खुद कॉलेज लेक्चर ठीक से समझ नहीं पाते थे आज हजारों छात्रों की कर रहे हैं मदद

खुद कॉलेज लेक्चर ठीक से समझ नहीं पाते थे, आज हजारों छात्रों की कर रहे हैं मदद।

अमित जब छात्र थे उन्हें कॉलेज के लेक्चर समझने में कठिनाई होती थी। इन्ही समस्याओं को अपने सहकर्मियों मनीष और अलोक के समक्ष रखा तो तीनों नौकरी छोड़ कर इस वेंचर को स्थापित करने का फैसला लिया। 





औचित्य : क्लासरूम लेक्चर की रिकॉर्डिंग कर, लेक्चर की एडिटिंग कर, अन्य सम्बंधित चीजें जोड़ती है और छात्रों को मुहैया कराती है। 

आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद अमित फाइनेंस और एजुकेशन सेक्टर में नौकरी कर रहे थे, जबकि मनीष सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस का काम देखते थे। वही आईआईटी मद्रास के छात्र रहे आलोक ने 12 साल तक सॉफ्टवेयर डिजाइनिंग का काम किया। एजुकेशन सेक्टर में नौकरी के दौरान अमित ने जाना कि कई छात्र ऐसे होते हैं जिंहें क्लास रूम में लेक्चर समझने में दिक्कत होती है। छात्र रहते हुए उन्होंने खुद भी इसे महसूस किया था। उन्होंने मनीष और आलोक को इस बारे में बताया और तीनों ने नौकरी छोड़ कर दिसंबर, 2013 में इम्पार्टस इनोवेशंस की शुरुआत कर दी। बेंगलुरु स्थित यह कंपनी क्लासरूम लेक्चर की रिकॉर्डिंग कर, उन्हें छात्रों को देती है। कंपनी की कंटेंट टीम लेक्चर की एडिटिंग कर, उनमें अन्य चीजें जोड़ती है, जिससे छात्रों को ज्यादा फायदा हो। छात्र ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर सीधे ही वीडियो को देख सकते हैं। तीनों ने कंपनी की शुरुआत के लिए बचत के पैसे लगाए और दोस्तों रिश्तेदारों से उधार लिया, लेकिन शिक्षण संस्थानों को मनाना चुनौती थी। कंपनी ने उन्हें एक साथ ही सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और कस्टमर सर्विस सोल्यूशंस उपलब्ध कराए, तब वे राजी हुए। आज 70 से ज्यादा संस्थान पोर्टल से जुड़े हैं। जिनमें आईआईएम् बेंगलुरु, सिंबायोसिस पुणे, आईआईटी बेंगलुरु भी शामिल है। कंपनी 2 लाख घंटे से ज्यादा क्लासरूम लेक्चर रिकॉर्ड करने के अलावा 35 हजार छात्र और 2000 फैकल्टी को खुद से जोड़ चुकी है। कंपनी सालाना 100 फिसदी की दर से बढ़ रही है। 2015 में उसे 41 लाख डॉलर की फंडिंग मिली और अब वह भारत के बाहर एशिया पैसिफिक क्षेत्र में विस्तार की तैयारी में है।

No comments:

Post a Comment