इंजीनियरिंग छोड़ शुरू की स्पोर्ट्स एनालिटिक्स कंपनी

इंजीनियरिंग छोड़ शुरू की स्पोर्ट्स एनालिटिक्स कंपनी

नवीन की खेलों में कोई रुचि नहीं थी, फिर भी उन्होंने स्पोर्ट्स एनालिटिक्स कंपनी शुरू की, ताकि छोटी टीमें भी इसका फायदा उठा सकें।

कंपनी : स्पोर्ट्स केपीआई
संस्थापक : नवीन निंजैया
औचित्य :

किसी आम दक्षिण भारतीय युवा की तरह नवीन इंजीनियरिंग कर कॉर्पोरेट सेक्टर में नौकरी करना चाहते थे। उन्हें इसमें सफलता भी मिली, लेकिन खेलों में रुचि ना होते हुए भी इंडियन प्रीमियर लीग से वे काफी प्रभावित थे। उन्हें लगता था कि इस लीग कल्चर को स्थानीय स्तर पर भी लागू किया जा सकता है। स्पोर्ट्स बिजनेस के मौजूदा दौर में बड़ी टीमें डेटा एनालिटिक्स पर काफी खर्च करती हैं, लेकिन स्थानीय प्रतियोगिताओं में ऐसा नहीं होता। नवीन इस फील्ड में कुछ करना चाहते थे। वे सोच ही रहे थे कि नौकरी के सिलसिले में उन्हें एक बार एम्स्टर्डम जाना पड़ा। वहां वे एक क्लब में गए और कोच से खिलाड़ियों को भारतीय क्लबों में खेलने के बारे में जानकारी चाही। उन्हें बड़ा आश्चर्य हुआ जब क्लब का मैनेजमेंट इसके लिए राजी हो गया। भारत लौटने पर वह बेंगलुरु फुटबॉल क्लब के अफसरों से मिले और डाटा एनालिसिस के बारे में बताया। संयोग से टीम उसी समय एक डाटा एनालिटिक्स टूल खरीद रही थी, और उन्होंने नवीन को अपना एक्सपर्ट नियुक्त कर लिया। टीम इस साल नेशनल चैंपियनशिप जीतने में सफल रही और नवीन के डाटा एनालिसिस कि इसमें अहम भूमिका रही। इसके बाद वे कई क्लबों से जुड़े और फिर अप्रैल, 2015 में स्पोर्ट्स केपीआई की शुरुआत कर दी। वे थर्ड पार्टी एनालिटिक्स प्लेटफार्म पर काम करते हैं। किसी क्लब से जुड़ने के बाद वे खिलाड़ियों से संबंधित डाटा लेते हैं, और उसका विश्लेषण करते हैं। किसी खिलाड़ी को मिली फीस कम या ज्यादा तो नहीं है, या फिर उसके विकल्पों से संबंधित सारी जानकारियां वे अपने कस्टमर को उपलब्ध कराते हैं। वे टीम के परफॉर्मेंस के एनालिसिस भी करते हैं, और यह बताते हैं कि कहां सुधार की जरूरत है। भारत में स्पोर्ट्स एनालिटिक्स अभी नई चीज़ है, लेकिन पहले 6 महीने में ही उनका उनके वेंचर की कमाई 30 लाख रुपए से ज्यादा हो गई। जबकि 5 लाख रुपए से उन्होंने इसकी शुरुआत की थी। वह कई फुटबॉल और कबड्डी क्लब उसके साथ जुड़े हैं लेकिन नवीन इतने से संतुष्ट नहीं हैं। वह स्थानीय, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के लोगों के बीच कड़ी के रुप में काम करना चाहते हैं। जिससे अच्छे खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका मिले, और छोटे क्लबों को भी कम खर्च में पॉलिटिक्स का फायदा मिल सके।

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