शौकिया बिजनेस प्लान को बना लिया कामयाब वेंचर

शौकिया बिजनेस प्लान को बना लिया कामयाब वेंचर

बिजनेस प्लान तैयार करने की पांच प्रतियोगिताएं जीतने के बाद उन्होंने अपना वेंचर शुरू करने का फैसला किया। इसके लिए ₹6000 की जरूरत थी प्रकाश के पास दो लाख थे बाकी रकम उन्होंने पिता से ली और सेक्रेड मोमेंट्स की शुरुआत हुई।




कंपनी : सेक्रेड मोमेंट्स
संस्थापक : प्रकाश मुंद्रा
औचित्य : पूजा किट्स अथवा फेस्टिवल कीट उपलब्ध कराना।



रांची में पैदा हुए प्रकाश का बचपन कोलकाता में बीता। कपड़े का पारिवारिक व्यवसाय था. वर्ष 1994 में उनका परिवार थाने आ गया. प्रकाश इंजीनियर बनना चाहते थे, इसलिए दसवीं के बाद साइंस स्ट्रीम में एडमिशन लिया। लेकिन दुर्घटना की वजह से परीक्षा नहीं दे पाए। साल खराब हो गया तो अगले वर्ष कॉमर्स स्ट्रीम से परीक्षा दी और मुंबई में बैचलर ऑफ मैनेजमेंट कोर्स में प्रवेश लिया। अब वे एमबीए करना चाहते थे। काफी प्रयास के बाद उन्हें सिंबायोसिस इंस्टीट्यूट में प्रवेश मिल सका। जब वे फर्स्ट इयर में थे, तभी आईटीसी ने एक बिजनेस प्लान कॉन्टेस्ट आयोजित किया। इसमें बी स्कूलों के छात्रों को कंपनी के मौजूदा प्रोडक्ट्स के लिए बिजनेस आइडिया तैयार करना था। प्रकाश ने मंगलदीप अगरबत्ती पर फोकस किया और प्लान तैयार कर भेजा। उन्हें पहले राउंड में ही खारिज कर दिया गया, लेकिन थोड़े दिनों बाद ही एक टीवी चैनल ने इसी तरह का कांटेस्ट आयोजित किया और प्रकाश का पूजा कीट वाला प्लान टॉप टेन में चुना गया। इससे मिले पैसों से उन्होंने बाजार की जानकारियां जुटाई। एमबीए फाइनल सेमेस्टर में प्लेसमेंट के दौरान प्रकाश को दो अच्छे ऑफर मिले, लेकिन वह एक के बाद एक बिजनेस कांटेक्ट में हिस्सा लेने में व्यस्त थे। ऐसी पांच प्रतियोगिताएं जीतने के बाद उन्होंने अपना वेंचर शुरू करने का फैसला किया। इसके लिए छह लाख रुपये की जरूरत थी। प्रकाश के पास दो लाख थे, बाकी रकम उन्होंने पिता से ली और सेक्रेड मोमेंट्स की शुरुआत हुई। धीरे-धीरे आर्डर मिलने लगे और साल के अंत में कुल बिक्री 35 लाख से ज्यादा थी। उन्हें 5 लाख रूपये का मुनाफा हुआ था। उन्होंने अब पैकेजिंग और ब्रांडिंग पर ध्यान लगाना शुरु किया और अब उनका बिजनेस विदेशों में भी फैलने लगा। वर्ष 2009 में एक पारिवारिक मित्र उनके साथ जुड़ा, जो गिफ्ट आइटम्स का डिस्ट्रीब्यूटर था। प्रकाश ने धीरे-धीरे अपने वेंचर को गिफ्ट आइटम बिजनेस में तब्दील कर लिया। फिलहाल कंपनी का सालाना कारोबार साढ़े चार करोड़ से ज्यादा है। प्रकाश ने ना तो किसी बैंक से लोन लिया, ना वर्किंग कैपिटल, लेकिन अब वह प्लास्टिक पैकेजिंग बिजनेस में उतरने की तैयारी कर रहे हैं।

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