जॉब में फेल घोषित हुई आज करोड़ों की कंपनी चलाती हैं

जॉब में फेल घोषित हुई आज करोड़ों की कंपनी चलाती हैं

आईटी सर्विसेज बिजनेस में महिलाएं कम हैं और पुरुष उन पर भरोसा नहीं करते थे धीरे-धीरे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इनकी पहचान बनने लगी।

कंपनी : ठक्कर टेक्नोलॉजीज
नाम : स्नेहा ठक्कर, सीईओ

वर्ष 2006 में गुजरात यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद स्नेहा अहमदाबाद की एक कंपनी में काम कर रही थी कमाई ज्यादा नहीं थी ना ही पौधा बड़ा था लेकिन वह हमेशा बड़े सपने देखती थी उनकी इच्छा किसी कंपनी में शीर्ष पद तक पहुंचने की थी वह भी जल्दी लेकिन उनके सीनियर ही स्नेहा के रास्ते की रुकावट बन गए सीनियर उनके idea को खारिज कर देते और उन्हें भी वैल्यू घोषित कर देते स्नेहा को वह मौका ही नहीं मिला रहा था जो उन्हें तेजी से कैरियर में आगे ले जा सके नौकरी के 2 साल पूरे होते होते उन्हें दूसरे विकल्प की जरूरत महसूस होने लगी उन्होंने अपने पॉकेट मनी के पैसों से 23 साल की उम्र में 2009 में टक्कर टेक्नोलॉजी की शुरुआत कर दी कंपनी का मुख्य काम वेबसाइट और मोबाइल ऐप डेवलपमेंट और डिजाइन है ग्राहक की जरूरतों के अनुरूप मॉड्यूल टेंपलेट प्लगइन और कंपोनेंट्स तैयार करने के अलावा अलग-अलग सीएमएस के लिए डिजिटल प्रोडक्ट्स भी तैयार करती है स्नेहा अकेली थी एक इंटरव्यू में स्नेहा ने बताया कि रोज 18 से 20 घंटे काम करना पड़ता था फिर भी अगले महीने बिजली का बिल चुकाने की चिंता रहती थी आईटी सर्विसेज बिजनेस में महिलाएं वैसे ही कहा कम है और पुरुष उन पर भरोसा नहीं करते थे लेकिन धीरे-धीरे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उनकी पहचान बनने लगी और 2013 तक ठक्कर टेक्नोलॉजीज 2560 कस्टमर को सर्विस दे चुकी थी कंपनी का सालाना कारोबार 50 लाख से ज्यादा हो चुका था उनके काम का तरीका अलग है रिसर्च और सर्वे की मदद से वह ऐसे फीचर्स तलाश थी हैं जो कॉमन हूं फिर उसके लिए प्रोग्राम तैयार करती हैं उनके ग्राहक अमेरिका ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय देशों में ज्यादा है स्नेहा अब भारतीय बाजार में भी अपनी पैठ बना रही है इसके अलावा भविष्य में वे महीने फैक्चर रिंग में भी उतरना चाहती हैं।

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