युवा ग्राहकों को लुभाने के लिए सोशल मीडिया की ली मदद

युवा ग्राहकों को लुभाने के लिए सोशल मीडिया की ली मदद

दोनों के पास एक लाख रुपए जमा थे, जो फ्लैट का किराया देने में ही खर्च हो गए। दोस्तों से पैसे उधार लेकर काम चलाया।



कंपनी : बेवक़ूफ़ डॉट कॉम
संस्थापक : प्रभकिरन सिंह और सिद्धार्थ मुनौत
औचित्य : टी शर्ट, बैग, बैच, ट्रॉफी जैसे युवाओं से संबंधित प्रोडक्ट का ऑनलाइन वेंचर।

आईआईटी, मुंबई में तीसरे साल तक प्रभकिरन और सिद्धार्थ एक दूसरे को अच्छी तरह जानते भी नहीं थे। हालांकि दोनों ही अब तक आंत्रप्रेन्योर बन चुके थे। प्रभकिरन लस्सी का स्टॉल लगाते थे और सिद्धार्थ डोमेन नेम खरीद कर रखते थे। इसी दौरान सिद्धार्थ ने बेवकूफ डॉट कॉम डोमेन नेम के साथ कुछ प्रयोग किए, तो अच्छा रिस्पॉन्स मिला। अक्टूबर, 2010 में दोनों ने मिलकर इसी ब्रांड के टी शर्ट ऑनलाइन बेचना शुरू किया। ₹30,000 से उन्होंने काम शुरू किया। पहली बार नतीजे अच्छे रहे, लेकिन फंडिंग की समस्या आने लगी। आईआईटी से बाहर निकले तो दोनों के पास एक लाख रुपए जमा थे, जो फ्लैट का किराया देने में ही खर्च हो गए। दोस्तों से पैसे उधार लेकर काम चलाया। उन्होंने टी शर्ट के साथ बैग, बैच, ट्रॉफी जैसे युवाओं से संबंधित प्रोडक्ट भी ऑनलाइन बेचना शुरु कर दिया था। धीरे-धीरे हालात सुधरने लगी और महीने की कमाई दो लाख से ज्यादा होने लगी। वह हर आइटम के लिए सबसे सस्ता सप्लायर ढूंढते और फिर कस्टमाइज कर सप्लाई करते। प्रोडक्ट पर उनके अनोखे स्लोगंस खूब लोकप्रिय होते। उनका वेंचर आज अपेरल से लेकर यूथ ओरिएंटेड तमाम उत्पाद बेचते हैं। उनके प्रोडक्ट फैशन और लाइफ स्टाइल के अनुरूप तो होते ही हैं, वह इसके लिए सोशल मीडिया का भी खूब सहारा लेते हैं। कंपनी का सालाना टर्नओवर अब 10 करोड़ से ज्यादा हो चुका है। 150 लोगों की टीम प्रोडक्शन, डिस्पैच, डिजाइन, मार्केटिंग और कस्टमर केयर से जुड़े काम देखती है। उनके अधिकांश ग्राहक 16 से 34 साल की उम्र के हैं और भविष्य में भी कंपनी इसी थीम को बड़े पैमाने पर विस्तार देना चाहती है।

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