मीठी कचौरी (Meethi Kachouri) कैसे बनाएं

मीठी कचौरी (Meethi Kachouri)

नमकीन कचौरियां तो हम नाश्ते में कई तरह की बनाते रहते है, लेकिन क्या आपने मीठी कचौरी (Meethi Kachori) बनाई है? 
मीठी खस्ता कचौरी आगरे की खास पाकविधि है. यह एकदम खस्ता होती है, इतनी की मुंह में जाते ही बिखर जाय और घुल जाय. बच्चे तो इसे पसंद करते ही है, बिना दांत वाले बुजुर्ग भी इसे बहुत पसंद करते हैं. पुराने समय में इसे मदनदीपक कचौरी (Madan Deepak Kachori) भी कहते थे इस रक्षाबन्धन के अवसर पर आप अपने पकवानों में मीठी कचौरी (Meethi Kachori) भी शामिल कर लीजिये.

आवश्यक सामग्री Ingredients for Sweet Kachori

कचौरी का आटा 
सूजी - 150 ग्राम (1 कप)
मैदा - 250 ग्राम ( 2 कप )
घी - 75 ग्राम ( 1/3 कप)
दूध - 100 ग्राम (आधा कप)
कचौरी की पिठ्ठी के लिये
मावा (खोया) - 100 ग्राम (कद्दूकस किया हुआ आधा कप)
चीनी - 1 1/2 टेबल स्पून
बादाम - 20
काजू - 20
इलाइची - 7-8
घी - कचौरी तलने के लिये
चाशनी बनाने के लिये 
चीनी - 200 ग्राम (एक कप)
पानी - 125 ग्राम ( आधा कप से थोड़ा सा अधिक)

विधि - How To Make Sweet Kachori

मैदा और सूजी छान कर किसी बर्तन में निकाल लीजिये, इसमें घी डालकर अच्छी तरह मिला मिलाइये. गुने गुने दूध की सहायता से कड़ा आटा गूथे बाद में थोड़ा थोड़ा दूध डालकर आटे को मसल मसल कर नरम कर लीजिये. 

गुथे हुये आटे को आधा घंटे के लिये ढककर रख दीजिये. कचौरी बनाने के लिये आटा तैयार है. 

मावा को कढ़ाई में डाल कर धीमी गैस फ्लेम पर हल्का ब्राउन होने तल भून लीजिये. चीनी पीस लीजिये, काजू और बादाम भी पीस लीजिये इन्हैं ज्यादा बारीक मत कीजिये, इलाइची छील कर कूट लीजिये. 

भुने हुया मावा जब वह कम गरम रह जाय, तब चीनी और पिसे हुये मेवे मिला दीजिये. कचौरी में भरने के लिये पिठ्ठी तेयार है. 

कढ़ाई में घी डालकर गरम कीजिये. 

आटे से एक नीबू के बराबर आटा तोड़िये, उसे हथेली पर रखकर बड़ा कीजिये और एक छोटी चम्मच मावा की पिठ्ठी उस पर रखिये, आटे को चारों ओर से उठाइये और पिठ्ठी को बन्द कीजिये, और हल्के हाथ से दबा कर पेड़ा का आकार दीजिये, 4-5 कचौरी इस तरह भरकर प्लेट में रखिये, अब इसे एक हथेली पर रख कर दूसरे हाथ की हथेली से इस तरह हल्का दबाब डालते हुये दबा दबा कर 2 1/2 या 3 इंच के व्यास की कचौरी बड़ा लीजिये. 

इस कचौरी को गरम तेल में डालिये, 3 या 4 जितनी कचौरी तेल में आ जायं डालिये, मीडियम और धीमी गैस फ्लेम पर, ब्राउन होने तक कचौरी तल लीजिये, तली हुई कचौरी निकाल कर किसी प्लेट या डलिया में नैपकिन पेपर बिछाकर रखिये. फिर से यही प्रोसेस दुहराइये और सारी कचौरी इसी तरह बनाकर तैयार कर लीजिये.

चाशनी बनाइये.

किसी बर्तन में चीनी पानी मिलाकर चाशनी बनाने के लिये गैस फ्लेम पर रखिये, उबाल आने पर चमचे से थोड़ी थोड़ी देर में चमचे से चलाइये और तीन तार की चाशनी बना लीजिये(एक बूंद चाशनी प्लेट पर गिराइये, ठंडा होने पर, अंगूठा और अंगुली के बीच चिपका कर देखिये, 3 तार निकलते दिखाई देने लगे). ये चाशनी गाड़ी होती है. चाशनी तैयार है. 

चाशनी में एक एक कचौरी डुबाकर निकालकर थाली में रख लीजिये, कचौरियों को खुला छोड़्कर ठंडा होने दीजिये, मीठी कचौरी (Rava Sweet Kachori) तैयार हैं. 

ये स्वादिष्ट मीठी कचौरी (Sweet Kachori) आप अभी खाइये और बची हुई कचौरी कन्टेनर में भरकर रख लीजिये,15 दिन तक जब भी आपका मन करे कन्टेनर से कचौरी (Sweet Kachori)निकालिये और खाइये.

घेवर (Ghewar) कैसे बनाएं - आसान तरीके

घेवर बनाइये (Ghevar)

सावन और राखी के त्यौहार की विशेष मिठाई घेवर (Ghevar Sweet) है. हम तो अपने देश में है इसलिये हमें घेवर आसानी से मिल जाता है, लेकिन जो देश से बाहर है, उन्हें घेवर मुश्किल से मिलता है घेवर आप घर पर भी बना सकते है, दिखने में एसा लगता है कि इसे बनाना मुश्किल होगा लेकिन है बड़ा आसान. आईये हम आज घेवर बनायें 
आपने बाजार में घेवर बनते देखा है? घेवर बनाने के लिये स्पेशल कढ़ाई प्रयोग में लाई जाती है जिसका तला समतल होता है, जो करीब 12 इंच गहराई और 5-6 इंच चौड़ाई की होती है. बाजार में घेवर बनाने के लिये तो समतल तले की बड़ी कढ़ाई होती है और उसमें छ्ह इंच उंचे बेलनाकार गोले डाले जाते हैं, घी भरी कढाई में ये गोले पड़े रहते हैं और इन्हीं गोलों में घोल डाल कर घेवर तला जाता हैं, लेकिन अभी आप इन्हें भूल जाईये. 
घेवर घर पर सामान्य भगोनी या घर की कढ़ाई में बहुत अच्छी तरह से बनाया जा सकता है.

आवश्यक सामग्री - Ingredients for Ghevar Sweets

मैदा - 250 ग्राम (2 कप)
घी - 50 ग्राम ( 1/4 कप)
दूध - 50 ग्राम (1/4 कप)
पानी - 800 ग्राम ( 4 कप)
घी या तेल - घेवर तलने के लिये
चाशनी बनाने के लिये
चीनी - 400 ग्राम( 2 कप)
पानी - 200 ग्राम (1 कप)

