे परांठे को रोल कीजिये। रोल को 1/2 - 3/4 सेमी की चौड़ाई में गोले काट कर तैयार कर लीजिये। रोल के गोलों को अलग कीजिये और उसकी लोई बना लीजिये। सारी लोई बनाकर तैयार कर लीजिये। 

एक लोई उठाइये, चकले पर रखिये और बेलन की सहायता से 3 इंच के व्यास में परांठे की तरह बेलिये। बेली हुई पूरी को आधा करते हुये अर्धचन्द्राकार आकार में मोड़ लीजिये। अब इसे और आधा करते हुये तिकोने आकार में मोड़ लीजिये। अब फोर्क की सहायता से 4-5 प्रिक कीजिये। दोनों ओर प्रिक कर लीजिये। सारे निमकी बेलकर, मोड़कर, और प्रिक करके तैयार कर लीजिये।

कढ़ाई में तेल डालकर गरम कीजिये। तेल को मीडियम गरम कीजिये, जितनी निमकी एक बार में कढ़ाई में आ जाय उतनी डालकर निमकी को मीडियम और धीमी आग पर गोल्डन ब्राउन होने तक तलिये (एक बार निमकी तलने 10-12 मिनिट लग जाते हैं)। तले हुये निमकी प्लेट में बिछे नैपकिन पेपर पर निकाल लीजिये। सारे निमकी इसी प्रकार तल कर तैयार कर लीजिये।

खस्ता कुरकुरे निमकी (Kurkuri Nimki) तैयार है, निमकी को पूरी तरह ठंडा होने के बाद एअर टाइट कन्टेनर में भर कर रख लीजिये, और 2 महिने तक खाते रहिये।

ध्यान देने योग्य बातें-
निमकी को धीमी और मीडियम आग पर ही तलना है, तेज आग पर तले गये निमकी अन्दर से कच्चे रह जाते हैं।

गुजराती स्वादिष्ट फाफड़ा - Gujrati Swadisht Fafada

गुजराती स्वादिष्ट फाफड़ा

फाफडा गुजरात का पसंददीदा स्ट्रीट फूड है। फाफडा के साथ जलेबी अहमदाबाद के हर कोने में मिल जाते हैं। आईये आज घर पर फाफडा बनायें।







15-20 फाफड़ा के लिए
आवश्यक सामग्री
बेसन - 2 कप
खाने का सोडा - आधा चम्मच
लाल मिर्च - 1/4 चम्मच
अजवायन - 1/2 चम्मच
तेल - 4 से 5 टेबल स्पून
नमक - स्वादानुसार
फाफड़ा तलने के लिये - तेल अलग से

बनाने की विधि - How to make :
किसी बर्तन में बेसन को छान कर निकाल लीजिये. बेसन में नमक, खाना सोडा, लाल मिर्च, अजवायन और तेल डालिये, सारी चीजों को हाथ से अच्छी तरह मिला लीजिये. 

पानी की सहायता से नरम आटा गूंथिये, आटे को मसल मसल कर, उठा कर, पलट कर, 6/7 मिनिट तक गूथिये (आटा लगाने में आधा कप से कम पानी लगता है). गुंथे हुये आटे को आधा घंटे के लिये ढककर रख दीजिये. 

आधा घंटे बाद आटे को अच्छी तरह मसल कर और चिकना कीजिये, अब इस आटे को तोड़कर छोटी छोटी (एक बड़े बेर के बराबर की) लोई बना लीजिये. 

