इंजीनियर ने बनाया ऑनलाइन कोचिंग पोर्टल

इंजीनियर ने बनाया ऑनलाइन कोचिंग पोर्टल

अच्छी कोचिंग के अभाव में उसने खुद के दम पर अच्छी रैंक के साथ आईआईटी एंट्रेंस क्लियर किया और डिग्री हासिल की। विदेश में उच्च शिक्षा के दौरान उन्होंने देखा की टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से समस्याओं का हल आसानी से निकाला जा सकता है। इसी सोच के साथ वे कोर्स बीच में छोड़ भारत लौट आए और प्रतियोगी ऑनलाइन कोचिंग की सुविधा देने के आईडिया के साथ अपने वेंचर की नींव रखी।


संस्थापक : पीयूष अग्रवाल
औचित्य : प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स को देशभर के प्रोफेसर और कोचिंग क्लासेस से जोड़ने वाला ऑनलाइन प्लेटफॉर्म।

भोपाल के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले पीयूष अग्रवाल को तब कहीं चुनौतियों का सामना करना पड़ा जब वह आईआईटी-जेईई परीक्षा के तैयारी कर रहे थे। इसके लिए उन्हें कोचिंग की जरुरत महसूस हुयी लेकिन तलाश करने पर पियूष ने पाया कि उनके शहर में सिर्फ एक ही कोचिंग सेंटर था। जिसके प्रोफेसर्स पर्याप्त रुप से क्वालिफाइड थे। जहां पीयूष के ज्यादातर दोस्त इस एग्जाम की तैयारी के लिए राजस्थान के कोटा शहर जा रहे थे, वहीं उन्होंने अपने शहर में रुककर तैयारी करने का फैसला लिया। कुछ दिनों बाद पीयूष को महसूस हुआ कि कोटा जाने वाले उनके दोस्तों को रहने और खाने के इंतजाम के साथ नए शहर में एडजस्ट होने जैसे संघर्षों का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच पीयूष ने मेहनत जारी रखी और अपनी तैयारी के दम पर आईआईटी-जेईई में 328 वीं रैंक हासिल कर आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक और एमटेक के लिए डिग्री प्रोग्राम में एडमिशन लिया। इस कोर्स के पूरा होने के बाद भी उसने उच्च शिक्षा हासिल करने के इरादे के साथ अमेरिका की स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी मैं एमएस इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में दाखिला ले लिया।

कोर्स छोड़कर शुरू किया वेंचर

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई के साथ-साथ पीयूष ने याहू, माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च और डॉशे टेलीकॉम जैसे टेक्नोलॉजी दिग्गजों के साथ इंटर्नशिप भी कि। इस दौरान उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला। जॉब ट्रेनिंग के अलावा उन्होंने रिसर्च फॉर डेवलपमेंट के प्रति कंपनी के अनुशासन और कमिटमेंट को भी समझा। यही नहीं पियूष ने अपने भीतर प्रॉब्लम सॉल्विंग क्षमता का विकास किया और चैलेंजेज का सामना करना भी सीखा। पीयूष कहते हैं 'मेरे इस अनुभव ने मुझे अपनी जानकारी का उपयोग समाज की बेहतरी के लिए और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल समस्याओं का हल खोजने के लिए करना सिखाया। इसी सीख से प्रेरित होकर मैंने अपना व्यवसाय शुरू करने का मन बनाया और स्टेनफोर्ड प्रोग्राम को बीच में छोड़कर भारत लौट आया, जहां टेक्नोलॉजिकल इनोवेशंस और रिसर्च की बहुत जरूरत थी, खास तौर से शिक्षा के क्षेत्र में।