विधि - How to make Ghevar

मैदा छान कर किसी बर्तन में निकाल लीजिये, घी को किसी बड़े बर्तन में डाल लीजिये और बर्फ डालकर हाथ से फैटिये, फैंटते फैंटते घी की जब क्रीम जैसी बन जाय तब बर्फ के टुकड़े निकाल कर हटा दीजिये और घी को एक दम चिकनी क्रीम बनने तक फैट लीजिये, अब इसमें मैदा थोड़ी थोड़ी डालते जाइये और फैटते जाइये, गाढ़ा होने पर दूध मिला दीजिये और थोड़ा थोड़ा पानी डाल कर खूब फैटिये, मैदा डालते जाइये, सारी मैदा डालकर अच्छी तरह मिलाइये और फैटिये और चिकना गाढ़ा बैटर बना लीजिये, अब बैटर में थोड़ा थोड़ा पानी डालिये और घोल को खूब फैटिये, घोल में कोई गुठली न रहे और घोल एकदम चिकना हो जाय. घेवर बनाने के लिये घोल तैयार है. घोल की कन्सिस्टेन्सी एकदम पतली हो कि चमचे से घोल गिराने पर पतली धार से गिरे. 
कढ़ाई में करीब आधा से कम ऊचाई तक घी भर कर गरम कीजिये, घी अच्छी तरह गरम होने पर यानी मैदा की कोई भी बूंद घी में गिरे तो वह तुरन्त ऊपर उठकर तैरने लगे. मैदा का घोल किसी चमचे में भर कर बहुत ही पतली धार से इस गरम घी में डालिये, घोल डालने पर घी से उठे झाग ऊपर दिखाई देने लगते हैं, 
दूसरा चमचा घोल डालने के लिये 1-2 मिनिट रुकिये, घी के ऊपर झाग खतम होने दीजिये, अब फिर से दूसरा चमचा घोल भरकर बिलकुल पतली धार से घोल घी में डालिये, आप देखेंगे कि घी फिर से झाग से भर जाता है, झाग खतम करने के लिये फिर से 1-2 मिनिट रुकिये,.

आप जितना बड़ा घेवर बनाना चाहते हैं उसके हिसाब से उतना घोल आप भगोने में डालेंगे, घोल को भगोने के बीच में डाला जाता है, यह घोल नीचे तले में जाता और तैर कर वापस ऊपर आता है और पहली परत के ऊपर पहुंच कर परत बनाता है, यदि घेवर में बीच में जगह न रहे तो आप किसी चमचे की पतली डंडी या तान से बीच से घोल हटाकर थोड़ी जगह बना सकते है इसी जगह से घोल को डालते रहिये जब तक घेवर का आकार सही न हो जाय. 
जब पर्याप्त घोल डाल चुके तब गैस की फ्लेम मीडियम कर दीजिये, अब आप घेवर को मीडियम आग पर हल्का ब्राउन होने तक सिकने दीजिये. 

जब घेवर ऊपर से हल्का ब्राउन दिखने लगे तब घेवर को निकाल कर थाली में रखिये (घेवर को निकालने के लिये किसी लकड़ी या स्टील की पतली छड़, या कलछी को ऊपर से उलटा पकड़ कर उसका प्रयोग किया जा सकता है) घेवर निकाल कर जिस थाली में रख रहे हैं उसके ऊपर एक और प्लेट रख लीजिये, ताकि घेवर से निकला घी उस थाली में इकठ्ठा हो जाय, या थाली को तिरछा कर दीजिये ताकि अतिरिक्त घी थाली में नीचे की ओर निकल कर आ जाय. 
सारे घेवर तल कर आप इसी तरह तैयार करके थाली में घेवर एक ऊपर एक रख लीजिये. 
घेवर को मीठा करने के लिये 2 तार की चीनी की चाशनी तैयार कीजिये:

किसी बर्तन में चीनी में 1 कप पानी डाल कर गैस फ्लेम पर चाशनी बनने रखिये, उबाल आने के बाद 5-6 मिनिट तक पकाइये, चाशनी को चम्मच से लेकर एक बूंद किसी प्लेट में गिराइये, ठंडा होने पर उंगली और अंगूठे के बीच चिपका कर देखिये, वह उंगली और अंगूठे के बीच चिपकनी चाहिये, चाशनी में 2 तार बनने चाहिये, चाशनी तैयार हो गई है. 
चाशनी को इतना ठंडा कीजिये कि उसे हाथ से छू सके और एक थाली लीजिये, थाली के ऊपर एक प्याली रख लीजिये, एक घेवर लेकर प्याली के ऊपर रखिये और चाशनी को चमचे से घेवर के ऊपर सारी सतह पर डालिये, चाशनी घेवर को मीठा करती हुई नीचे निकल जाती है, आपको घेवर ज्यादा या कम जैसा मीठा करना हो उसके हिसाब से चाशनी डालते जाइये. एक एक करके सारे घेवर जो आपने बनाये हैं वे मीठे कर लीजिये, अगर घेवर से चाशनी निकल रही हो तो जिस थाली में मीठे घेवर रख रहें उस थाली को तिरछा रखिये ताकि अतिरिक्त चाशनी निकल कर थाली में नीचे की ओर इकठ्ठी हो जाय, या घेवर के नीचे कोई प्लेट रख लीजिये थोड़ी ही देर में घेवर से अतिरिक्त चाशनी निकल जाती है. 

ये घेवर हवा में 1 घंटे सूखने दीजिये, अब आपके मीठे घेवर तैयार हैं, आप इन्हैं अभी तो खा ही सकती हैं, और बचे हुये घेवर एअर टाइट कन्टेनर में भर कर रख लीजिये, 2 सप्ताह तक कन्टेनर से घेवर निकालिये और खाइये. 
घेवर के ऊपर रबड़ी और कतरे हुये सूखे मेवे लगाकर उसे और अधिक स्वादिष्ट बनाइये:
घेवर में रबड़ी और मेवा की टॉपिंग लगा देने से यह और भी अधिक स्वादिष्ट हो जाता है. 

रबड़ी बना लीजिये:

1 लीटर फुल क्रीम दूध को किसी भारी तले के बर्तन में डालकर उबलने रख दीजिये, उबाल आने पर गैस फ्लेम धीमी कर दीजिये और दूध को उबलते रहने दीजिये, थोड़ी थोड़ी देर में चमचे से चलाते अवश्य रहें ताकि दूध तले में न लगे, दूध उबलते उबलते गाड़ा हो जाय यानी अपनी मात्रा का 1/3 रह जाय तब गैस फ्लेम बन्द कर दीजिये, दूध की रबड़ी घेवर पर डालने के लिये तैयार है, इस रबड़ी में 2 छोटी चम्मच चीनी डालकर हल्की सी मीठी कर दीजिये. 

बादाम 10 -15 बारीक कतर कर, पिस्ते भी 10-15 बारीक कतर कर और इलाइची 4-5 छीलकर बारीक कूट कर मिला लीजिये. 

घेवर के ऊपर एक परत दूध की रबड़ी की बिछाइये और ऊपर से कतरे हुये मेवे डाल दीजिये अब आप इस घेवर (Ghevar) को खाइये और बताइये कि घेवर कितना स्वादिष्ट बना है. 

सामान्य घेवर को तो 2 सप्ताह तक रख सकते है लेकिन रबड़ी की टॉपिग लगे घेवर (Ghevar with Rabri Mewa Toping) को आप 2 दिन तक फ्रिज में रख कर खा सकते हैं क्यों कि रबड़ी जल्दी खराब हो जाती है इसलिये जितने घेवर 2 दिन में खाये जा सके, उतने ही घेवर पर रबड़ी की टॉपिंग कीजिये.

सुझाव:

घेवर बनाने के लिये कढ़ाई या भगोनी जो भी ले रहे हैं वह भारे तले की और गहरी होनी चाहिये, घेवर का घोल गरम घी में डालते समय वह एकदम ऊपर आता है, कम गहरा बर्तन होने से गरम घी निकल कर गैस के ऊपर आ सकता है.

