10000 रुपये से शुरू किया काम अब 100 करोड़ की कमाई का लक्ष्य


10,000 रुपये से शुरू किया काम अब 100 करोड़ की कमाई का लक्ष्य

लोगों की ये धारणा है कि कड़ी मेहनत के बल पर कुछ भी हासिल कर सकते हैं जो आज थोड़ा बहुत घिसा लगता है। 48 वर्षीय सचिन कुमार शिंदे छोटे-मोटे बिजनेस का सपना संजोने वाले ने कभी ये नहीं सोचा होगा की एक दिन वो AC रिपेयरिंग जैसे काम के बल पर इतने बड़े बिज़नस को आयाम दे पाएंगे। 

कंपनी : स्पैन स्पेक्ट्रम
संस्थापक : सचिन शिंदे
औचित्य : AC रिपेयरिंग के बिज़नस को घर तक पहुँचाया। 

वर्ली के BDD चाल में एक छोटे से कमरे में रहने वाले, मिल मजदूर पिता के घर पैदा हुए सचिन को बचपन में स्कूल जाने के लिए रोज 20 पैसे मिलते थे जबकि बस का किराया भी इतना ही था। सचिन अपने हिस्से का पैसा बहन को दे, देते थे और खुद पैदल जाते। 
सचिन खुद कहते हैं "उस समय हमें, सिर्फ बस टिकट के लिए 20 पैसे ही खर्च को मिलते थे और बस का किराया भी 20 पैसे ही हुआ करता था तो, मैं बस टिकट के लिए मेरी बहन को अपना हिस्सा दे देता और स्कूल के लिए पैदल ही चल देता। इन घटनाओं ने मुझ पर गहरा प्रभाव छोड़ दिया। और तभी हमने निश्चय किया कि मैं एक सर्विस मैन के रूप में नहीं बल्कि एक व्यापारी के रूप में आगे बढूंगा"। 
सचिन शिंदे ने तभी दृढ फैसला कर लिया था कि बड़े होकर अपना बिजनेस करेंगे। जबकि घर की हालत ऐसी नहीं थी कि ज्यादा पढ़ाई कर सकें। करीयर की शुरुआत उन्होंने एक प्राइवेट कंपनी के साथ की। फिर भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में टेक्निकल सुपरवाइजर बने। जहां उनका काम एसी, फ्रीज और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की रिपेयरिंग करना था। इसी दौरान एक दिन मुंबई में हड़ताल थी और बार्क के डायरेक्टर के कार की ac खराब हो गई। नियम के मुताबिक इसे किसी बाहरी एजेंसी से ठीक कराना था। लेकिन विकल्प नहीं होने के चलते सचिन को यह काम करना पड़ा। इस एक घटना के बाद वह कैरियर में तेजी से आगे बढ़ने लगे। लेकिन सचिन अपने व्यवसाय की शुरुआत के बारे में लगातार सोच रहे थे। उन्होंने दोस्तों से ₹10000 उधार लिया और सरकारी नौकरी छोड़ स्पेन स्पेक्ट्रम की शुरुआत कर दी। पहले 5 साल उन्होंने एक प्राइवेट कंपनी के सर्विस प्रोवाइडर के रूप में काम किया, लेकिन उनकी सलाना कमाई पांच करोड़ रुपए से ज्यादा थी। फिर यूनिसेफ के एक प्रोजेक्ट से जुड़ गए और काम तेजी से बढ़ने लगा। 2006 में उन्होंने एफएमसीजी और कंज्यूमर गुड्स कंपनियों के साथ जुड़ना शुरु किया। कोका कोला, गोदरेज, एलजी, कैडबरी जैसी कंपनियां उनकी क्लाइंट बनी, और 2012 तक सालाना कारोबार 20 करोड़ से ज्यादा हो गया। सचिन कामयाबी का श्रेय अपनी मेहनत और टीम को देते हैं। अगले 5 साल में उन्होंने सालाना कारोबार 100 करोड़ रुपए से ज्यादा पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

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