ऑनलाइन कोचिंग बना बिजनेस आइडिया

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में अच्छे टीचर्स मिलने में होने वाली परेशानी से भी अच्छी तरह वाकिफ थे। गहराई से जानने के प्रयास किए तो पाया कि देश में हर वर्ष लगभग एक करोड़ स्टूडेंट्स आईआईटी-जेईई, आईएएस, गेट, नीट आदि परीक्षाओं में बैठते हैं लेकिन इन स्टूडेंट्स में से बहुत ही कम को अच्छी कोचिंग की सुविधा मिल पाती है। पियूष ने इसी समस्या के हल को अपने वेंचर की बुनियाद बनाया और अपने कॉलेज के साथी सुजीत कुमार के साथ 2010 में ऑरस नेटवर्क की स्थापना इस सोच के साथ की कि टीचर और स्टूडेंट के बीच के गैप को टेक्नोलॉजी की सहायता से कम किया जा सकता है। भोपाल स्थित अपने ही घर से ऑफिस शुरु किया और बेहतर सुविधाओं की तलाश में 2012 में बेंगलुरु शिफ्ट कर दिया। इस कंपनी के फ्लैगशिप प्रोडक्ट के रूप में पीयूष ने जनवरी 2014 में सुपरप्रॉफ़्स डॉट कॉम लॉन्च किया। पीयूष ने इसकी शुरुआत सिर्फ सीए एग्जाम की ऑनलाइन क्लासेज के साथ की। इसके लिए उन्हें स्टूडेंट से बेहद अच्छा रिस्पांस मिला। इस रिस्पांस से प्रेरित होकर भी उसने सुविधाओं को बेहतरीन बनाने की हरसंभव कोशिश की और आईआईटी-जेईई, गेट, सीए, सीएमए, सीएस और यूपीएससी जैसे परीक्षाओं की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स के लिए देश के बेहतरीन प्रोफेसर से क्लास रूम सोल्यूशंस और ऑनलाइन लेक्चर की सुविधा उपलब्ध करवानी शुरू की। यही नहीं इसके लिए उन्होंने क्लाउड बेस्ट वीडियो लेक्चर की सुविधा के साथ स्टूडेंट्स और टीचर्स के बीच सीधे संपर्क के लिए निर्धारित समय पर लाइव वेबिनार्स की शुरुआत भी की।

चैलेंज था स्टूडेंट्स को समझाना

सुपरप्रॉफ़्स की शुरुआत में पियूष के सामने सबसे बड़ा चैलेंज था स्टूडेंट्स को यह भरोसा दिलाना कि ऑनलाइन कोचिंग भी लोकल कोचिंग क्लास जितनी या उससे भी ज्यादा प्रभावशाली हो सकती है। पियूष बताते हैं कि 'मैंने स्टूडेंट्स को समझाया कि अलग-अलग कोचिंग क्लासेस में जाने में रोजाना काफी समय लग जाता है। वही इन क्लासेस में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स एक साथ पढ़ते हैं। जिनकी वजह से उन्हें प्रश्न पूछने और अपनी समस्याओं का हल निकालने का मौका नहीं मिल पाता। ऐसे में ऑनलाइन कोचिंग काफी फायदेमंद साबित होती है। अपने ऑनलाइन पोर्टल पर हमारी कोशिश रहती है कि स्टूडेंट को परीक्षा में अपना प्रदर्शन सुधारने के लिए व्यक्तिगत फीडबैक और सलाह मिल सके।

कदम-दर-कदम पाई सफलता

प्रतियोगी और एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी के लिए देश की अग्रणी ऑनलाइन एज्यू-टेक स्टार्टअप प्लेटफार्म का दर्जा हासिल कर चुकी सुपरप्रॉफ़्स डॉट कॉम के रेवेन्यू में 3 गुना वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2013 में लगभग 1.5 करोड़ का रेवेन्यू प्राप्त करने के बाद अब कंपनी का लक्ष्य 7 करोड़ के रेवेन्यू को पार करने का है। अपने बिजनेस में लगातार बढ़ोतरी करते हुए यह पोर्टल अब टॉफेल, जीमैट, जीआरइ, आईईएलटीएस जैसे इंटरनेशनल एग्जाम की तैयारी में भी मदद करेगा। वर्तमान में इस पोर्टल पर देश के मेट्रो सहित छोटे शहरों के करीबन 1.05 लाख स्टूडेंट्स रजिस्टर्ड है और देश भर के लगभग 200 प्रोफेसर इन्हें ऑनलाइन शिक्षण प्रदान कर रहे हैं। अपनी इस तरक्की को देखते हुए पीयूष उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले कुछ वर्षों में पांच करोड़ स्टूडेंट्स इस पोर्टल की सेवाओं से जुड़ जायेंगे।

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