तरबूज के छिलके से सब्जी और मुरब्बा के अलावा हलवा भी बहुत स्वादिष्ट बनता है।

तरबूज के छिलके का हलवा
Watermelon Rind Halwa

गर्मी के मौसम में तरबूज खाईये, इसका रस पीजिये लेकिन इसके छिलके को यूहीं मत फैंक दीजिये. तरबूज के छिलके से सब्जी और मुरब्बा तो बना ही सकते हैं, तरबूज के छिलके का हलवा भी बहुत स्वादिष्ट बनता है।



आवश्यक सामग्री - Ingredients for Watermelon Rind Halwa
तरबूज के छिलके - 600 ग्राम
खोया - 200 ग्राम
चीनी - 200 ग्राम
छोटी इलायची - 5 - 6
काजू - 20-25
देसी घी - 2 टेबल स्पून

बनाने की विधि - How to make
तरबूज के मोटे छिलके को छील लीजिये, डार्क ग्रीन सख्त छिलका छील कर हटा दीजिये, सारे छिलके छील लीजिये 
तरबूज के छिलकों को कद्दूकस कर लीजिए. पैन को गैस पर रखें, इसमें 1 चम्मच घी डालकर मेल्ट कर लीजिए. अब इसमें कद्दूकस किए हुए तरबूज के छिलके डालकर ढककर के 5 मिनिट के लिए पका लीजिए.

काजू को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट कर तैयार कर लीजिए और इलायची को कूट कर पाउडर बना लीजिए.

छिलकों को चैक कीजिए और चला कर के फिर से 5 मिनिट ढककर के पकने दीजिए और फिर से चैक कीजिए छिलकों को नरम होने तक पकाना है. इन्हें पकने में लगभग 15 मिनिट का समय लग जाता है. 

छिलकों को अच्छे से पक जाने पर और पानी समाप्त हो जाने पर इसमें चीनी डाल कर मिक्स कीजिए और धीमी आंच पर ढककर के पकने दीजिए और फिर चैक कीजिए. 

चीनी के घुल जाने पर अब हलवे को खुले ही पकाएं ताकी सारा जूस समाप्त हो जाए.
मावा भूनें

एक दूसरे पैन को गैस पर रखें इसमें 1 चम्मच घी डाल दीजिए और घी पिघलने पर मावा डालें, मावा को मीडियम आग पर लगातार चलाते हुए भून लीजिए. मावा का हल्का कलर चेंज होने पर वह भून कर तैयार हो जाता है. गैस बंद कर दीजिए और मावा को थोडा़ सा ठंडा होने दीजिए.

हलवे का जूस सूख जाने पर इसमें भूना हुआ मावा, काजू और इलायची पाउडर डालकर अच्छे से मिक्स कर लीजिए. गैस धीमी ही रखें, हलवे में मावा के अच्छे से मिक्स हो जाने पर मावा बनकर तैयार है. इसे प्याले में निकाल लीजिए. 

हलवे के ऊपर काजू डालकर इसकी गार्निश कीजिए स्वादिष्ट तरबूज के छिलकों का हलवा बनकर तैयार है. तरबूज के छिलके के हलवा को फ्रिज में रखकर 7 दिन तक खाया जा सकता है.

कुरकुरी जलेबी (without yeast crispy Jalebi)

कुरकुरी जलेबी (Crispy Jalebi )


जलेबी उत्तर भारत की पसंदीदा मिठाई है। प्रायः जलेबी के लिये बैटर एक दिन पहले ही तैयार करना होता है, लेकिन आज हम बिना खमीर (yeast) और तुरंत तैयार बैटर के भी कुरकुरी रसीली जलेबी बना सकते हैं और वो भी एकदम आसानी से। तो आईये जानते हैं कैसे ?



3 से 4 सदस्यों के लिए


स‌ामग्रीयाँ - Ingredients :
मैदा- 1 कप
उड़द दाल- 1/4 कप (भीगी हुई)
चीनी- 2 कप
बेकिंग पाउडर - 1/3 चम्मच
इलायची- 6 या 7 पीस
लाल रंग (खाने वाला)- आधा चुटकी
नींबू रस - 1 चम्मच
रिफाइन्ड तेल (घी)- तलने लिए

बनाने की विधि - How to make :

जलेबी बैटर तैयार करें।
उड़द दाल को साफ़ धो कर 2 घंटे के लिए पानी में भिगोकर छोड़ दीजिए। 2 घंटे बाद दाल से पानी निकाल कर दाल को मिक्सर जार में डालें, दाल को पीसने के लिये आवश्यकतानुसार पानी मिलायें और बारीक पीसकर पेस्ट तैयार कर लें।

मैदा को एक बड़े बर्तन में लें और साथ ही बेकिंग पाउडर और लाल रंग (खाने वाला) डालकर मिला लें। अब मैदा में थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए गुठलियां खत्म होने तक चिकना घोल तैयार कर लें।

मैदा के घोल में पीसी हुई उड़द की दाल डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। बैटर को बहुत ज्यादा पतला या ज्यादा गाढ़ा नहीं करना हैं। अब आपका जलेबी बनाने के लिए बैटर तैयार है।


जलेबी के लिए चाशनी बना कर तैयार करें।
इलायची का पाउडर बना लें। एक बड़े बर्तन में चीनी और डेढ कप पानी डालकर पकने के लिये रख दें, चीनी को तब तक पकाएं जब तक वह पूरी तरह स‌े पानी में घुल न जाए। हर 1-2 मिनिट पर इसे चलाते रहना है।  चीनी पानी में घुलने के बाद चाशनी को 4 से 5 मिनिट और पका लीजिए। 1- 2 बूंद चाशनी को किसी अलग बर्तन में निकाल कर ठंडी होने के बाद, उंगली और अंगूठे के बीच चिप-चिपा कर देखें, चाशनी में 1 तार बन रही हो तो, चाशनी बन कर तैयार है। अगर चाशनी में तार बिलकुल नहीं बन रहा है, तब उसे और 1-2 मिनिट तक पकाइये और फिर से इसी तरह जांच लीजिये। जैसे ही आपको 1 तार की कनसिसटेन्सी मिल जाय, गैस बन्द कर दीजिये।

चाशनी में 1 छोटी चम्मच नींबू का रस‌ मिला लीजिए, जिससे कि चाशनी जमेगी नहीं। इस‌में इलायची पाउडर डाल कर मिला दीजिए, चाशनी बनकर तैयार हैं।

अब जलेबी छानने की तैयारी।
सबसे पहले कड़ाही में रिफाइन तेल डालकर गरम कीजिए। जलेबी बनाने के लिए एक कोन तैयार कर लीजिए। (आप चाहें तो कोई मोटी पालिथिन का एक कोने को काट कर, बैटर भरकर जलेबी बनाई जा सकती है) कोन को ग्लास के ऊपर रखकर बैटर को कोन में भर लीजिए। कोन को नीचे से बिलकुल छोटा सा काट लीजिए। मीडियम हाई गरम तेल होने पर, कोन को थोड़ा- थोड़ा दबाते हुए इसकी धार को हाथ से -गोल गोल चलाते हुये कढ़ाई में डालिये और जलेबी का आकार दीजिये। जितनी जलेबी कढ़ाई में आ जाय उतनी जलेबी कढ़ाई में बना लीजिये।


जलेबी को पलट-पलट कर अच्छी क्रिस्पी और गोल्डन ब्राउन होने तक तल लीजिए। जलेबी के क्रिस्पी और गोल्डन ब्राउन हो जाने के बाद जलेबी को निकालकर छलनी पर तब तक रखे रहिये जब तक की उसमें से उस‌का अतिरिक्त घी कड़ाही में निकल जाए। अब गरम जलेबी को तुरन्त चाशनी में डाल दीजिए। 1-2 मिनट तक जलेबी को चाशनी में डूबा रहने दीजिए ताकि जलेबी के अन्दर चाशनी भर जाये। उसके बाद उसे चाशनी से निकाल कर प्लेट में रखें। इसी तरह सारी जलेबी तल कर चाशनी में डालकर तैयार कर लीजिए।

