दुर्घटनाओं को देखकर निकाला खून रोकने का तरीका

दुर्घटनाओं को देखकर निकाला खून रोकने का तरीका


एक वालंटियर प्रोजेक्ट से जुड़े होने और सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों को अस्पताल पहुंचाने के दरमियान जख्म में से खून निकलना बंद नहीं हो पाने से पीड़ितों की मौत हो जाती। इस वाकया को देखकर एक डिवाइस बनाने का आईडिया आया। 




संस्थापक : लियो मावेली
औचित्य : एक्सिओस्टेट नामक खून का बहाव रोकने में सक्षम डिवाइस तैयार किया। 


साल 2006 में दिल्ली में अप्लायड बायोटेक्नोलॉजी का कोर्स करते हुए लियो एक वालंटियर प्रोजेक्ट से जुड़े थे, और सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों को अस्पताल पहुंचाते थे। इस दौरान कई बार पीड़ितों की इसलिए मौत हो जाती थी, क्योंकि समय रहते जख्म में से खून निकलना बंद नहीं होता। इसी अनुभव ने उन्हें ट्रॉमा केयर की दिशा में कुछ करने को प्रेरित किया। काफी रिसर्च के बाद उन्होंने एक्सिओस्टेट नाम का ऐसा ड्रेसिंग प्रोडक्ट तैयार किया, जो किसी भी तरह के जख्म से खून का बहाव रोकने में सक्षम है। आईडिया को आजमाने के लिए पैसों की जरूरत थी। उनके आईडिया को निरमा यूनिवर्सिटी के इनक्यूबेटर की मंजूरी और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की फंडिंग मिल गई। 2008 में एक्सिओ बायोसोल्यूशंस की शुरुआत हुई, लेकिन उन्हें डिवाइस बनाने की मंजूरी नहीं मिली थी। उन्होंने इसके लिए एक पुरानी कंपनी की मदद ली। 2012 में कंपनी को भारतीय बाजार और 2013 में विदेशों के लिए डिवाइस बनाने की मंजूरी मिली, लेकिन बड़ी कामयाबी 2014 में मिली। जब भारतीय सेना के लिए सप्लाई का ऑर्डर मिला। आज कंपनी की कमाई का आधा हिस्सा सेना से आता है। साल 2015 में कंपनी का राजस्व 60 लाख रुपए से ज्यादा था। नए मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शुरू करने के साथ कंपनी ट्रॉमा केयर के क्षेत्र में ग्लोबल प्लेयर बनने का लक्ष्य रखती है।

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