फाफड़ा बेलने के लिये लकड़ी का चिकना बोर्ड लीजिये, एक लोई को थोड़ा लम्बा कीजिये और बोर्ड के ऊपर हथेली के नीचे रखिये, हथेली से दबाब देते हुये फापड़ा आगे बड़ाइये, पतली पत्ती को बेले हुये फाफड़ा के नीचे लगाते हुये उसे निकालिये 

बोर्ड से निकाले गये फाफड़ा को चिकनी थाली में रखिये, एक एक करके सारे फाफड़ा बनाकर थाली में रख लीजिये. 
कढ़ाई में तेल डालकर गरम कीजिये, गरम तेल में 1- 2 -3 फाफड़ा उठा कर डालिये और कलछी से दबाकर फाफड़ा के हल्के ब्राउन होने और क्रिस्प होने तक तल कर, प्लेट में निकाल कर रखिये. सारे फाफडा इसी तरह तरह तल कर तैयार कर लीजिये. अगर आप जल्दी जल्दी फाफड़ा बना पाते हैं तब आप फाफड़ा बनाइये और कढ़ाई में किये गये गरम तेल में डालकर साथ साथ ही तलते भी जाइये, नहीं तो थाली में बनाकर रखने वाला तरीका ही ठीक है. 

हमने फाफड़ा बोर्ड से निकालने के लिये चाकू का प्रयोग किया है क्यों कि हमारे पास वह लचकदार पत्ती नहीं है जो फाफड़ा निकालने के लिये प्रयोग में लाई जाती है, चाकू उसके बराबर लचीला नहीं होता फिर भी इससे काम तो चलाया ही जा सकता है. 

कुरकुरे स्वादिष्ट फाफड़ा तैयार है. फाफडा को खट्टी चटनी या हरे धनिये की चटनी के साथ परोसिये और खाइये. बचे हुये फाफड़ा एअर टाइट कन्टेनर में भरकर रख लीजिये, जब भी आपका मन हो कन्टेनर से फाफड़ा निकालिये और गरमा गरम चाय के साथ खाइये.

ध्यान देने योग्य बातें :
फाफड़ा के आटे में पापड़ खार डाला जाता है, पापड़ खार न मिलने पर बेकिंग सोडा डाला जा सकता है। अगर पापड़ खार डाल रहें हैं तब 2 कप बेसन में 2 छोटे चम्मच पापड़ खार यूज कीजिये और पापड़ खार को पहले पानी में घोल कर यूज करें, तरीका वीडियो में देखा जा सकता है। 

फाफड़ा का आटा गूथते समय ध्यान रखना है कि वह ज्यादा नरम और ज्यादा सख्त न हो. तलते समय तेल को अच्छा गरम होने दीजिये, अच्छे गरम तेल में फाफड़ा अच्छे सिक कर तैयार होंगे। 

गुजराती डिश दाबेली - Street food of Gujrat

दाबेली - Dabeli

दाबेली गुजरात का लोकप्रिय स्ट्रीट फूड है। यह दिखने में बर्गर जैसा लगता है लेकिन इसका स्वाद एकदम हटकर है। इसका खट्टा, मीठा, तीखा और नमकीन स्वाद आप सभी को बहुत पसंद आयेगा।





सामग्रीयाँ - Ingrediants :
पाव - 8 पीस

पतले बेसन सेव - आधा कप
अनार के दाने - आधा कप
मीठी चटनी - आधा कप
लाल या हरी चटनी- आधा कप
मक्खन - 2 टेबल स्पून
मसाला मूगफली - 2 टेबल स्पून

हरा धनियां - आधा कप (बारीक कटा हुआ)

दाबेली के लिए मसाला

जीरा - 1 चम्मच
साबुत धनियां - 2 चम्मच
लाल मिर्च - 1 पीस
दाल चीनी - एक इंच (कटा हुआ)
काली मिर्च - 3 से 4 दाना
लौंग - 2 पीस
दाबेली स्टफिंग के लिए
आलू - 4 पीस
टमाटर - 2 पीस
हरी मिर्च - 1 पीस
अदरक - 1 इंच (लम्बा कटा हुआ)
मक्खन - 1 टेबल स्पून
तेल - 1 टेबल स्पून
जीरा - आधा चम्मच
हींग - 1 चुटकी
हल्दी पाउडर - 1/4 चम्मच
चीनी - 3/4 चम्मच (यदि आप चाहें)
नीबू का रस - 1 चम्मच (यदि आप चाहें)
नमक - स्वादानुसार

