वीडियो कंटेंट वेंचर से छात्रों के लिए लर्निंग को आसान बनाना चाहते हैं

वीडियो कंटेंट वेंचर से छात्रों के लिए लर्निंग को आसान बनाना चाहते हैं।

चार्टर्ड अकाउंटेंट की 13 साल नौकरी करने के बाद दोनों ने कंटेंट बेस्ड वेंचर से टेलीविजन कमर्शियल और पर्सनल प्रोजेक्ट्स का काम कर अपना मुकाम हासिल किया।






कंपनी : आहसमनेस
संस्थापक : आशीष चावला और शिवानी कॉल
औचित्य : कांसेप्ट, स्क्रिप्ट, लिरिक्स, म्यूजिक, वीडियो विजुअलाइजेशन और डायरेक्शन कर वीडियो कंटेंट तैयार करती है।

इसकी शुरुआत एक दोस्त को मदद करने से हुई। चार्टर्ड अकाउंटेंट और बड़ी प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले आशीष और शिवानी ने दोस्त की बेटी के लिए वीडियो कंटेंट तैयार किया, जो काफी हिट रहा। यह बच्ची के बर्थडे गिफ्ट के लिए था। वे इसे बिजनेस का स्वरूप देना चाहते थे। कॉरपोरेट्स फाइनेंस के क्षेत्र में 13 साल नौकरी करने के बाद दोनों ने कंटेंट बेस्ड वेंचर शुरू किया। वे बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों, स्टार्टअप, इवेंट मैनेजमेंट कंपनी, वेडिंग प्लानर्स के साथ स्कूल, सामाजिक संस्थाओं और लोगों के लिए पर्सनल वीडियो कंटेंट भी तैयार करते हैं। उनके कंटेंट का आधार, कंपनी या व्यक्ति से जुड़ा कोई खास मोमेंट होता है। उनके काम करने का तरीका भी अलग है। क्लाइंट से बात करके पहले क्रिएटिव इसकी स्क्रिप्ट तैयार करते हैं। इसमें कहानियां, कविताएं और वीडियो शामिल होता है। इसके साथ एनिमेशन, लाइव सूट और स्टील शॉट को जरुरत के अनुसार जोड़ते हैं। उनकी टीम कांसेप्ट के हिसाब से म्यूजिक तैयार करती है। कांसेप्ट से लेकर स्क्रिप्ट, लिरिक्स, म्यूजिक, वीडियो विजुअलाइजेशन और डायरेक्शन का काम एक साथ करती है। आमतौर पर यह काम कई कंपनियां मिलकर करती हैं। कंपनी अपनी कमाई का खुलासा नहीं करती, क्लाइंट से प्रोजेक्ट के आधार पर पैसे लेती है। टेलीविजन कमर्शियल के लिए 50 लाख तो पर्सनल प्रोजेक्ट्स ₹70,000 में भी करती है। आशीष कहते हैं सिस्को की रिपोर्ट के मुताबिक 2017 के अंत तक दुनिया का 70 फ़ीसदी मोबाइल इंटरनेट ट्रैफिक वीडियो होगा। भारत में भी वीडियो ट्रैफिक 1.8 एक्जाबाईट प्रति महीने पहुंचने का अनुमान है, जो सालाना इंटरनेट ट्रैफिक का करीब 66 फ़ीसदी है। इस बाजार में अपनी पहुंच बढ़ाने के साथ वे शिक्षा क्षेत्र में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। स्टडी मटेरियल को मजेदार बनाने के लिए वे इसे स्टोरी म्यूजिक और क्रिएटिव विजुअल के साथ जोड़ना चाहते हैं। स्कूलों के साथ जुड़कर छात्रों के लिए लर्निंग की प्रक्रिया आसान बनाना चाहते हैं।

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