गरमा-गरम स्वादिष्ट इंसटेंट जलेबी बनकर तैयार हैं। इसे परोसिये और इसके स्वाद का मजा लीजिए।

ध्यान देने योग्य बातें
1. जलेबी के लिए बैटर बहुत ज्यादा पतला या बहुत ज्यादा गाढ़ा नहीं होना चाहिए।

2. जलेबी तलने के लिए घी मीडियम से थोडा़ सा ज्यादा गरम होना चाहिए। अगर तेल कम गरम होगा तो जलेबी फूलेगी नहीं और अगर ज्यादा गरम होगा तो जलेबी जल्दी से जल जाएगी।

3. जलेबी को हल्की गरम चाशनी में डुबायें। चाशनी जलेबी के अन्दर तुरन्त चली जायेगी और बहुत अच्छी जलेबी बनकर तैयार होंगीं।

4. ये जलेबी 8-10 घंटे बाद भी कुरकुरी बनी रहतीं हैं।

होली का वक़्त है और होली में तो मालपूआ बनाना भी अनिवार्य है।

मावा  का मालपुआ

होली का वक़्त है और होली में तो मालपूआ बनाना भी अनिवार्य है। अगर मालपूआ में मावा का मालपूआ हो तो सोने पे सुहागा जैसा है। मालपुआ (Malpua) पारम्परिक घरों में बनने वाला एक ऐसा पकवान है, जो बहुत आसानी से बनाया जा सकता है। पारम्परिक रूप से कथा, यज्ञ, भंडारे व अन्य शुभ काम की समाप्ति के बाद हुये भोजन में असली घी के मालपुआ और खीर (Kheer Malpua) परोसे जाते हैं। मालपुआ (Mal Pua) अलग जगह पर अलग स्वाद और अलग तरीके से बनाये जाते हैं। कहीं मालपुआ पके मीठे केले को मिक्स करके और मैदा या आटा और चीनी डाल कर, पानी या दूध की सहायता से घोल तैयार किया जाता है, इस घोल में इलाइची पीस कर मिलाई जाती है और इस घोल से केले के मालपुआ (Banana Malpua) बनाये जाते हैं। कुछ जगह केले की जगह, आम या अनन्नास का प्रयोग करके मालपूआ (Mango Malpua or Pineaple Malpua) बनाये जाते हैं। कहीं मैदा की जगह चावल का आटा भी प्रयोग में लाया जाता है।

साधारण मालपुआ बनाने के लिये आटे को दूध या दही में घोला जाता है, इलाइची घोल में मिला कर मालपुआ तल लिये जाते हैं, इन माल पुओं को खीर के साथ खाया जाता है। राजस्थान में दूध, मावा और मैदा मिलाकर मावा मालपुआ (Mawa Malpua) बनाये जाते हैं। इन मालपुआ को तलने के बाद चाशनी में डुबाया जाता है। आइये आज हम ये राजस्थानी मावा के मालपुआ (Rajasthani Mawa Malpua) बनायें।

सामग्रीयाँ - Ingredients for Malpua Recipe
दूध - 2 कप
मावा या खोया - 200 ग्राम ( 1 कप ) पीसा हुआ
मैदा - 100 ग्राम (1 कप)
चीनी - 300 ग्राम( 1 1/2 कप)
केसर - 20 - 25 टुकड़े (यदि आप चाहें)
घी - तलने के लिये
छोटी इलाइची - 3 से 4 (पीसी हुयी)
पिस्ता - 10 से 12 (बारीक कर लीजिये)

बनाने की विधि - How to make :
सबसे पहले दूध को हल्की आंच पर हल्का गरम कर लीजिये। मावा को कद्दूकस करके एक कप दूध में डालिये और अच्छी तरह से मिलने तक घोल कर फैट कर मिलाइये। फिर मैदा डाल कर अच्छी तरह मिलाइये (ध्यान रहे कि घोल में गुठलियां न पड़े), बचा हुआ दूध थोड़ा-थोड़ा डालिये। घोल को अच्छी तरह फैट कर जलेबी बनाने जैसा बैटर तैयार कर लीजिये। मालपूआ बनाने के लिए घोल तैयार है। घोल को सैट होने के लिये 10 मिनिट के लिये ढककर रख दीजिये।

चाशनी बनायें: - How to make Sugar Syrup for Mal Pua
किसी बर्तन में चीनी की मात्रा के आधा से थोड़ा अधिक पानी (डेढ़ कप चीनी में 1 कप पानी) डाल कर गरम करने के लिए आंच पर रखिये। उबाल आने के बाद 2-4 मिनिट तक पकाइये। दो से चार मिनट पकने के बाद चम्मच के माध्यम से एक बूँद निकाल कर अपने तर्जनी और अंगूंठे की उंगली से चिप चिपा कर देखिये अगर चाशनी में एक तार आ रहा हो तो फिर एक तार की पतली चाशनी बनकर तैयार है। चाशनी में केसर और छोटी इलाइची डाल कर मिला दीजिये।

मालपुआ बनायें: How to make Malpooa
चौड़ी कढाई (जो गहरी कम हो) में घी डाल कर गरम कीजिये। अपने मन पसन्द साइज का मालपूआ बनाने के लिए, 1 मालपूआ के लिये, 1 चम्मच घोल या आधा चम्मच घोल (जैसा आप चाहें), गरम तेल में डालिये। कढ़ाई के आकार के अनुसार 3-4 या जितना सही आ पाए उतना मालपुआ डाल दीजिये। मीडियम गैस फ्लेम पर मालपूआ तलिये। हलका ब्राउन होने पर पलटिये। दूसरी तरफ भी हल्का ब्राउन होने दीजिये। माल पूआ निकाल कर किसी प्लेट में रखिये। सारे मालपुआ इसी तरह तल कर तैयार कर लीजिये।

आपका चाशनी पहले से ही तैयार है। तैयार मालपूआ चाशनी में डुबोइये। 5-6 मिनट तक डूबे रहने के बाद मालपूआ चाशनी से निकाल कर प्लेट में लगाइये और बारीक कटे पिस्ते डालकर सजाइये। गरमा-गरम या ठंडे मालपुआ परोसिये और खाइये और कॉमेंट बॉक्स में लिख कर बताइये कि मावा का मालपुआ (Mawa Malpua) कैसा लगा, साथ में अगर आप रबड़ी बनायें तो सच में इन मालपुओं का जबाव नहीं।

बिहार और झारखंड की पारम्परिक व्यंजन, मीठा, खस्ता, कुरकुरे ठेकुआ।

ठेकुआ

बिहार और झारखंड की पारम्परिक व्यंजन है ठेकुआ। मीठा, खस्ता, कुरकुरे ठेकुआ को छठ पूजा या वट सावित्री पूजा के मौके पर विशेष रूप से बनाया जाता है। लेकिन आप इसे कभी भी बना कर खा सकते हैं या फिर सन्देश भेजने के लिए भी बना सकते हैं। आप इसे एक बार बना कर एयर टाइट डब्बे में रखकर जब मर्जी निकालकर खा सकते हैं।


सामग्रीयाँ - Ingredients for Thekua Recipe :
गेहूँ का आटा - 2 कप
गुड़ -3/4 कप (ये चीनी में भी बनता है)
नारियल - ½ कप (कद्दूकस किया हुआ)
तेल -तलने के लिए
घी - 2 टेबल स्पून (आटे में डालकर गूंथने के लिये)
इलायची - 5-6