बनाने की विधि - How to make :
सबसे पहले आलू को उबाल कर छिलके फुकताल लीजिये और छोटे-छोटे टुकड़े कर लीजिये। टमाटर को धो कर छोटा-छोटा काट लीजिये। अदरक को कद्दूकस कीजिये यानि की बिलकुल छोटे टुकड़ों में हो या पेस्ट बना लीजिये। हरी मिर्च को बारीक काटिये।

अब स्टफिंग में मिलाने के लिये दाबेली मसाला बना लेते है। 

दाबेली मसाला बनाने की विधि :
लाल मिर्च को छोड़ कर सारे मसाले गरम तवे पर डालकर हल्के से ब्राउन होने तक भून लीजिये। भुने हुये मसाले ठंडा होने के बाद बारीक पीस लीजिये। दाबेली मसाला तैयार है। इस मसाले को दाबेली स्टफिंग को भूनते समय मिला लेते हैं।

दाबेली स्टफिंग करने की विधि :
कढ़ाई में मक्खन और तेल एक साथ डाल कर गरम कीजिये। गरम मक्खन में हींग और जीरा डालिये। जीरा हल्का सा भूनने पर अदरक, हरी मिर्च और हल्दी पाउडर डालिये। हल्का सा और भूनिये। अब कटे टमाटर डालिये और टमाटर के मैस होने तक भूनते रहिये। आलू, नमक और दाबेली मसाला मिलाइये और 3 से 4 मिनिट तक चलाते हुये भूनिये। दाबेली स्टफिंग तैयार है। स्टफिंग को प्याले में निकाल कर रख लीजिये।

अब दाबेली  कम्पलीट कीजिये :
पाव को बीच में से इस तरह काटिये कि वह दूसरी भाग में जुड़ा रहे। तवे को गरम कीजिये। कटे पाव के ऊपर और नीचे थोड़ा सा मक्खन लगा कर, पाव को दोंनो ओर से हल्का ब्राउन होने तक सेक लीजिये। पाव के काटे गये भाग को खोलिये और खुले भाग के अन्दर दोंनों तरफ एक ओर मीठी और दूसरी ओर नमकीन हरी चटनी लगाइये। अब एक चम्मच से भी ज्यादा 'दाबेली स्टफिंग' ब्रेड के बीच डालिये। इसके ऊपर एक छोटा चम्मच बादाम दाना, 1 छोटी चम्मच बेसन सेव, 1 छोटी चम्मच हरा धनियां, और 1 छोटी चम्मच अनार दाने रखिये। दाबेली को हाथ से दबा कर बन्द कर दीजिये।

स्वादिष्ट दाबेली तैयार हैं। गरम-गरम ताजा दाबेली परोसिये और खाइये।

गुजराती सुरति उंधियू - Gujrati Surati Undhiyu

गुजराती सुरति उंधियू

उंधियू कई प्रकार की सब्जियों को मिला कर और ढेर सारे मसाले डालकर बनाई हुई, एकदम अलग और बहुत ही स्वादिष्ट सब्जी है, जो अधिकतर सर्दियों के दिनों में बनाई जाती है।


उंधियू परम्परागत रूप से मटके में बनाई जाती है। मसाला तैयार करके कुछ सब्जियों में भरा जाता है और कुछ सब्जियों को काट कर मसाला मिला कर, मटके के अंदर केले के पत्ते को बिछाकर सब्जी को पत्ते के ऊपर रखकर पोटली बना कर, मटके में भर दिया जाता है। इन साड़ी चीजों के ऊपरी भाग में आम के पत्ते रखकर मटके के मुंह को आटे से सील कर दिया जाता है। जमीन में चूल्हानुमा गड्डा बनाकर कर, उसमें आग जलाते हैं। फिर सब्जी भरे मटके को गड्डे में उलट कर रख देते हैं। ऊंधियु  मतलब उलटा, मटके के अन्दर सब्जिया 1-2 घंटे तक धीमे धीमे पकती रहती हैं। मटके से सब्जियां निकाल कर, गरमा गरम परोसी जाती है।

उंधियू को कई तरीके से खा सकते हैं, चटनी के साथ सेब डालकर, चपाती, परांठे और पूरी के साथ भी खाया जाता है। लेकिन आजकल उंधियू सब्जी को गैस पर, किसी भारी तल के बर्तन में बना लेते हैं। कैसे ????

