पानी और बिजली की बचत का तरीका निकाला

 दोस्तों से उधार ले-लेकर बनाया करोड़ों का बिज़नस।

नौकरी छोड़कर उन्होंने पहले सोलर फोटोवोल्टिक सिस्टम्स की ट्रेनिंग ली और फिर फ्लक्सजेन इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी की शुरुआत की। उन्होंने एनर्जी और वाटर मैनेजमेंट प्रोजेक्ट्स हाथ में लिए और क्लाइंट की जरूरत के अनुरूप सॉफ्टवेयर डेवलप कर उन्हें कस्टमाइज किया।

कंपनी : फ्लक्सजेन 
संस्थापक : गणेश शंकर
औचित्य : अपने सॉफ्टवेर के द्वारा पानी और बिजली की बचत का तरीका निकाला।



भारत और दूसरे विकसित देशों में पानी और ऊर्जा संसाधनों की कमी का एक बड़ा कारण इनका अपव्यय है। प्राइस वाटर हाउस कूपर्स के अनुसार अपव्यय को रोककर देश के एक करोड़ घरों में बिजली की आपूर्ति की जा सकती है। बैचलर डिग्री लेने के बाद जनरल इलेक्ट्रिक की एविएशन सिस्टम बिजनेस सेगमेंट में काम करने वाले गणेश एक ओर अपने कैरियर में ठहराव से परेशान थे। दूसरी चिंता यह थी कि उनके काम से आम लोगों को फायदा नहीं हो रहा था। नौकरी छोड़कर उन्होंने पहले सोलर फोटोवोल्टिक सिस्टम्स की ट्रेनिंग ली और फिर फ्लक्सजेन इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी की शुरुआत की। उन्होंने एनर्जी और वाटर मैनेजमेंट प्रोजेक्ट्स हाथ में लिए और क्लाइंट की जरूरत के अनुरूप सॉफ्टवेयर डेवलप कर उन्हें कस्टमाइज किया। कंपनी का आर एंड डी पर खर्च ज्यादा था और इसके लिए गणेश को कई बार अपने दोस्तों से पैसे उधार लेने पड़े। कई बार क्लाइंट उन्हें खारिज कर देते या मेहनत का अपेक्षित परिणाम नहीं मिलता तो वे चिंतित हो जाते। ऐसे समय में वह इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्रों को पढ़ाने चले जाते। शिक्षकों के परिवार से होने के चलते टीचिंग गणेश का शौक था और स्ट्रेस बस्टर भी। उन्होंने अब तक कोई फंडिंग नहीं ली और कंपनी से होने वाले मुनाफे को दोबारा निवेश की नीति अपनाई। 20 लोगों की टीम के साथ आज उनकी सालाना कमाई एक करोड़ रुपए से ज्यादा है।

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