बनाने की विधि - How to make :
सबसे पहले गुड़ को गर्म करना है। अगर गुड़ गीला है तो ठीक नहीं है तो सूखे गुड़ को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ लीजिये। गुड़ के टुकड़े और आधा कप से थोड़ा कम पानी एक कढ़ाई में डाल कर गरम कीजिये। उबाल आने पर चमचे से चला कर देखिये कि सारा गुड़ पानी में अच्छे से घुल गया है या नहीं। गुड़ पानी में घुल जाने के बाद इस घोल को छलनी से छान लीजिए ताकी अगर कोई अशुद्धि हो तो वह निकल जाए।

गुड़ के पानी में घी मिलाकर इसे थोडा़ ठंडा होने के लिए रख दीजिए। इलायची को छील कर इसका पाउडर बना लीजिए।

किसी बर्तन में आटा निकाल लीजिए। इसमें कूटी इलायची और कद्दूकस किया हुआ नारियल डाल दिजिए। अब गुड़ के घोल की सहायता से एकदम सख्त और हल्का सूखा आटा गूंथ कर तैयार कर लीजिये। आटा गूंथ कर तैयार है, अब इस आटे से ठेकुआ बनाएंगे।

कढ़ाई में तेल डालकर गरम कीजिये। आटे में से थोडा़ सा आटा तोड़कर इसको हथेली की सहायता से लम्बे आकार में बाइन्ड करते हुये लोई बना लीजिए और लोई को सांचे पर रखकर हाथों से थोड़ा सा दबाव देते हुए डिजाईन में तैयार कर लीजिए। इसी तरह अगर गोल लोई बनाना चाहते हैं तो लोई को गोल आकार देते हुए गोल ठेकुआ बना लीजिए। अगर आपके पास सांचा नहीं है तो आप घर में मौजूद छलनी, प्लास्टिक बास्केट या कद्दूकस का इस्तेमाल कर सकते हैं।

सारे आटे से ठेकुआ बना लेने के बाद इन्हें मीडिय़म गरम तेल में डालकर तल लीजिए। ठेकुए को मीडियम और धींमी आंच पर ही तलना चाहिए। तेल में जितने ठेकुए आ जाएं उतने डाल दीजिए और पलट-पलट कर ब्राउन होने तक तल लीजिये। जब ये ब्राउन हो जाएं तब इन्हें निकाल लें और एक प्लेट में पेपर नैपकिन बिछा कर रखते जाएँ। इसी तरह सारे ठेकुआ बना कर तैयार कर लीजिये।

बहुत ही स्वादिष्ट ठेकुआ बनकर के तैयार हैं। इन्हें ठंडा होने दीजिए उसके बाद एअर टाइट कन्टेनर में रख लीजिये और जब मन करें कंटेनर से निकाल कर खाएं। ठेकुआ को आप एक माह तक खाने के लिए उपयोग में ला सकते हैं। ये एक बड़ी खासियत है।

ध्यान रखने योग्य बातें :
ठेकुआ में आप अपने मन के अनुसार काजू, किशमिश, छुहारे या जो आपका मन हो वो ड्राई फ्रूट डाल सकते हैं।

क्या आपने उन्नी अप्पम का नाम सुना है ? नहीं ना ? एक बार चखिए बार-बार खाएंगे।

उन्नी अप्पम

उन्नी अप्पम दक्षिण भारत (South Indian) का व्यंजन (Dish) है। उन्नी अप्पम (Unni Appam) मीठे और बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं। बच्चों की तो मन पसन्द व्यंजन (Recipe) है यह।








सामग्रीयाँ - Ingredients for Unniappam :
चावल का आटा - 1 कप
सुज्जी - 1/2 कप
पका केला - 3
गुड़ - 1/3 कप (आप चाहें तो चीनी भी इस्तेमाल कर सकते हैं।)
नारियल - 1/2 कप (कद्दूकस किया हुआ)
छोटी इलाइची - 5 (पिसा हुआ)
खाने वाला सोडा - 1/4 छोटी चम्मच (आप चाहें तो ईनो साल्ट भी ले सकते हैं।)
तेल - सेकने के लिये

बनाने की विधि - How to make Unni Appam 
चावल को 1 घंटे तक फूलने के लिए डाल दीजिये। चावल के फूल जाने के बाद, चावल से पानी निकालिये (चाहें तो मोटे कपड़े पर फैला दीजिये ताकि वह चावल का पानी सोख ले), चावल का बारीक आटा पीस लीजिये।

चावल के आटे और सूजी को किसी बड़े बर्तन में निकालिये। नारियल और चीनी पीस कर मिलाइये।

केले को अच्छी तरह मैश कीजिये और मिश्रण में मिलाइये। इलायची और भी मिला दीजिये। आवश्यकतानुसार पानी मिलाइये। घोल को इडली के घोल जैसा गाड़ा रखना हैं। घोल को अच्छी तरह हैन्ड ब्लेन्डर से फैटिये और आधा घंटे के लिये रख दीजिये।

मिश्रण में ईनो साल्ट मिलाइये। आप बेकिंग पाउडर भी मिला सकते हैं। लेकिन मेरा यह अनुभव है कि यदि आप बेकिंग पाउडर के बजाय ईनो साल्ट मिलाते हैं तो मिश्रण अधिक फूलता है।

अप्पा मेकर (Appa Patra) को गैस प्लेम पर रखिये और गरम कीजिये। प्रत्येक खाने में एक चौथाई छोटी चम्मच से भी कम तेल डालिये। (आप चाहें तो बिना तेल के भी बना सकते हैं), चमचे से मिश्रण लीजिये और प्रत्येक खाने को आधा भर दीजिये। गैस धीमी ही रखिये। थोड़ी ही देर में ये अप्पम फूल कर खाने को पूरा भर देंगे। नीचे की तरफ से ब्राउन होने पर उन्नी अप्पम को पलटिये और दूसरी तरफ ब्राउन होने तक सेकिये।

सेके हुये उन्नी अप्पम को निकाल कर प्लेट में रखिये और दूसरे उन्नी अप्पम (UnnI Appam) इसी प्रकार सेकिये। सारे उन्नी अप्पम (Unniappam) इसी प्रकार तैयार कर लीजिये।

गरमा-गरम उन्नी अप्पम (UnniAppam) तैयार है, परोसिये और खाइये।

इस बार होली के अवसर पर बनायें चाशनी के लेयर वाली गुजिया/पिड़ुकिया

चाशनी के लेयर वाली गुजिया/पिड़ुकिया

गुजिया/पिड़ुकिया के ऊपर चाशनी की एक परत चढाकर भी गुजिया/पिड़ुकिया बनाई जाती है। इसमें उपयोग होने वाली सामग्री लगभग एक जैसी ही है लेकिन बनाने में बस थोड़ा ही अन्तर है। चाशनी में पगी इन्हीं गुजिया/पिड़ुकिया की तरह चन्द्रकला भी बनायी जाती है चन्द्रकला और गुजिया/पिड़ुकिया के आकार और अन्दर भरने वाले कसार में थोड़ा अन्तर होता है। आज इस बार होली के अवसर पर हम चाशनी में पगी गुजिया/पिड़ुकिया बनायें।


सामग्रीयाँ - Ingredient of Gujhiya/Pidukiya :

गुजिया/पिड़ुकिया में भरने के लिये मिश्रण (कसार)
मावा या खोया - Mawa or Khoya - 250 ग्राम
चीनी पाउडर - 250 ग्राम
काजू - 20 - 25 (एक काजू को 6 -7टुकड़े करते हुये काट लीजिये)
किशमिश -40-50 (डंठल तोड़ लिजिये)
छोटी इलाइची - 6-7 (छील कर बारीक कूट लीजिये)
सूखा नारियल - आधा कप कद्दू कस किया हुआ
चिरोंजी - 2 टेबल स्पून (साफ कर लीजिये)