तो आइये उंधियू बनाना सिखते हैं।

सामग्रीयाँ - Ingrediants :

सबसे पहले सब्जियां -
सेम (Surati Papadi) - आधा कप
छोटा बैगन - 5
छोटा आलू - 8 
कच्चा केला - 1
शकरकन्द (Sweet Potato) - 1
रतालू (Yam) - 2

मसाले के लिए -
तेल - 4 से 5 टेबल स्पून
हींग - 2 चुटकी
अजवायन - 1/2 चम्मच
नमक - स्वादानुसार
हल्दी पाउडर - 1/2 चम्मच
लाल मिर्च का पाउडर - 1/4 से 1/2 चम्मच
धनियां पाउडर - 2 चम्मच
अमचूर पाउडर - 1/2 चम्मच
गरम मसाला - 1/2 चम्मच
चीनी पाउडर - 1से 3 चम्मच (अपने स्वाद के अनुसार)
तिल - 2 टेबल स्पून
मूंगफली - 2 टेबल स्पून
काजू - 2 टेबल स्पून
अदरक -2 इंच (छोटा-छोटा किया हुआ)
हरी मिर्च - 2 या 3 (बारीक की हुई)
हरा धनियां - 1 कप (बारीक किया हुआ)
हरा नारियल (तजा कद्दूकस किया हुआ) - 2 से 3 टेबल स्पून
नीबू - 1

मुठिया के लिये -
बेसन - 1/3 कप
गेहूं का आटा - 1/3 कप
नमक - स्वादानुसार
धनियां पाउडर - 1/2 चम्मच
लाल मिर्च पाउडर - 1/4 चम्मच से कम
हल्दी पाउडर - 1/4 चम्मच से कम
मेथी पत्ता - 1/2 कप (बारीक कटी हुई)
तेल - मुठिया को तलने के लिये

बनाने की विधि :
सारी सब्जियों को अच्छी तरह धो कर पानी हटा दीजिये।

मुठिया बनाने के लिये -
बेसन में सारे मसाले डालकर, 3 चम्मच तेल के साथ थोड़े से पानी की सहायता से पूड़ी से भी अधिक सख्त आटा गूथ लीजिये। अब बेसन को अच्छे से सैट होने के लिये 10 से 15 मिनिट के लिये ढक कर छोड़ दीजिये। 

मुठिया के आटे से थोड़ा-थोड़ा आटा तोड़कर, मुठ्ठी में बांधते हुये 2 इंच लम्बे रोल बना लीजिये। इस आटे से 10 से 12 रोल बनाकर तैयार कर लीजिये। कढाई में तेल डालकर गरम कीजिये जब तेल गरम हो जाये तो गरम तेल में मुठिया को बरी बरी से डालिये। धीमें आंच पर ब्राउन और कुरकुरे होने तक तलिये और निकाल लीजिये।
मुठिया तैयार है।

यम को छिल कर आधा इंच के टुकड़े बना लीजिये, शकरकन्द को भी छील कर आधा इंच के टुकड़ो में काट लीजिये। अब इस टुकड़े को गरम तेल में डाल कर कुरकुरे होने तक तल कर निकाल लीजिये।

