ऑफिस बॉय का सफल बिजनेस आइडिया

ऑफिस बॉय का सफल बिजनेस आइडिया


संस्थापक : सचिन काते
औचित्य : देश विदेश से ट्रेवल का सपना लिए आने वाले लोगो को और बड़ी बड़ी कंपनियों को रेंटल कार उपलब्ध करवा रही है।

महाराष्ट्र के मराठवाड़ा संभाग का एक छोटा गांव, जहां आधारभूत सुविधाओं के नाम पर मात्र चौथी कक्षा तक का एक ही स्कूल था। यहां रहने वाला 'काते परिवार' एक छोटी जमीन पर खेती करके गुजर बसर कर रहा था। जीवन के इन्हीं संघर्षों के बीच इस परिवार का बेटा सचिन काते आगे पढ़ने का सपना देखने लगा था। परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति भी उसके इरादे को तोड़ नहीं पाई। स्कूल की पढ़ाई के साथ-साथ सचिन ने अखबार बेचना शुरू कर दिया। इसी बीच कंप्यूटर की तरफ उसका रुझान बढ़ने लगा। पढ़ाई के साथ उसने एक कंप्यूटर इंस्टिट्यूट में ऑफिस बॉय का काम शुरू किया। सचिन की कड़ी मेहनत देखकर इंस्टिट्यूट के मालिक ने उसे कंप्यूटर इंस्ट्रक्टर बना दिया। 12वीं की पढ़ाई पूरी होने के बाद सचिन ग्रेजुएशन के लिए औरंगाबाद आ गया।

नौकरी करके पूरी की ग्रेजुएशन

अब पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए सचिन ने एक ट्रेवल एजेंसी में ऑफिस बॉय की नौकरी तलाश ली। पार्ट-टाइम के वेतन पर वह फुल टाइम काम करता था। ट्रेवल बिजनेस के तकनीकी पहलुओं को समझने के साथ-साथ उसने कंप्यूटर में बीएससी कर ली। पढ़ाई ने सचिन में आत्मविश्वास भर दिया। वह अपना बिजनेस शुरू करने की सोच रहा था। अपने तकनीकी अनुभव के आधार पर उसने कई ट्रेवल और हॉस्पिटैलिटी वेबसाइट डेवलपर की ट्रैवल इंडस्ट्री की समझ और टेक्नोलॉजी के प्रति रुझान में उनके भीतर ट्रैवल फील्ड में कुछ बड़ा करने की चाहत पैदा कर दी। अपनी रिसर्च के दौरान सचिन ने महसूस किया कि होटल, एयरलाइंस की बुकिंग के लिए तो टेक्नोलॉजी विकसित हो रही थी लेकिन टूरिज्म क्षेत्र में रोड ट्रेवल को पूरी तरह नजर अंदाज किया जा रहा था। इस समस्या को दूर करने के लिए सिस्टम डेवलप करना चुनौती भरा काम था। सचिन ने चुनौती को एक बड़े अवसर की तरह लिया और अपनी कंपनी क्लियर कार रेंटल प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत की।

4 लोगों की टीम से शुरू हुआ सफर

क्लियर कार रेंटल प्राइवेट लिमिटेड शहर के अंदर घूमने, बाहर जाने और ट्रांसफर सर्विसेस के लिए आसान ऑनलाइन कार रेंटल बुकिंग सर्विस उपलब्ध करवाती है। 2011 में 4 लोगों की टीम के साथ शुरू हुई इस कंपनी में अब 100 से भी ज्यादा लोग काम करते हैं।। देशी-विदेशी टूरिस्ट और कॉरपोरेट के अलावा, मेक माय ट्रिप, कॉक्स एंड किंग्स और थॉमस कुक जैसी ट्रेवल एजेंसी भी इससे जुड़ चुकी है। ट्रैवल के क्षेत्र में इस तरह की सुविधा कि बेहद ज़रूरत थी। सचिन ने इस जरूरत को पहचाना और अपने लिए कामयाब व्यवसाय खड़ा किया। टेक्नोलॉजी से जुड़े किसी भी चैलेंज का सामना करने के लिए तत्पर टेक्निकल टीम इंडस्ट्री की मजबूत जानकारी और टीम स्पिरिट के सहारे सचिन सफलता का सफर बखूबी तय कर रहे हैं और अब अपनी मजबूत इच्छाशक्ति के दम पर सचिन काते पूरी कोशिश कर रहे हैं कि अगले 5 साल में मार्केट लीडर के तौर पर पहचाने जाएं। 

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