गुजिया/पिड़ुकिया का आटा तैयार करने के लिये
मैदा - 4 कप
घी - 1/2 कप
घी - गुजिया/पिड़ुकिया तलने के लिये
चीनी - 2 कप (चाशनी के लिये)

बनाने की विधि - How to Make Gujhiva/Pidukiya Recipe

गुजिया/पिड़ुकिया के अन्दर भरने के लिये कसार तैयार करें।
मोटे तले की कढ़ाई में मावा को ब्राउन होने तक अच्छी तरह भूनिये। (मावा जितना अच्छा भुना होगा, गुजिया/पिड़ुकिया अधिक दिनों तक खराब नहीं होगी), भुने हुये मावा को एक बर्तन में निकाल लीजिये। मावा को ठंडा होने दीजिये।

भुने हुये मावा में चीनी, काजू, किशामिश, इलाइची, नारियल और चिरोंजी डाल कर अच्छी तरह से मिलाइये. गुजिया/पिड़ुकिया में भरने के लिये कसार तैयार है।

गुजिया /पिड़ुकिया तलने के लिये तैयार कर लें
मैदा को किसी बर्तन में छान कर निकालिये, घी पिघला कर आटे में डालिये और मिलाइये। गुनगुने पानी की सहायता से कड़ा पूड़ियों जैसा आटा गूथ लीजिये। आटे को आधा घंटे के लिये गीले कपड़े से ढककर रख दीजिये। गुझिया बनाने के लिये आटा तैयार है।

आधा घंटे के बाद आटे को मसल कर मुलायम कीजिये। आटे से छोटी-छोटी एक बराबर की लोइयां तोड़िये। लोइयों को गीले कपड़े से हमेशा ढककर रखिये। एक लोई निकालिये और पूरी की तरह बेलिये। यह पूरी थोड़ी सी मोटी रहनी चाहिये. सामान्य गुजिया/पिड़ुकिया बनाने में यह पूरी पतली रखी जाती है।

पूरी को हाथ पर ले कर पूरी के ऊपर 1 छोटी चम्मच कसार रखिये। फिर किनारों पर हर तरफ से पानी लगाइये। पूरी को मोड़कर बन्द कीजिये तथा उंगलियों से दबाकर अच्छी तरह चिपकाइये। (चाशनी वाली गुजिया/पिड़ुकिया बनाने के लिये सांचे की आवश्यकता नहीं है), किनारे को हाथ से मोड़ मोड़ कर गूंथिये, गूंथने की प्रैक्टिस तो आपको करनी ही होगी। अब इस गुजिया/पिड़ुकिया को किसी थाली या कपड़े पर रख सकते हैं।

10 गुजिया/पिड़ुकिया एक साथ बेलिये और तैयार कीजिये। 10 गुजिया/पिड़ुकिया बनाने के बाद इन्हें कपड़े से ढक दीजिये (इसके लिये आप धुली चादर ले सकती हैं), फिर से 10 गुजिया/पिड़ुकिया बन जाये तो पहले से ढकी हुई गुजियों/पिड़ुकियों के पास रख कर ढक दीजिये। इसी तरह से सारी गुजिया/पिड़ुकिया बनाकर तैयार कीजिये और ढककर रखिये।

अब आपकी गुझिया तलने के लिये तैयार हैं। 
 
गुझिया तलें
मोटे तले की कढाई में घी डाल कर गरम कीजिये। गरम घी में 8-10 या जितनी कढ़ाई में आ सके उतनी गुजिया/पिड़ुकिया डालिये और धीमी गैस पर ब्राउन होने तक तल लीजिये। तली हुई गुजिया/पिड़ुकिया निकाल कर थाली में रखिये। सारी गुझिया इसी तरह से तल कर निकाल लीजिये।

गुझियों को ठंडी होने दीजिये, तब तक हम चाशनी बना कर तैयार करते हैं।

चाशनी तैयार कर लें
किसी भी बर्तन मे चीनी निकालिये। चीनी की मात्रा का आधा पानी डाल कर मिलाइये, और गैस पर रखिये। 2 तार की चाशनी बनाइये। तार को चेक करने के लिए चम्मच से चाशनी निकाल कर प्लेट पर 1-2 बूद गिराइये और उंगली और अंगूठे के बीच चिपका कर देखिये। अगर दो तार जैसा बन रहा है तो आपका चाशनी तैयार है। गैस बन्द कर दीजिये।

गुजिया/पिड़ुकिया पर चाशनी की परत चढ़ा लें
4 से 5 गुजिया/पिड़ुकिया चाशनी में डुबाइये और छलनी से निकाल कर दूसरी थाली में रखिये। इसी तरह सारी गुजिया/पिड़ुकिया को चाशनी में डुबा कर निकाल लीजिये। गुजिया/पिड़ुकिया को एक दूसरे से अलग ही रखिये। 1 घंटा हवा में छोड़िये उसके बाद पलट दीजिये और 1 घंटे हवा में फिर छोड़ दीजिये। आपकी चाशनी वाली गुजिया/पिड़ुकिया तैयार हो गयीं हैं। 
 
अब आप भी ताज़ा गुजिया/पिड़ुकिया खाएं और होली में आये मेहमानों को भी खिलाएं। 
 
 

महाराष्ट् की स्वीट डिश पूरन पोली बहुत ही लजीज़ व्यंजन है।

पूरन पोली (Puran Poli Recipe)

महाराष्ट्र में बनाई जाने वाली, पारम्परिक स्वीट डिश पूरन पोली, कई प्रकार से बनाई जाती हैं। लेकिन मुख्य रूप से चने की दाल की पूरन पोली अधिक प्रचलित है। ये बहुत ही लजीज़ व्यंजन है। पूरन पोली को 2 से 3 दिन तक रखा जा सकता है। ये बड़ी आसानी से बन जाता है तो आइये आज हम पूरन पोली (Puran Poli Recipe) बनायें।



4 से 5 लोगों के लिये
सामग्रीयाँ - Ingreditents for Puran Poli
आटा गूथने के लिये गेहूं का आटा या मैदा - 2.5 या 3 कप
तेल या घी - 2 बड़ा चम्मच
नमक -स्वादानुसार
पूरन बनाने के लिये पिठ्ठी
चने की दाल - 3/4 कप (फुलाने के लिए)
चीनी या गुड़ - 1/3 कप
घी या रिफाइन्ड तेल - 1/2 कप
छोटी इलाइची - 10 पीस (पिसी हुयी)
बनाने की विधि - How to make Pooran Poli :

चने की दाल को 4 से 5 घन्टे पहले पानी में भिगो कर छोड़ दीजिये ताकि वो सही से फूल जाए।

आटे को किसी बर्तन में छान कर निकाल लीजिये। 2 टेबल स्पून घी और स्वादानुसार नमक डाल कर अच्छी तरह मिक्स कर लीजिये। आटे को गुनगुने पानी की सहायता से नरम गूथ लीजिये। गूथे हुये आटे को सैट होने के लिये 15 - 20 मिनिट के लिये छोड़ दीजिये।

कुकर में 1/3 कप पानी डाल कर दाल को उबलने के लिए छोड़ दीजिये। एक सीटी हो जाने के बाद गैस बन्द कर दीजिये। कुकर से दाल निकाल कर ठंडा होने दीजिये। ठंडा हो जाने पर, पानी डाले बगैर मिक्सी से बारीक पीस लीजिये।

अब कढ़ाई के अंदर 1 टेबल स्पून घी या रिफाइन डाल कर गरम कीजिये। घी में पिसी हुई दाल और पिसी हुई चीनी डाल कर 5-6 मिनिट तक भूनिये। अब इसे ठंडा कीजिये और उसमें इलाइची पाउडर मिला दिजिये। पूरी में भरने के लिये पूरन (Pooran) तैयार है।