भुने हुए तिल, भुने हुए मूंगफली के दाने और काजू को दरदरा पीस लीजिये और कद्दूकस किया हुआ अदरक, हरी मिर्च और हरे धनियां को बारीक काट लीजिये (थोड़ा सा कटा हुआ हरा धनियां बचा कर रख लीजिये), एक प्लेट में सारी चीजों को मिलाइये। नमक, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, धनियां पाउडर, अमचूर पाउडर, नारियल और गरम मसाला भी डाल कर अच्छी तरह मिला लीजिये। अब नीबू का रस भी मिला दीजिये।
ऊंधियो के लिये मसाला तैयार है। 

केले को बिना छीले आधा सेमी के गोल टुकड़ों में काट लीजिये। सेम के दोंनो ओर से तार को निकालिये और 1 इंच के टुकड़ों में काट लीजिये। उसे खोलकर 2 भाग कर दीजिये। बैगन का डंठल हटाकर 2 लम्बे कट इस तरह लगाइये कि वह नीचे की ओर से जुड़ा रहे। आलू को छील कर 2 कट इस तरह लगाइये कि वह एक तरफ से जुड़े रहें। 

आलू और बैगन में मसाला अच्छी तरह भर दीजिये और बचा हुआ मसाला, कटे हुये केले, रतालू, शकरकन्द और सेम में मिला दीजिये।

कुकर में 4 टेबल स्पून तेल डालकर गरम कीजिये। तेल गरम होने पर हींग और अजवायन और एक चौथाई चम्मच हल्दी पाउडर डालिये। अजवायन के भुन जाने पर, कटा सेम डालिये। केले के टुकड़े, एक कप से थोड़ा सा कम पानी डालिये। पहले मसाले भरी सब्जियां फिर मसाले में लपेटी सभी सब्जियां कुकर में भर दीजिये। कुकर बन्द कर दीजिये। धीमी आंच पर 15 से 20 मिनिट तक ऊंधियो को पकने दीजिये। ध्यान रखना है की कुकर में ज्यादा प्रेशर न बने, सब्जियां भाप में धीमे धीमे पकती रहें।

गैस बन्द कर दीजिये, कुकर का प्रेशर निकाल कर कुकर खोलिये और सब्जी में तला हुआ रतालू, शकरकन्द और मुठिया भी डाल दीजिये। सब्जियों को चलाना नहीं हैं। कुकर बन्द कीजिये और 5 मिनिट धीमी आंच पर सब्जी को और पकने दीजिये। कुकर खोलिये और उसमे हरा धनियां भी डाल दीजिये।
ऊंधियो तैयार है।

गरमा-गरम ऊंधियो बाउल में निकालिये और गरमा-गरम पूरी, परांठा या चपाती के साथ परोसिये।

ध्यान देने योग्य बातें :
ऊंधियो के मसाले में आप अपने पसन्द के अनुसार हरा लहसुन कटा हुआ या लहसन का पेस्ट डाल सकते हैं।

गुजराती मेंथी ना ढेबरा - Gujrati Methi Na Debra Recipe

मेंथी ढेबरा (थेपला)

ढेबरा दो तरीके से बनाया जाता है, एक तो कढ़ाई में पूरी की तरह तल कर या दूसरा तरीका तवा पर परांठे की तरह सेक कर है। आपको जिस समय जिस प्रकार आसानी हो उस तरीके से गुजराती मेंथी ढेबरा बना लीजिये।


सर्दियो के मौसम में हरी मेंथी और बाजरे का आटा बाजार में मिलता है। हरी मेंथी (Fenugreek Leaves) न मिलने पर कसूरी मेंथी (Kasoori Methi) भी डाल सकते हैं। सर्दियों में यह लजीज गुजराती मेंथी ढेबरा (Gujarati Methi Dhebra) बनाकर जरूर खाइये।

4 से 5 सदस्यों के लिये

सामग्रीयाँ - Ingredients:
बाजरे का आटा - 250 ग्राम
गेंहूं का आटा - 175 ग्राम
सूजी - 100 ग्राम
मक्के का आटा - 50 ग्राम
हरी मेंथी पत्ता - 2 कप
तिल - एक टेबल स्पून
जीरा - 1/2 चम्मच
खट्टा दही - 1 कप
गुड़ - 1 चम्मच
नमक -स्वादानुसार
हरी मिर्च - 2 पीस
अदरक - 1 इंच (लम्बा टूकड़ा कटा हुआ)
लाल मिर्च - 1/4 चम्मच से भी कम
हल्दी पाउडर - 1/4 छोटी चम्मच
तेल - ढेबरा तलने के लिये

