नौकरी छोड़कर शुरू किया दूसरों को जॉब दिलाने का वेंचर
देश के उभरते हुए सफल उद्यमियों की फेहरिस्त में शामिल विजडम जॉब्स के सीईओ अजय कोल्ला एक ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने अपने अनूठे बिजनेस आइडिया और काबिलियत के बलबूते उद्यमिता जगत में एक मिसाल कायम की है। आंध्र प्रदेश के इस युवा ने भारत में जॉब एंड हायरिंग सेक्टर की संभावनाओं को भापकर यह सफलता हासिल की है।
संस्थापक : अजय कोल्ला
औचित्य : लोगों के लिए जॉब दिलाना।
करोड़ों रुपए की आर्थिक समृद्धि पाना ऐसे किसी भी युवा का सपना हो सकता है जो उद्यमी बनना चाहता है। स्थापित व्यवसायिक घरानों में ऐसी सफलताएं आम हैं लेकिन अगर कामयाबी की कहानी ग्रामीण पृष्ठभूमि और किसान परिवार के साधारण युवक की हो तो हैरानी होना लाजमी है। आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के अजय कोल्ला की कहानी कुछ ऐसी है जिन्होंने सीमित साधनों और गैर व्यवसायिक पृष्ठभूमि के बावजूद सफलता की मिसाल कायम की है। अजय के माता-पिता खेती करते थे लेकिन उनकी एक तमन्ना थी कि उनका बेटा पढ़ लिखकर इंजीनियर बने। अजय ने अपने माता पिता के सपने को अपना बना लिया और इसे पूरा करने के लिए जी जान से जुट गए। स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद अजय ने विजयवाड़ा से इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल में इंजीनियरिंग की डिग्री ली। 2007 में पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने प्राइवेट आईटी फर्म इंफोटेक एंटरप्राइज ज्वाइन की। लेकिन कुछ ही समय बाद यह नौकरी छोड़कर वे टीसीएस से जुड़ गए।
कैरियर को मिली नई दिशा
अब एक सुरक्षित नौकरी अजय के पास थी। एक इंजीनियर के रुप में अजय टीसीएस में खुश थे। लेकिन तभी एक ऐसा दौर आया जिसने अजय के करियर को एक नया मोड़ दे दिया। वर्ष 2008 आईटी प्रोफेशनल्स के लिए एक बुरे सपने जैसा साबित हुआ। आर्थिक मंदी ने दुनियाभर को अपनी गिरफ्त में ले लिया। अमेरिका, यूरोप जैसे बड़े देशों सहित भारत की इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ऑफिस में काम कर रहे हजारों लोगों को अपनी जॉब से हाथ धोना पड़ा। अपने दोस्तों को मुश्किल में देखकर अजय बेहद दुखी थे। उनके लिए कुछ करने का ख्याल हमेशा मन में रहता था। इसी सोच ने अजय को बेरोजगार हो चुके अपने दोस्तों को प्लेसमेंट में करने की राह दिखाई। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए उन्होंने टीएसएनवी जॉब्स नामक एक गूगल ग्रुप शुरू किया। इस प्लेटफार्म पर वे अपने दोस्तों के लिए वैकेंसी की डिटेल्स पोस्ट किया करते थे। दोस्तों के लिए शुरू किए गए इस काम को बहुत सराहना और समर्थन मिला। कुछ ही वक्त में यह प्लेटफार्म काफी हिट हो गया।
मुश्किलों का सामना करके पाई सफलता
कई अन्य लोग भी इस ग्रुप में अपनी डिटेल्स देने लगे। 2008 से 2010 के दौरान टीएसएनवी जॉब्स ने 20,000 लोगों को प्लेसमेंट में मदद की। अपने इस प्रयास की सफलता को देखकर अजय को इसमें एक बिजनेस अवसर नजर आया। इस अवसर को उन्होंने अपना पूरा समय देने का फैसला लिया और अपना जॉब छोड़ दिया। 10 लाख रुपए की जमा पूंजी और दोस्तों से 20 लाख रुपए उधार लेकर अजय ने विजडम जॉब्स नाम से अपना नया बिजनेस वेंचर शुरू किया। हालाँकि जॉब छोड़ने का फैसला इतना आसान नहीं था। अजय जानते थे कि उनका यह कदम उनके माता पिता को चिंता में डाल देगा। इसलिए उन्होंने बिजनेस के सफल होने तक यह फैसला माता-पिता से छुपाए रखा। इस दौरान लगभग 2 साल तक अजय अपने घर से दूर रहे, क्योंकि वहां जाने पर घरवाले सच्चाई जान जाते। विजडम जॉब्स का शुरुआती दौर काफी धीमा रहा और कुछ भी योजना के मुताबिक नहीं हो पाया। अजय बताते हैं कि उन्हें पहली डील हासिल करने में 4 महीने लग गए। पहला मौका उन्हें हिंदुस्तान यूनीलीवर ने दिया। यहीं से उनके बिजनेस को रफ्तार मिल गई। इस डील ने अजय का बिजनेस बढ़ाने के साथ उनके आत्मविश्वास को भी नई जिंदगी दे दी। अपने तजुर्बे पर बात करते हुए अजय कहते हैं कि उन्होंने क्वांटिटी से ज्यादा क्वालिटी पर फोकस करने का फैसला किया। जिससे उन्हें अपनी साख को मजबूत बनाने में काफी मदद मिली। 4 लोगों की टीम के साथ अपने पहले वित्तीय वर्ष (2010 से 11) में विजडम जॉब्स ने 60 लाख का टर्नओवर हासिल किया। अपने वेंचर को विस्तार देने के लिए उन्होंने 2011 में हैदराबाद में एक बड़ा ऑफिस लिया और 2013 में बेंगलुरु और चेन्नई में भी अपने ऑफिसर स्थापित किए।
दुनिया में पहचान बनाना है लक्ष्य
अजय ने एक ई-यूनिवर्सिटी भी तैयार की है। यह ऑनलाइन लर्निंग हब है, जहां इंडस्ट्री फ्रेशर्स और जॉब की तलाश करने वाले अपनी स्किल्स को और बेहतर बना सकते हैं। अपनी सफलता की कहानी बताते हुए अजय बड़े गर्व से कहते हैं कि आज उनकी कंपनी के पास 30 मिलियन रिज्यूमे का डाटा बेस तैयार हो चुका है और लॉन्च होने के बाद से कंपनी की सालाना वृद्धि दर सौ फिसदी से ज्यादा रही है। 2012-13 में जो टर्नओवर 8 करोड़ रुपए के स्तर पर था, वह 2013-14 में 22 करोड़ के आंकड़े को छू चुका है। आगे की योजना के बारे में बताते हैं कि अमेरिकी बाजार में अपनी मजबूत स्थिति बनाना उनकी प्लानिंग का बड़ा हिस्सा है। साथ ही वे देश के मेट्रो शहरों और दुनिया भर में अपने बिजनेस को विस्तार देने की भी योजना बना रहे हैं।
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