गैस पर तवा रख कर पहले गरम कीजिये। गूथे हुये आटे से थोड़ा सा आटा तोड़िये और गोल-गोल लोई बनाइये। सूखा आटा लगाकर, पूरी नुमा बेल लीजिये। इस बेली हुई पूरी के उपर 2 चम्मच पूरन रख कर, पूरी को चारों ओर से बन्द करके, दोनों हाथों की हथेली के बीच रख कर दबा कर थोड़ा सा बड़ा लीजिये (यदि ऎसा नहीं करेगे तो आपकी पूरन पोली बेलते समय फट सकती है)। अब इस पूरन भरे हुये गोल को सूखे आटे (परोथन) में लपेट कर चकले पर बेलन की सहायता से गोल 6 से 7 इंच के व्यास की पूरन पोली बेल लीजिये। बेली हुई पूरन पोली को तवे पर डाल कर दोनों तरफ घी लगा कर पलट-पलट कर ब्राउन होने तक सेकें। तवे से पूरन पोली उतार कर प्लेट में निकाल कर रखिये।
इसी प्रकार सारी पूरन पोली (Pooran poli) बना कर तैयार कर लीजिये।

आपकी पूरन पोली (Pooran Poli Recipe) तैयार है। पूरन पोली को चटनी, अचार या अपने मनपसन्द की सब्जी के साथ परोसिये और खाइये। अपने अनुभव हमारे साथ अवश्य शेयर कीजिये।

बिहारी पकवान गुजिया/पिड़ुकिया : होली हो या छठ, गुजिया बनाइये फटाफट।

बिहारी पकवान गुजिया/पिड़ुकिया - Gujiya/Pirukiya Recipe in Hindi

होली या छठ के त्योहार के लिये गुजिया (Gujiya ) बनाये जाते हैं। गुजिया कई तरह से बनाईं जातीं है। मावा भरी गुजिया या मावा-इलायची भरी गुजिया जिनके ऊपर चीनी की एक परत (Gujiya dipped in sugar syrup) चढ़ी होती है। इसके अलावा - सेब गुजिया (Apple Gujiya), केसर गुजिया (Kesar Gujiya), मेवा गुजिया (Dry Fruits Gujiya), अंजीर गुजिया (Anjeer Gujiya), काजू गुजिया (Cashewnut Gujiya), पिस्ता गुजिया (Pista Gujiya) और बादाम गुझिया (Almond Gujiya) भी बनायीं जाती है। आप अपनी मनचाही गुजिया बना सकते है बस इसके अन्दर भरे जाने वाली कसार अपने मन मुताबिक तैयार कर लें। आईये हम मावा गुझिया बनायें।


सामग्रीयाँ  - Integrients :
गुजिया में भरने के लिये मिश्रण (कसार)
सूजी - 100 ग्राम (1 कप)
मावा - 400 ग्राम(2 कप)
घी - 2 टेबल स्पून
चीनी - 400 ग्राम (2 कप)
काजू - 100 ग्राम (एक काजू को 5-6 टुकड़े करते हुये काट लीजिये)
किशमिश - 50 ग्राम (डंठल हों तो, तोड़ दीजिये)
छोटी इलाइची - 7-8 (छील कर कूट लीजिये)
सूखा नारियल - 100 ग्राम (1 कप कद्दूकस किया हुआ)

बनाने की विधि - How to make Mawa Ghujiya :

भारी तले की कढ़ाई में मावा को हल्का ब्राउन होने तक भूनिये और एक बर्तन में निकाल लीजिये। कढ़ाई में घी डाल कर, सूजी डालिये। हल्का ब्राउन भून कर, एक प्लेट में निकाल लीजिये। चीनी को पीस लीजिये। सूखे मेवे कटे हुये तैयार हैं।

मावा, सूजी, चीनी और मेवों को अच्छी तरह मिला लीजिये। गुजियों में भरने के लिये कसार तैयार है।
गुजिया का आटा तैयार करने के लिये :
मैदा - 500 ग्राम (4 कप)
दूध या दही - 50 ग्राम (जो आप चाहें, 1/4 कप)
घी - 125 ग्राम (2/3 कप ) आटा गूथने में डालने के लिये
घी - गुजिया तलने के लिये
बनाने की विधि- How to make :मैदा को किसी बर्तन में छान कर निकाल लीजिये। घी पिघला कर आटे में डाल कर, अच्छी तरह मिलाइये। अब दूध डालकर आटे में मिलाइये। पानी की सहायता से कड़ा आटा गूथ लीजिये। आटे को आधा घंटे के लिये गीले कपड़े से ढककर रख दीजिये।

आटे को खोलिये और मसल मसल कर मुलायम कीजिये। आटे से छोटी छोटी लोई तोड़ कर बना लीजिये (इतने आटे से 50- 55 लोइयां बन जायेगी)। लोइयों को गीले कपड़े से ढककर रखिये। एक लोई निकालिये 4 इंच के व्यास में पूरी बेलिये। बेली हुई पूरी थाली में रखते जाइये। जब 10 - 12 पूरियां थाली में हो जायं, अब इन्हैं भर कर गुजिया तैयार कर लीजिये।

गुजिया भरने के तीन तरीके हैं :

1. पूरी को हाथ पर रखना, पूरी के ऊपर मिश्रण रखना, मोड़ कर बन्द करना, और गुझिया कतरनी से काटना।
2. पूरी को हाथ पर रखना, पूरी के ऊपर मिश्रण रखना, मोड़ कर, बन्द करना, और गोंठना.
3. पूरी को, गुझिया के सांचे के ऊपर रखना, पूरी के ऊपर मिश्रण रखना, किनारों से पानी लगाकर, बन्द करना, दबाना।

आप तीनों तरीके से गुझिया बना सकती हैं, लेकिन मुझे तीसरा तरीका ज्यादा आसान लगता है। इसमें समय भी कम लगता है, साथ ही सारी गुजिया एक बराबर होती हैं। 

10 पूरियां हमने बेल कर रखी हुई हैं। एक पूरी उठाइये, पूरी को सांचे के ऊपर रखिये, एक या डेड़ चम्मच कसार पूरी के ऊपर डालिये, किनारों पर उंगली के सहारे से पानी लगाइये। सांचे को बन्द कीजिये, दबाइये, गुजिया से अतिरिक्त पूरी ह्टा दीजिये। सांचे को खोलिये, गुझिया निकाल कर थाली में रखिये। एक-एक करके सारी पुरियों की गुजिया इसी तरह बना कर थाली में लगाइये। मोटे धुले कपड़े से ढककर रखिये। फिर से 10 पूरियां बेलिये और इसी तरह गुजिया बनाइये और ढक दीजिये। सारी गुजिया इसी तरह से बना कर तैयार कर लीजिये, ढककर रख दीजिये।

अब मोटे तले की कढ़ाई में घी डाल कर गरम कीजिये। गरम घी में 7-8 गुजिया डालिये। धीमी और मीडियम आंच पर हल्के ब्राउन होने तक पलट-पलट कर तल लीजिये। कढ़ाई से गुजिया, थाली में निकालिये और किसी डलिया या बड़े चौड़े बर्तन में रखते जाइये। सारी गुजिया इसी तरह तल कर निकाल लीजिये. लीजिये आपकी गुजिया तैयार हैं। गरमा-गरमा गुजिया परोसिये और खाइये। बची हुई गुजिया ठंडी होने के बाद एअर टाइट कन्टेनर में भरकर रख दीजिये। स्वादिष्ट गुजिया 15-20 दिनों तक जब भी आपका मन करे कन्टेनर से निकालिये और खाइये।

