कारपोरेट ट्रेनिंग से करोड़ों का बिजनेस

कारपोरेट ट्रेनिंग से करोड़ों का बिजनेस

बेशुमार पूंजी से ही करोड़ों के उद्यम खड़े किए जा सकते हैं, यह एक भ्रम है। आपके भीतर का हुनर भी ऐसा कर पाने में सक्षम है। स्वप्निल कामत ने अपनी प्रतिभा की बदौलत इस बात को साबित किया है। एक बेहतरीन वक्ता होने के बावजूद स्वप्निल को कुछ सालों पहले तक यह अंदाजा नहीं था कि एक दिन अपनी इस खूबी की बदौलत वे एक कामयाब उद्यमी बन पाएंगे।

कंपनी: वर्क बेटर
संस्थापक : स्वप्निल कामत 
औचित्य : कारपोरेट जगत के जूनियर और मिडिल लेवल कर्मचारियों को दिलचस्प तरीके से सॉफ्ट स्किल्स और बीहैवियर में ट्रेनिंग प्रदान करना।


गोवा में पले-बढ़े स्वप्निल कामत में गोवा के धेम्पे कॉलेज से बीकॉम किया। पढ़ाई के दौरान वह अपने पिता के हार्डवेयर बिजनेस में सेल्स एक्सक्यूटिव के तौर पर मदद किया करता था। बचपन में शर्मीले और कम बोलने वाले स्वप्निल ने इस काम की बदौलत अपने भीतर कुछ नई खूबियों को पोषित किया। सबसे महत्वपूर्ण खूबी जो उसने अपने आप में विकसित की थी, वह थी संवाद कुशलता यानि बात करने की कला। टेक्निकल आईटी फीचर्स को वह ग्राहकों को बड़ी सरलता से समझा देता था। इसके साथ ही कॉलेज में उसने ईएनटी नामक इवेंट कंपनी शुरू कि, जो कॉलेज और युथ इवेंट्स आयोजित करती थी। इसी दौरान स्वप्निल यह समझ चुका था कि इंटरप्रेन्योरशिप में उसकी खासी दिलचस्पी थी। जिसकी बारीकियां उसे इन कामों से सीखने को मिली। लेकिन अभी भी वह यह नहीं जान पाया था कि उसे किस दिशा में आगे बढ़ाना है। पढ़ाई पूरी हुई तो स्वप्निल ने एमबीए करने का फैसला लिया और पुणे के सिंबायोसिस इंस्टिट्यूट ऑफ़ बिज़नस मैनेजमेंट में एडमिशन ले लिया। एम बी ए पूरा करने के बाद उसने लोरियल में ब्रांड मैनेजर के रूप में काम करना शुरु किया। एक सुरक्षित और प्रतिष्ठित नौकरी के बावजूद स्वप्निल एंटरप्रेन्योरशिप का आकर्षण छोड़ नहीं पाया था। कुछ ही दिनों में उसे लगने लगा कि उसे नौकरी के बजाय खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहिए। आखिरकार स्वप्निल ने अपना जॉब छोड़कर 2006 में ट्रिप टू गोवा डॉट कॉम की शुरुआत की पहले वर्ष में ही इस वेंचर को अच्छा रिस्पांस मिला और खासा मुनाफा भी। इसी दौरान स्वप्निल को बैंक ऑफ अमेरिका के लिए एक इवेंट आयोजित करने का मौका मिला।

ऐसे बदला रास्ता

यह मौका उनके करियर का टर्निंग पॉइंट था। यहां स्वप्निल ने सॉफ्ट स्किल्स की वर्कशॉप देखी। उन्होंने महसूस किया कि हिंदुस्तानी मिडिल व जूनियर एग्जिक्यूटिव को इस ट्रेनिंग की जरूरत कुछ नए प्रयोगों के साथ थी। यही सब सोचते हुए स्वप्निल ने सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग को व्यवसाय में तब्दील करने के बारे में सोचा। उनका यह आईडिया अनोखा होने के साथ-साथ जोखिम भरा भी था। अनोखा इसलिए क्योंकि वह पारंपरिक कारपोरेट ट्रेनिंग को एक नया और दिलचस्प रूप देना चाहते थे, और जोखिम भरा इसलिए क्योंकि उन्हें कारपोरेट ट्रेनिंग का अनुभव नहीं था। स्वप्निल ने इस जोखिम को एक अवसर के तौर पर देखा और एक कारपोरेट ट्रेनिंग कंपनी खोलने का फैसला किया।