बनाने की विधि - How to make:
बाजरा का आटा, गेहूं का आटा, सूजी और मक्के का आटा छान कर किसी बर्तन में निकाल लीजिये।

मेंथी की पत्तियां धोइये और पानी हटाकर बारीक काट लीजिये। हरी मिर्च के डंठल तोड़कर धोइये, बीज हटाकर बारीक काट लीजिये। अदरक का पेस्ट बना लीजिये। दही में गुड़ अच्छी तरह मिक्स कर लीजिये।

आटे के बीच में जगह बनाइये, गुड़ मिला दही, 1 टेबल स्पून तेल और सारे मसाले डालिये, सारी चीजें अच्छी तरह मिला लीजिये, पानी की सहायता से पूरी बनाने जैसा आटा गूथ लीजिये। गुथे आटे को आधा घंटे के लिये ढक कर रख दीजिये।

आधा घंटे बाद गुथे आटे को अच्छी तरह मसल कर ठीक कीजिये। अब इस आटे से छोटी-छोटी और गोल-गोल लोइयां बनाकर तैयार कर लीजिये।

तल कर ढेबरा बनाने के लिये- 
कढाई में तेल डालकर गरम कीजिये। एक लोई उठाइये, तेल या सूखे आटे की सहायता से गोल, थोड़ा मोटी, 3 इंच व्यास की पूरी बेलिये और गरम तेल में डालिये। कलछी से दबा कर ढेबरा को फुलाइये और पलट कर दोनों तरफ ब्राउन होने तक तलिये। तले हुये ढेबरा को बास्केट या प्लेट में नैपकिन पेपर बिछा कर निकाल कर रखिये। 2-3 ढेबरा एक साथ डालकर, ब्राउन होने तक, तल कर निकाल लीजिये।

Tawe wala Gujrati Methi Dhebara


तवे पर ढेबरा बनाने के लिये- 
तवा आग पर रख कर गरम कीजिये। गुथे हुये आटे से थोड़ा आटा तोड़कर लोई बनाइये। तेल या सूखे आटे की सहायता से 5-6 इंच के व्यास में गोल परांठे के जैसा पतला बेलिये। बेला हुआ ढेबरा गरम तवे पर डालिये और तेल लगाकर दोनों तरफ पलट कर अच्छी तरह ब्राउन होने तक सेक कर निकाल कर डलिया या प्लेट में रखिये। ठंडा होने पर ढेबरा कैसरोल में रख लीजिये।

ढेबरा को अचार या चटनी के साथ खाइये। आप ढेबरा के साथ आलू मटर मसाला सब्जी भी बना सकते हैं, इस सब्जी के साथ ढेबरा का स्वाद लाजबाव लगता है।
ढेबरा को फ्रिज में रख कर 5 - 6 दिन तक खाया जा सकता है। फ्रिज में रखा ढेबरा (Gujarati Methi Dhebra) निकालिये और गरम कीजिये और खाइये।

बंगाली छेना रसगुल्ला का नाम सुनते ही मुंह में पानी आता है।

बंगाली छेना रसगुल्ला

छेना रसगुल्ला (Bengali Rasgulla) का नाम सुनते ही मुंह में पानी भर आता है। थोड़ी सी मेहनत से आसानी से बनाये जा सकते हैं। तो आइये बनाते हैं बंगाली छेना रसगुल्ला। 



आवश्यक सामग्री - Ingredients :
दूध - 1.5 लीटर
नीबू का रस - 2 नीबू 'या' सिरका मिले तो अच्छा - दो बड़ा चम्मच
आरारोट पाउडर - 2 चम्मच
चीनी - 750 ग्राम 