त्यौहार के मौके पर बनाया जा सकता है मावा के अनरसे (Mawa Anarse)

मावा के अनरसे (Mawa Anarse)

विशेष पकवान की श्रेणी में आता है मावा के अनरसे। इसे त्योहारों या किसी अवसरों पर विशेष कर बना सकते हैं। अगर त्यौहारों के अवसर पर मावा के अनरसे बनाने की तैयारी कर रहे हैं। ये सामान्य अनरसे की अपेक्षा ज्यादा स्वादिष्ट और मुलायम भी होते हैं। तो आईये बनाना शुरू करें मावा के अनरसे।

सामग्रीयाँ - Ingredients : 
मावा - 100 ग्राम (मेस (crumble) किया हुआ)
छोटी किस्म के चावल - 1 कप
चीनी - 1/3 कप
दूध - 1 टेबल स्पून
घी - तलने के लिये
तिल - 1 टेबल स्पून

बनाने की विधि - How to Make Mawa Anarse :
सबसे पहले चावलों को साफ कीजिये और उसे 3 दिनों तक के लिये पानी में फूलने के लिए छोड़ दीजिये। याद रहे की रोजाना एक बार पानी बदलते रहना है। 3 दिन बाद चावलों को पानी से छान कर निकालिये, धोइये और साफ कपड़े पर 2 घंटे के लिये छाया में फैला कर फ्रेश कर दीजिये, फ्रेश चावलों को मिक्सी से या जैसे संभव हो थोड़ा मोटा पीस लीजिये।

मावा छोटे छोटे टुकड़ों में होना चाहिए तो उसे कद्दूकस कर लीजिये।

चीनी को पीस कर पाउडर जैसा बना लीजिये।

एक बर्तन में पिसा हुआ चावल, मावा और चीनी को मिक्स कर लीजिय। थोड़ा-थोड़ा दूध डालकर सख्त आटा (जैसा पूरी के लिए करते हैं) गूथ कर, आधा घंटे के लिये ढककर रख दीजिये, ताकि आटा फूल कर सैट हो जाय।

कढ़ाई में घी डाल कर माध्यम आंच पर गरम कीजिये। गुथे हुए आटे से थोड़ा सा आटा निकालिये, तिल लपेटिये, हथेली पर रख कर गोल कीजिये। एक हाथ से दबा कर पेड़े जैसा चपटा कीजिये और गरम तेल में डालिये। कलछी से गरम घी अनरसे के ऊपर भी डालते रहिये। जब अनरसा हल्का ब्राउन हो जाये तो उसे प्लेट में निकाल कर रखिये। एक बार में 2 से 3 अनरसे डाल कर तल सकती है। सारे अनरसे इसी प्रकार से तल कर रख लीजिये। गरम-गरम अनरसे खाइये, ठंडा होने के बाद एअर टाइट कन्टेनर में भर कर रख दीजिये ताकि इसकी अवस्था बनी रहे। इसे 8 से 10 दिन तक कभी निकाल कर खा सकते हैं

शिव रात्री के व्रत के अवसर पर सिघाड़े की मीठी बर्फी/कतली बनायें - Sweet Singhada Burfi/Katli Recipe

सिघाड़े की मीठी बर्फी/मीठी कतली 

(Singhade ki Meethi Barfi/Meethi Katali)

व्रत के अवसर पर अक्सर लोग सिघाड़े की मीठी बर्फी/कतली बनाकर खाते है। यह बर्फी बड़ी ही स्वादिष्ट होती है। अगर आपने नहीं खायी तो जरूर आजमाईयेगा, आइये इस बार व्रत में जरूर सिघाड़े के आटे की मीठी कतली बनायें।


सामग्रीयाँ - Ingredients for Singhada Burfi :
सिघाड़े आटा (Singhada Flour)- 100 ग्राम (1 कप)
घी (Ghee) - 2 से 3 चम्मच
चीनी (Sugar) - 100 ग्राम (1 कप)
इलाइची (Cardamom Powder) - 4 - 5 (पीसी हुयी)
गरी (Dry Coconut) - 2 चम्मच (कद्दूकस किया हुआ)

बनाने की विधि - How to make :
सिंघाड़े की मीठी बर्फी बनाने के लिए सबसे पहले कढाई में 2 - 3 चम्मच घी डाल कर गरम कीजिये। घी में सिघाड़े का आटा डाल कर हल्का गुलाबी होने तक भूनिये।

भुने हुये आटे में तीन गुना पानी और चीनी मिलाकर चमचे से चलाते जाइये। उबाल आने के बाद 4-5 मिनिट तक पकाइये। सिघाड़े का गाड़ा हलुआ जैसा बन जायेगा। अब गैस बंद कर दीजिये। 
एक थाली में घी लगा कर चिकना कीजिये और सिंघाड़े के हलुवा को थाली में डालकर पतला (आधा इंच की मोटाई में) फैला कर जमा दीजिये।
ठंडा होने पर चाकू से अपने मनपसन्द आकार में काट लीजिये। अब आप कटे हुए बर्फी के ऊपर कद्दूकस की हुयी गरी को गार्निश करें। अब आपका सिंघाड़े की बर्फी/कतली बनकर तैयार है। इन कतलियों को प्लेट में रखिये और ब्रत के खाने में खाइये।

ध्यान देने योग्य बातें:
आप चाहें तो अपने पसंद के किसी भी ड्राई फ्रूट का इस्तेमाल गार्निश करने में कर सकते हैं।

क्या आप जानते हैं?


क्या आप जानते हैं?


कंपनी के नामों की वास्तविकता क्या है?

दुनिया में जितनी भी बड़ी कंपनियां हैं सबों के नाम के पीछे का छुपा कोई न कोई मक़सद है। या तो उस नाम का कोई अर्थ होता है या फिर किसी तथ्य के नामों से वो नाम जुड़ा होता है।

1. Mercedes - कंपनी के फाउंडर एमिल जेल्लिनेक की बेटी मर्सिडीस के नाम है।

Mercedes-AMG-Bugatti-Chiron
Emil Jellinek with his dauter Mercedes

2. Nokia - फ़िनलैंड के एक सिटी का नाम है।

Nokia Finland
Nokia Company

 

3. Pepsi - पेप्सिन नामक डायजेस्टिव एन्जाइम के नाम पर रखा गया है।

Pepsi Logo
Pepsin Enzyme

 

4. Honda - फाउंडर का नाम ही सोइचिरो हौंडा  Soichiro Honda है।

Honda Logo

Soichiro Honda

5. Sony - एक लैटिन शब्द "सोन्स" (जिसका अर्थ आवाज है) से लिया गया है।

Sony Logo

 

6. Maggi - इस फ़ूड कंपनी का नाम इसके फाउंडर Julius Maggi के नाम पर है। 

Maggi Logo

Julius Maggi


7. Suzuki - कंपनी का नाम इसके फाउंडर Michio Suzuki के नाम पर है। 

Suzuki Logo
Michio Suzuki

8. Samsung (三星) -कोरियन भाषा है जिसका अर्थ तीन सितारे ("tristar" or "three stars") होता है। 

Samsung_logo-4th
Samsung Logo Evolution

 

9. Toyota - कंपनी का नाम इसके फाउंडर Sakichi Toyoda के नाम पर है। बस इनके सरनेम Toyoda की जगह Toyota है। 

Toyota Logo
Sakichi Toyoda

 

10. Yamaha - कंपनी के फाउंडर Torakusu Yamaha के नाम पर है। 

Yahama Logo

 

Torakusu Yamaha

11. Adidas - कंपनी के फाउंडर के नाम में से Adolf (Adi) और Dassler. (das) को लेकर बना है। 

एडिडास लोगो
Adolf Dassler