रिसर्च के बाद की शुरूआत

अनुभव हासिल करने के लिए स्वप्निल ने कारपोरेट ट्रेनिंग सेशन्स में जाना शुरू किया। लेकिन यह उन्हें काफी नीरस और टेक्निकल लगे। ट्रेनिंग के पुराने और बोरिंग तरीकों को दिलचस्प बनाने के लिए उन्होंने रणनीति बनाना शुरु किया। काफी रिसर्च और अध्ययन के बाद एग्जिक्यूटिव ट्रेनिंग की प्रक्रिया में मूलतः बदलाव करके प्रोफेशनल्स की मदद के लिए कुछ नए तरीके इजाद किए। इस तैयारी के बाद 2008 के अंत में अपनी बचत के 2.5 लाख रुपये से स्वप्निल ने अपनी कंपनी वर्क बेटर की नींव रखी।

कम उम्र में ऊंचा मुकाम

स्वप्निल कामत की उम्र सिर्फ 32 वर्ष है लेकिन कॉरपोरेट्स सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग के रूप में उन्होंने एक ऊंचा मुकाम हासिल किया है। एक्जक्यूटिव ट्रेनिंग कंपनी वर्क बेटर के जरिए स्वप्निल कारपोरेट कर्मचारियों को बिहेवियरल और सॉफ्ट स्किल्स में ट्रेनिंग प्रदान कर रहे हैं। अब तक वर्क बेटर देशभर में 75000 से ज्यादा लोगों को ट्रेनिंग प्रदान कर चुकी है। अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के लिए वर्क बेटर की सेवाएं लेने वाले कॉरपोरेट्स में एचडीएफसी बैंक, एनएसजी, जॉनसन एंड जॉनसन और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी नामी कंपनियों का नाम शामिल है।

मंजिल के रास्ते में मुश्किलें

मुंबई में एक छोटा ऑफिस किराए पर लेकर स्वप्निल ने काम शुरु किया। वर्क बेटर की स्थापना के बाद डेढ़ साल उनके लिए काफी मुश्किलों भरा था। इसके दो कारण थे, पहला यह कि वर्क बेटर का आइडिया नया था और दूसरा यह कि उन्हें इस फील्ड का ज्यादा अनुभव नहीं था। एक क्लाइंट से शुरुआत हुई और फिर धीरे-धीरे संख्या बढ़ती गई नौ माह में वर्क बेटर में 5.5 लाख रुपए कमाए। 500 एग्जेक्युटिव की ट्रेनिंग से शुरुआत करने वाली वर्क बेटर वर्तमान में 18 हज़ार एक्सक्यूटिव को सलाना ट्रेनिंग दे रही है। साथ ही कंपनी का टर्नओवर 2013-14 में 4.2 करोड़ के आंकड़े को पार कर चुका है जो पहले वर्ष में 15 लाख रुपय था। स्वप्निल ने इस वर्ष 50% वृद्धि की उम्मीद के साथ मुंबई के बाद अब गोवा में भी अपनी कंपनी का बैक ऑफिस शुरु किया है। एंटरप्रिन्योर बनने की महत्वाकांक्षा रखने वाले युवाओं के लिए स्वप्निल कामत का संदेश है कि अपनी क्षमता, पसंद और लंबे समय तक फायदेमंद साबित होने वाले काम को पहचानिए। इन 3 चीजों का मेल आपको एक सफल कैरियर की मंजिल तक पहुंचा सकता है।

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