बनाने की विधि - How to make :
इस रसगुल्ला को बनाने के लिये मुख्य सामग्री छेना है,  तो सबसे पहले हम रसगुल्ले बनाने के लिये छेना बनायेगे।

सबसे पहले दूध को किसी भारी तल वाले बर्तन में निकाल कर गरम कीजिये। दूध के उबलने के बाद, गैस से उतार लीजिये। दूध को हल्का ठंडा होने दीजिये। दूध को ठंडा करने के लिये दूध में 1 कप पानी भी डाल सकते हैं। दूध में थोड़ा-थोड़ा नीबू का रस डालते हुये चमचे से चलाइये। दूध जब पूरा फट जाय और दूध में छेना और पानी अलग-अलग दिखाई देने लगे तो नीबू का रस डालना बन्द कर दीजिये। छेना को कपड़े में छान लीजिये और ऊपर से ठंडा पानी डालिए ताकि नीबू का स्वाद छैना में न रहे। कपड़े को चारों ओर से बंद कर अतिरिक्त पानी को पूरी तरह से निचोड़ दीजिये। छेना तैयार है। 

छेना को किसी थाली में निकाल कर 4 से 5 मिनिट तक मसल-मसल कर चिकना कर लीजिये। अब छेना में अरारोट मिला कर उसी प्रक्रिया को दुहराना है। यानि की फिर से छेना को 4 से 5 मिनिट अच्छी तरह मेस कर चिकना करना है। छेना को इतना मथिये कि वह चिकना गुथे हुये आटे की तरह दिखाई देने लगे। रसगुल्ला बनाने के लिये छेना का मेटेरिअल तैयार हो गया।

अब थोड़ा-थोड़ा छेना निकाल कर, एक इंच के छोटे-छोटे गोले बना कर प्लेट में रखते जाईये। जब सारे छेना के गोले तैयार हो जाये तो किसी गीले कपड़े से ढक कर रख दीजिये।
अब आप चाशनी बनाइये : 
2 कप पानी में चीनी डालकर किसी चौड़े बर्तन में गरम कीजिये (मात्रा अपने सुविधा अनुसार ले सकते हैं।) 

चाशनी में उबाल आने के बाद, छेना के बने गोले चाशनी में डाल दीजिये। बर्तन को ढक दीजिये और छेना के गोलों को बीच-बीच में चैक करते रहिये। 20 से 25 मिनिट तक तेज आंच पर उबलने दीजिये। 8 से 10 मिनिट बाद चाशनी गाढ़ी होने लगती है। चाशनी में 1-1 चम्मच करके पानी डालिये। और हाँ, ध्यान रहे कि चाशनी में हमेशा उबाल आता रहे। रसगुल्ला पकते समय 1 - 2 कप तक पानी डाल सकते हैं। रसगुल्ले फूल कर लगभग दोगुने हो जाते हैं। रसगुल्ला पकने के बाद गैस बन्द कर दीजिये। रसगुल्ले को चाशनी में ही ठंडे होने दीजिये।

लीजिये छेना के बंगाली रसगुल्ले तैयार हैं। रसगुल्ले अभी खाये जा सकते हैं। लेकिन 10-12 घंटे बाद रसगुल्ले अच्छे मीठे और बहुत ही स्वादिष्ट हो जायेंगे। इन्हैं ठंडा होने के बाद, फ्रिज में रख दीजिये। रसगुल्ले को चाशनी में डूबे रहने दें। चाशनी में डूबे रसगुल्ले फ्रिज में रखकर 15-20 दिन तक खाये जा सकते हैं।

कुछ ध्यान देने योग्य बातें :
1. छेना ताजा और फुल क्रीम दूध से बनायें।
2. छेना से पानी पूरी तरह निचोड़ कर निकाल दीजिये और साथ साथ धो लीजिये.
3. छेना को इतना मेस कीजिये कि छेना आटे की तरह चिकना लगने लगे।